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अमेठी: जमीन पर बैठे बुजर्ग की DM ने सुनाई अलग कहानी, लोग बोले- कुर्सी वाली फोटो है कहां?

अधिकारियों के सामने जमीन पर बैठे बुजुर्ग की तस्वीर वायरल होने पर लोगों ने प्रशासन के रवैये पर सवाल उठाए थे.

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सोशल मीडिया पर वायरल बुजुर्ग की तस्वीरें. (फोटो: सोशल मीडिया)

सोशल मीडिया पर एक बुजुर्ग व्यक्ति की तस्वीर वायरल है. एक सरकारी ऑफिस का कमरा है, जिसमें चारों तरफ अधिकारी और पुलिसवाले बैठे हैं और बीच में एक शख्स अपनी फरियाद लिए जमीन पर बैठा है.

पहली बार फोटो देखने पर आपको लगेगा कि ये प्रेमचंद के किसी कहानी का पात्र है, जो सरकारी तंत्र के आगे एकदम लाचार है और अपनी मांग लिए दफ्तर में विनती कर रहा है. लेकिन ऐसा नहीं है. ये तस्वीर आज के ही भारत की है और बता रही है कि सुशासन के तमाम दावों के बीच ज्यादा कुछ बदला नहीं है.

बहरहाल, इस तस्वीर के सामने आते ही सोशल मीडिया पर आरोपों और प्रत्यारोपों की झड़ी लग गई. किसी ने कहा कि ये भारतीय लोकतंत्र के मुंह पर तमाचा है. किसी ने कहा कि ये सामतंवादी सोच है तो किसी ने कहा कि ये देश की नौकरशाही की असली तस्वीर है.

जांच-पड़ताल के बाद पता चला कि ये फोटो उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले की तिलोई तहसील की है. यहां संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया था. इसका मकसद तहसील के लंबित मामलों जैसे कि जमीन विवाद, कब्जा, फर्जी विवाद जैसे मामलों का जल्द निपटारा कर स्थानीय लोगों को राहत देना था. इस मौके पर एक बुजुर्ग शख्स भी अपनी फरियाद लेकर पहुंचे थे, जहां जमीन पर बैठे उनकी तस्वीर सामने आई है. 

फोटो में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि पुलिसवाले और दूसरे अधिकारी कुर्सी पर बैठे हैं और सफेद कुर्ता-पायजामा पहने और कंधे पर गमछा रखे बुजुर्ग व्यक्ति न्याय की आस में जमीन पर बैठे हैं.

डीएम का जवाब

इस तस्वीर को लेकर जब प्रशासन पर सवाल उठे, तो अमेठी के डीएम राकेश कुमार मिश्रा ने पहले तो सफाई पेश की और फिर एक पत्रकार पर ही आरोप लगा दिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा,

‘तहसील तिलोई में संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान शिकायत लेकर आए बुजुर्ग को पत्रकार जय प्रकाश पांडे द्वारा सभागार में जमीन पर बिठाकर लिया गया फोटो वायरल किया गया, जैसा कि फोटो देखने से स्पष्ट है कि बुजुर्ग कैमरे की तरफ देख रहें हैं. बुजुर्ग को वहां से उठाकर तत्काल कुर्सी पर बैठाया गया.’

हालांकि, ऐसा नहीं है कि बुजुर्ग कैमरे की ही तरफ देख रहे थे. उनकी दो फोटो सामने आई है, जिसमें से एक में वो सामने बेंच की तरफ देख रहे हैं और दूसरी फोटो में वो अपनी बाईं तरफ देख रहे हैं.

इधर जिलाधिकारी के दावे के बाद लोगों ने ये भी पूछा कि अगर ‘डीएम ये दावे के साथ कह सकते हैं कि पत्रकार ने बुजुर्ग को बिठाकर फोटो खींचा है, तो कुर्सी पर बिठाने वाली तस्वीर कहां है?’.

