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'लव जिहादी दुकानें खाली करें वर्ना...', उत्तरकाशी में मुस्लिम दुकानदारों को किसने दी खुली धमकी?

दुकानें खाली करने के लिए मुस्लिमों को 15 जून तक का वक्त दिया गया है.

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चिपकाए गए धमकी भरे पोस्टर. ( फोटो: आजतक)

हाल ही में उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक नाबालिग लड़की के कथित अपहरण का मामला सामने आया था. इसके बाद से ही जिले के पुरोला बाजार इलाके में बवाल मचा हुआ है. अब यहां के मुस्लिम समुदाय के दुकानदारों को इलाका छोड़ने की धमकी मिलने की खबर आई है.

आजतक से जुड़े ओंकार बहुगुणा की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार, 4 जून की रात को कुछ अज्ञात लोगों ने पुरोला बाजार में कुछ दुकानों पर धमकी भरे पोस्टर चिपका दिए गए. बताया गया कि ये दुकानों मुस्लिम समुदाय के लोगों की हैं. पोस्टर में उन्हें 15 जून को होने वाली किसी ‘महापंचायत’ से पहले दुकानें खाली करने की धमकी दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक बढ़ते तनाव को देखते हुए कुछ दुकानदार इलाका छोड़कर चले गए हैं.

इससे पहले शनिवार, 3 जून को कुछ हिंदूवादी संगठनों द्वारा बड़कोट इलाके में उग्र प्रदर्शन किया गया था. इस दौरान मुस्लिम समुदाय की दुकानों पर कालिख पोत दी गई. फिर 4 जून की रात को कुछ लोगों ने इन दुकानों पर धमकी भरे पोस्टर चस्पा कर दिए. इसके बाद इलाके में पुलिस की तैनाती कर दी गई.

पुलिस ने क्या बताया?

रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी का कहना है कि पोस्टर सोमवार को ही हटा दिए गए थे. उन्हें चिपकाने वालों की पहचान करने के लिए जांच की जा रही है. उन्होंने कहा,

‘कुछ शरारती तत्वों द्वारा बंद दुकानों पर पोस्टर चस्पा किए गए थे. हमने इन पोस्टरों को हटा दिया है और ऐसा करने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान की जा रही है. जांच के बाद इनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. पुरौला की स्थिति को देखते हुए पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है रात में गश्त बढ़ा दी गई है.’

वहीं इस मामले को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि राज्य की कानून व्यवस्था बिगड़ने नहीं दी जाएगी. सीएम ने कहा,

‘लव जिहाद हो या लैंड जिहाद हो, इस पर हम सख्ती से कार्रवाई करेंगे. सरकार इस पर सख्ती से काम कर भी रही है. उत्तराखंड शांत प्रदेश है. यहां के मूल स्वरूप को हम बिगड़ने नहीं देंगे. यहां कानून व्यवस्था अच्छी है और लोग भाईचारे से रहते हैं. ऐसे में कोई यहां पर कानून व्यवस्था को तोड़ने का प्रयास करेगा तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.’

क्या है पूरा मामला?

उत्तरकाशी जिले में पुरोला नगर पंचायत है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीती 26 मई को उवेद खान नाम का एक युवक और उसका साथी जितेंद्र सैनी, एक स्थानीय दुकानदार की नाबालिग बेटी को साथ ले जाने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि दोनों को 27 मई को गिरफ्तार कर लिया गया. स्थानिय लोगों के मुताबिक लड़की को शादी का झांसा दिया गया था.

इस घटना के बाद से पुरोला के स्थानीय लोगों में गुस्सा फूट पड़ा. और देखते ही देखते स्थानीय लोगों, दुकानदारों और इलाके के संगठनों ने पुरोला में कथित बाहरी दुकानदारों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरान मुस्लिम समुदाय की दुकानों के बोर्ड हटाने और शहर छोड़ने की चेतावनी दी गई थी. बताया गया कि इन प्रदर्शनों में भाजपा और आरएसएस के लोग भी शामिल थे. इन्हीं प्रदर्शनों के बाद करीब 42 दुकानदार अपनी दुकानें छोड़कर चले गए.

आजतक के ओंकार बहुगुणा की खबर के मुताबिक, बाहरी दुकानदारों के विरोध में पुरोला बाजार में लोकल दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दी थीं. इन लोगों का कहना था कि बाहरी लोग और दुकानदार यहां आकर व्यापार की आड़ में कई तरह के अपराध करते हैं. चोरी की घटनाएं होती रहती हैं. 

स्थानीय लोगों ने ढोल नगाड़े बजाते हुए पूरे इलाके में जुलूस निकाला और बाहरी दुकानदारों को पुरोला से बाहर निकालने की मांग की. लोगों के आक्रोश को देखते हुए व्यावसायिक संस्थानों, दुकानों और इलाके के होटल वगैरह बंद करवा दिए गए. इसके बाद भारी संख्या में पुलिस फ़ोर्स की तैनात की गई.

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