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'अतीक को जिंदा ना रखो', सजा से नाखुश उमेश की मां-पत्नी CM योगी से क्या करने को बोल गईं?

MP-MLA अदालत ने अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा दी है.

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(बाएं-दाएं) भारी पुलिस बल के बीच कोर्ट से निकलता अतीक अहमद और उमेश पाल की मां शांति पाल. (तस्वीरें- आजतक/इंडिया टुडे)

उमेश पाल अपहरण मामले (Umesh Pal Kidnapping) में माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) को सजा सुना दी गई है. प्रयागराज के MP-MLA कोर्ट ने मंगलवार, 28 अप्रैल को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई. अतीक के साथ दो और दोषियों दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को भी उम्रकैद की सजा मिली है. कोर्ट के इस फैसले पर उमेश पाल के परिवार वालों की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने यूपी सरकार से अतीक अहमद के लिए मौत की सजा की मांग की है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट के फैसले के बाद उमेश पाल की मां शांति पाल और पत्नी जया पाल ने मीडिया से बात की. मां शांति पाल ने रोते हुए कहा कि उनका बेटा ‘शेर’ था. उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि अतीक अहमद को फांसी की सजा दी जाए. उमेश पाल की मां ने कहा,

“इनको फांसी की सजा दी जाए, इनको जिंदा न रखा जाए.”

वहीं उमेश की पत्नी जया पाल ने कहा,

“जब तक अतीक के परिवार को खत्म नहीं किया जाएगा, तब तक आतंक चलता रहेगा.”

जया ने आगे कहा कि उन्हें न्याय चाहिए, अतीक अहमद को मौत की सजा होनी चाहिए.

भाई अशरफ बरी

मंगलवार, 28 मार्च को कोर्ट ने अतीक अहमद के साथ दो और दोषियों को सजा सुनाई. कोर्ट ने तीनों के ऊपर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. वहीं अतीक के भाई अशरफ सहित बाकी सात आरोपियों को बरी कर दिया गया है.

इससे पहले, माफिया अतीक अहमद को 27 मार्च को अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल से प्रयागराज की नैनी जेल में लाया गया. उसे 28 मार्च को अदालत के सामने पेश किया गया. इस दौरान कोर्ट में वकीलों ने नारेबाजी की.

अपहरण मामले में मिली सजा

25 जनवरी 2005 को BSP के तत्कालीन विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में देवीलाल पाल और संदीप यादव की भी मौत हुई थी. केस में तत्कालीन SP सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे. जबकि चार अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था. इस केस में मुख्य गवाह उमेश पाल थे, जो राजू पाल के रिश्तेदार भी थे. उमेश का 28 फरवरी 2006 को अपहरण कर लिया गया. इसका आरोप लगा अतीक अहमद पर. उमेश पाल ने जो शिकायती पत्र दायर किया, उसके मुताबिक अतीक ने इस मामले में उस पर बयान बदलने का दबाव डाला था. लेकिन ऐसा नहीं करने पर उसका अपहरण कर लिया गया.

उमेश पाल की हत्या हुई थी

अपहरण के इसी मामले पर कोर्ट में बहस के लिए ही इस साल 24 फरवरी को उमेश पाल कोर्ट गए थे. कोर्ट की कार्रवाई खत्म होने के बाद उमेश पाल घर वापस आ रहे थे. वो जैसे ही घर पहुंचकर गाड़ी से उतरे, पीछा कर रहे बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. वारदात उमेश के घर के ठीक सामने हुई. इसमें उमेश की सुरक्षा में तैनात 2 पुलिस वालों की भी मौत हो गई. इस हत्याकांड के आरोप अतीक अहमद और उसके बेटे असद, पत्नी शाइस्ता परवीन, शूटर मोहम्मद गुलाम, अरमान, साबिर और गुड्डू मुस्लिम पर लगे हैं.

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