कर्सी वाली फोटो कहां है?

@Pandey_G1 हैंडल से एक शख्स ने ट्वीट कर कहा, ‘कुर्सी पर बिठाने वाली फोटो कहां है @DmAmethi साहब? सबको मालूम है कि जन्नत की हकीकत क्या है.'

वहीं डॉ. संजय पटेल (@Sanjay_RDVVJBP) नाम के एक अन्य यूजर ने कहा, 

‘सर, ये बुजुर्ग बंधु अधिकारियों के सामने न्याय की आस में बैठे हैं. इनके चहरे के सामने देखिए. अधिकारियों की टेबल का एक हिस्सा दिख रहा है. पहले तो ये अधिकारियों की तरफ मुंह करके बैठे हैं. इसमें तो फोटोग्राफर की तरफ नहीं देख रहे हैं. जो फोटो आप दिखा रहे हैं वो बाद की है.’

उत्तर प्रदेश फेक्ट चेक ने इस फोटो का फैक्ट चेक करने की बात कही है. कहा गया है कि समाधान दिवस के दौरान बुजुर्ग खुद जमीन पर बैठ गए थे, जिन्हें तत्काल कुर्सी पर बिठाया गया. ट्वीट में अमेठी के डीएम के हवाले से कहा गया,

'सोशल मीडिया पर कुछ अकाउंट्स द्वारा अमेठी में बुजुर्ग के साथ अशिष्ट व्यवहार की फोटो वायरल की जा रही है. इस संदर्भ में अमेठी, जिलाधिकारी की तरफ से बताया गया है कि समाधान दिवस के दौरान बुजुर्ग खुद जमीन पर बैठ गए थे, जिन्हें तत्काल कुर्सी पर बिठाया गया.'

इस ट्वीट में आगे कहा गया कि वायरल की जा रही फोटो वास्तविक परिस्थिति को प्रदर्शित नहीं करती है. कृपया भ्रामक सूचनाओं को सोशल मीडिया पर प्रसारित करने से बचें.

पत्रकार का जवाब

इस फोटो को खींचने वाले पत्रकार जय प्रकाश पांडे हिंदी अखबार दैनिक जागरण के संवाददाता हैं. उन्होंने दी लल्लनटॉप के साथ बातचीत में अमेठी डीएम के आरोपों को खारिज किया और कहा कि वो प्रशासन में सुधार की जगह पत्रकारों पर दबाव बना रहे हैं.

उन्होंने डीएम के ट्वीट पर कहा, 

'अब वो डीएम हैं, सक्षम अधिकारी हैं. वो जो चाहें लिख सकते हैं. हम ऐसा क्यों करेंगे? कोई पत्रकार ऐसा करता है क्या? आप ही बताइए कि क्या कोई पत्रकार इतने अधिकारियों के सामने बुजुर्ग को बिठाकर फोटो ले सकता है?'

(फोटो क्रेडिट: पत्रकार जय प्रकाश पांड)

पत्रकार ने ये भी कहा कि इस फोटो के वायरल होने के बाद प्रशासन के लोगों ने उनसे सवाल किया था कि उन्होंने आखिर ऐसा फोटो क्यों खीचा था. जय प्रकाश पांडे ने ये भी बताया कि वहां फरियादी और आगंतुकों के लिए कोई कुर्सी नहीं थी, सिर्फ अधिकारियों के बैठने का इंतजाम किया गया था.

उन्होंने कहा, 

'डीएम का दावा बिल्कुल निराधार है. वो अपना दामन बचाने के लिए के लिए पत्रकारों पर दबाव बना रहे हैं. उन्हें तो ये फोटो देखकर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए थी.'

बुजुर्ग व्यक्ति का नाम महादेव है और वो अमेठी के 'चेतरा बुजुर्ग' गांव के रहने वाले हैं. वो अपनी पुश्तैनी जमीन का मामला लेकर प्रशासन के पास आए थे.

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