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ज्ञानवापी पर आए वाराणसी कोर्ट के आदेश पर ओवैसी ने क्या कहा?

मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि हिंदू पक्ष की याचिका सुनवाई के लायक है.

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ओवैसी ने आदेश पर चिंता जताई | फोटो: आजतक

ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) विवाद पर आए वाराणसी जिला कोर्ट के आदेश पर असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कोर्ट के आदेश पर चिंता जताते हुए कहा कि इस तरह के फैसले से 1991 के वर्शिप एक्ट का मतलब ही खत्म हो जाता है. ओवैसी का मानना है कि ज्ञानवापी मस्जिद का केस बाबरी मस्जिद के रास्ते पर दिख रहा है.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस पर आए फैसले को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा,

जो ऑर्डर आया है उससे देश में बहुत सी चीजें शुरू हो जाएंगी. हर कोई कोर्ट में जाकर ये कहेगा कि 15 अगस्त 1947 से पहले से हम यहां पर थे. ऐसे में 1991, वर्शिप एक्ट का मकसद ही फेल हो जाता है. वर्शिप एक्ट इसलिए लाया गया था कि इस तरह के विवाद हमेशा के लिए खत्म हो जाएं. लेकिन अब कोर्ट के ऑर्डर से लगता है कि हम 80-90 के दशक में वापस जा रहे हैं. जो कि ठीक नहीं होगा. ओवैसी ये भी बोले कि ज्ञानवापी केस बाबरी मस्जिद की दिशा में जाता दिख रहा है.

‘Varanasi Court का फैसला अस्थिरता पैदा करेगा’

ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया में आगे कहा,

जिला कोर्ट का फैसला अस्थिरता पैदा करेगा. जब बाबरी मस्जिद पर फैसला आया था, तब भी मैंने चेताया था कि इससे देश के लिए दिक्कतें पैदा होंगी. क्योंकि फैसला आस्था के हिसाब से दिया गया था.

AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ये भी कहा कि जिला कोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट में अपील करनी चाहिए.

बता दें कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार, 12 सितंबर को अपना फैसला सुनाया. जिला जज एके विश्वेश ने फैसला हिंदू पक्ष के हक में दिया. कोर्ट ने माना कि हिंदू पक्ष की याचिका सुनने के लायक है. वहीं, अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया. जिसमें उसकी दलील दी गई थी कि ज्ञानवापी पर 1991 का वर्शिप एक्ट लागू होता है. 

वीडियो देखें: ज्ञानवापी मस्जिद में कथित शिवलिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?