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कलेक्टर क्या कर रहे थे कि शिवराज ने भरी मीटिंग हड़का दिया, देखिए वायरल वीडियो!

'हर एक की गतिविधि पर मेरी नजर रहती है'

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फोटो: आजतक)

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) एक कार्यक्रम के दौरान एक अधिकारी पर भड़क गए और अधिकारी की क्लास लगा दी. दरअसल, गुरुवार 19 मई को 'मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना' के तहत एक वर्चुअल कार्यक्रम चल रहा था. इस दौरान सीएम शिवराज बुरहानपुर कलेक्टर प्रवीण सिंह पर गुस्सा हो गए और उन्हें डांटते हुए कहा,

"कलेक्टर बुरहानपुर भी इधर-उधर मुंडी नहीं हिलाएं. सामने देखें सीधे. प्रवीण, जब मैं बोल रहा हूं, तो तुम्हें बात करने का कोई अधिकार नहीं है. हर एक की गतिविधि पर मेरी नजर रहती है."

आजतक से जुड़े रवीश पाल सिंह के मुताबिक भू-अधिकार योजना के तहत भू-अधिकार पत्र और स्थाई पट्‌टे बांटने के कार्यक्रम में कई नेता और कलेक्टर मौजूद थे. सीएम शिवराज जब अपना संबोधन खत्म कर रहे थे, तभी बुरहानपुर कलेक्टर प्रवीण सिंह की गतिविधियों को देखकर उन्हें गुस्सा आ गया और बीच बैठक में ही उन्हें फटकार लगा दी.

हालांकि वीडियो सामने आने के बाद ये खबर आई है कि शिवराज सिंह चौहान ने जिस अधिकारी को बुरहानपुर कलेक्टर समझ कर डांटा, वो कलेक्टर नहीं एसडीएम हैं. शिवराज सिंह चौहान के साथ मीटिंग के दौरान कलेक्टर की जगह बुरहानपुर के एसडीएम काशीराम बडोले थे. बुरहानपुर कलेक्टर प्रवीण सिंह छुट्टी पर थे. सीएम को इस बात की जानकारी नहीं थी. सीएम के साथ मीटिंग के दौरान एसडीएम बडोले इधर-उधर बात कर रहे थे. यह देखकर शिवराज सिंह चौहान को गुस्सा आ गया.

मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना क्या है?

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बताया कि 'मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना' इसलिए बनाई गई है ताकि कई वर्षों से जिनका जमीन पर कब्जा है, उन्हें उसका वैधानिक अधिकार मिले. उन्होंने ट्वीट किया,

"आज मैं अपना संकल्प व्यक्त कर रहा हूं कि जिस गरीब के पास रहने की जमीन का टुकड़ा नहीं है, उसको रहने की जमीन का टुकड़ा देकर ही हम चैन की सांस लेंगे."

कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज ने बताया कि बहुत सोच-समझकर ये योजना बनाई गई कि जमीन के आकार के मुताबिक नाम मात्र का शुल्क लेकर जमीन उनके नाम करने दी जाए, जिनका कई साल से उस पर कब्जा है. इस योजना में पहले 2014 से जिनका जमीनों पर कब्जा था, वही पात्र थे, लेकिन अब फैसला किया गया है कि 2018 से भी जिसका कब्जा होगा, उसे भी पट्टा देकर जमीन का मालिक बनाया जाएगा. जल्द ही इस संबंध में आदेश आ जाएगा. 

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