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नामीबिया से आए दो चीतों ने छूटते ही ऐसा क्या किया कि PM मोदी को बोलना पड़ा - "अच्छी खबर!"

वन अधिकारी खुश हो गए!

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कूनो नेशनल पार्क में चीते.

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में दो चीतों को अब छोटे घेरा से निकाल कर एक बड़े घेरा में छोड़ा गया है. चीतों ने छूटते ही अपना पहला शिकार किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ये चीते अभी तक क्वारंटीन में थे. यहां से छूटते ही 24 घंटे के भीतर उन्होंने अपना पहला शिकार किया है. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि चीता ने एक चीतल (हिरण) का शिकार किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक इन दो चीतों के नाम- फ्रेडी और एल्टन है. इन्हें बीते 5 नवंबर को जंगल के एक बड़े घेरे में छोड़ा गया है. वे करीब 50 दिन से क्वारंटीन में थे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,

'ऐसी उम्मीद नहीं थी कि 24 घंटे के भीतर ही चीते शिकार कर लेंगे. ये दर्शाता है कि चीते एकदम फिट हैं और जिस बात का डर था कि क्वारंटीन में रखने के कारण वे कमजोर हो गए होंगे, वैसा कुछ नहीं है.'

वन अधिकारियों ने कहा कि अभी तो फ्रेडी और एल्टन को ही छोड़ा गया है लेकिन जल्द ही बाकी चीतों को भी बड़े घेरों में छोड़ा जाएगा. कई कैमरों की मदद से इन पर नजर रखी जा रही है. वन अधिकारी एक मादा चीता आशा पर भी नजर बनाए हुए हैं, जिसे लेकर ये अनुमान जताया गया था कि वह गर्भवती है. आशा को 10 नवंबर को जंगल में छोड़ा जाएगा.

मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर 17 सितंबर को नामीबिया से 8 चीते भारत में लाए गए थे. इसमें 5 मादा और 3 नर चीता है. साल 1952 में भारत में चीता को विलुप्त घोषित कर दिया गया था.

नामीबिया से लाए गए नर चीतों की उम्र 4.5 साल से 5.5 साल है, जबकि पांच मादा चीतों की उम्र 2 से 5 साल के बीच है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चीतों को बड़े क्षेत्र में छोड़ने पर खुशी जाहिर की. उन्होंने ट्वीट कर कहा,

‘अच्छी खबर! मुझे बताया गया है कि अनिवार्य क्वारंटीन के बात दो चीतों को बड़े घेरे में छोड़ा गया है ताकि वो कूनों के जंगलों को अपना सकें. बाकियों को भी जल्द छोड़ा जाएगा.'

उन्होंने कहा कि ये खुशी की बात है कि सभी चीते स्वस्थ हैं और अच्छे से खुद को माहौल के अनुरूप ढाल रहे हैं.

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