केंद्रीय मंत्री और अरुणाचल पश्चिम संसदीय क्षेत्र से सांसद किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने हाल में सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की थी. फोटो एक दुकान की थी, लेकिन उसके ऊपर पब्लिक टॉयलेट का बोर्ड लगा हुआ था. तस्वीर में बोर्ड पर लिखा था कि इसको सांसद फंड से बनवाया गया है. यह पब्लिक टॉयलेट साल 2015 में सांसद रिजिजू के फंड से ही बनवाया गया था. लेकिन बोर्ड के नीचे पब्लिक टॉयलेट की बजाए एक दुकान थी. तस्वीर देखकर ऐसा लग रहा था कि एक पब्लिक टॉयलेट पर अतिक्रमण करके दुकान खोल ली गई है.
सार्वजनिक शौचालय में शॉप खुल गई? किरेन रिजिजू गजब कन्फ़्यूज़ होकर ट्वीट कर गए
फिर सामने आया सच!
इसी तस्वीर को पोस्ट करते हुए किरेन रिजिजू ने लिखा,
मुझे किसी से यह तस्वीर मिली है. संबंधित विभाग इस पर जरूरी कार्रवाई करें. या मैं औपचारिक तौर पर उचित कार्रवाई शुरू करूंगा.
बोर्ड देखकर ये पता चला कि फोटो नाहरलगुन (Naharlagun) शहर के बाजार की है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक रिजिजू की पोस्ट के बाद प्रशासन हरकत में आ गया. ईटानगर के डिप्टी कमिश्नर तालो पोटोम (Talo Potom) के साथ नाहरलागुन मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन के लोग, पब्लिक टॉयलेट के कॉन्ट्रैक्टर और सोशल वर्कर उस जगह पर पहुंचे. और वहां पहुंचकर पूरी सच्चाई सामने आई.
क्या पब्लिक टॉयलेट को दुकान बना दिया गया था?दरअसल, सार्वजनिक टॉयलेट पर कब्जा नहीं हुआ था. टॉयलेट उस दुकान के ऊपर मौजूद सीढ़ियों के पीछे है. बस बोर्ड गलत जगह लगा होने की वजह से कन्फ्यूजन हो गई. मीडिया से बात करते हुए डिप्टी कमिश्नर तालो पोटोम ने बताया कि सार्वजनिक टॉयलेट पर अतिक्रमण की बात सही नहीं है औऱ बोर्ड गलत जगह लगे होने की वजह से कन्फ्यूजन हुई.
इसके बाद किरेन रिजिजू ने कन्फ्यूजन दूर करले वाला वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया,
गलतफहमी दूर हो गई है. अब मैं संतुष्ट हूं क्योंकि लोग सुविधाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं.
वहीं डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए अलग-अलग पब्लिक टॉयलेट हैं, हालांकि उन्होंने ये माना कि टॉयलेट अच्छी हालत में नहीं हैं. उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि राजधानी ईटानगर के साथ-साथ राज्य के कई शहरों और कस्बों में कई सरकारी भूमि और क्वार्टरों पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है और सरकार अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रही है.