उत्तर प्रदेश के उन्नाव (Unnao, Uttar Pradesh) में एक शख्स ऑनलाइन मंगवाई गई हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों (Statues of Hindu Gods) के जरिये पूरे गांव से पैसे ऐंठ रहा था. उसने गांव के लोगों को बताया कि उसे जमीन में मूर्तियां गड़ी मिली थीं. ये बात गांव में जंगल की आग की तरह फैली और देखते ही देखते लोगों ने इस शख्स के पास आकर मूर्तियों के आगे चढ़ावा देना शुरू कर दिया. लेकिन डिलीवरी करने वाले और पुलिस ने जल्दी ही इस आदमी की पोल खोल दी.
169 रुपये में ऑनलाइन मूर्ति मंगवाकर बोला - "देखो देखो! खेत से मूर्ति निकली है," जेल चला गया!
लोगों ने चढ़ावा देना शुरू कर दिया था, मंदिर बनवाने की योजना थी, लेकिन मौक़े पर डिलीवरी वाला पहुंच गया!
मामला उन्नाव के हसनगंज इलाके के महमदपुर गांव का है. और आरोपी का नाम है रवि. एक दिन रवि ने अपने गांववालों को बताया कि उसे खेत में हल जोतने के दौरान जमीन में कुछ मूर्तियां गड़ी हुई मिली थीं. लेकिन मूर्ति ज़मीन में थोड़े न मिली थी. मूर्ति ऐमज़ॉन पर ऑर्डर देकर मंगवाई गई थीं. लेकिन गांववालों को कहां पता था? ये तो पता था बस रवि को. तो उसने इन्हें जमीन में गाड़ दिया और कह दिया कि मूर्तियां जमीन से निकली हैं. गांव के लोग रवि की बातों में आ गए और इसे चमत्कार मानने लगे.
इसके बाद वही हुआ जो ऐसे मामलों में हमेशा होता है. लोगों ने चमत्कार के दावे को सच मानकर मूर्तियों की पूजा करना शुरू कर दिया. वो इनसे अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करने लगे और बदले में पैसे चढ़ाने लगे. जबकि रवि ने इन मूर्तियों को मात्र 169 रुपये में ऑनलाइन परचेज़ किया था.
अगली योजना थी पैसा जुटाकर मंदिर बनाने की. ख़बरें बताती हैं कि रवि ने अपने पूरे परिवार को इस प्लान में पकड़ लिया था. चबूतरा तक बनाने की योजना पर काम चल रहा था. गांव के लोग पैसा चढ़ाने लगे थे.
इससे पहले कि वहां मंदिर बनने की नौबत आती, बात पुलिस के पास पहुंच गई. और पुलिस ने मदद ली गोरेलाल की. गोरेलाल कौन? निजी कूरियर कंपनी में काम करने वाले गोरेलाल. आजतक की खबर बताती है कि गोरेलाल ने पुलिस को जानकारी दी कि अशोक के बेटे रवि ने मूर्तियों का बक्सा ऑनलाइन मंगवाया था. पुलिस समझ गई. इधर भीड़ पूजापाठ कर रही थी, तो पुलिस ने भीड़ को हटाया. और रवि, रवि के भाई विजय और रवि-विजय के पापा अशोक को हिरासत में ले लिया. थोड़ी सख़्ती से पूछताछ हुई तो बात खुल गई. मामला कमाई से जुड़ा था. और खिलवाड़ की गई लोगों की आस्था के साथ.
बांगरमऊ के सर्किल अफ़सर पंकज कुमार सिंह ने आजतक से बातचीत में कहा,
"अशोक और उनके दो लड़के पिछले 2 दिनों से गांव के लोगों को बहला फुसला रहे थे कि उनके खेत में कोई सपना आया है. जिसके माध्यम से उन्होंने खेत में खुदाई की और खुदाई में मूर्तियां निकली हैं. और वहां पर एक मंदिर स्थापित करना चाह रहे थे. जांच की गई तो पाया गया यह मूर्तियां उन्होंने ऐमज़ॉन से मंगाई थी. फिर गांव के लोगों को सही बात बताई गई."
फिर सब अपने-अपने घर गए. और अशोक, रवि और विजय का चालान कटा शांति भंग की धारा में.
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