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व्यापम घोटाले का खुलासा करने वाले आनंद राय दिल्ली के होटल से आधी रात हुए अरेस्ट, मामला जानिए!

मध्‍य प्रदेश के बेहद चर्चित व्‍यापम घोटाले का खुलासा करने वाले डॉ आनंद राय को भोपाल क्राइम ब्रांच ने दिल्ली के एक होटल से हिरासत में लिया है. इसकी जानकारी खुद आनंद राय के सोशल मीडिया अकाउंट से सामने आई है.

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डॉ आनंद राय ( फोटो: DrAnand Rai/फेसबुक)


मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बेहद चर्चित व्‍यापम घोटाले (Vyapam Scam) के व्हिसल ब्‍लोअर कहे जाने वाले डॉ आनंद राय (Dr. Anand Rai) को भोपाल क्राइम ब्रांच ने दिल्ली के एक होटल से हिरासत में लिया है. डॉ आनंद राय ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है. आनंद राय के खिलाफ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय के उपसचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम ने एफआईआर दर्ज करवाई थी. दरअसल, आनंद राय ने कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (MP-TET) के पेपर का स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद मरकाम पर कई आरोप लगाए थे.

आनंद राय ने ट्वीट कर क्या बताया?

गुरुवार, यानी 7 अप्रैल की देर रात आनंद राय ने खुद एक ट्वीट कर हिरासत में लिए जाने की जानकारी दी. उन्होंने लिखा,

'मुझे दिल्ली के होटल काबली से क्राइम ब्रांच भोपाल ने हिरासत में ले लिया है. सभी कार्यकर्ता और शुभचिंतक भोपाल पहुंचे.'

आनंद राय के ट्वीट पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा,

'आश्चर्यजनक, आनंद के अनुसार मध्य प्रदेश पुलिस दिल्ली के होटल से उन्हें बिना किसी वॉरंट के अरेस्ट कर रही है. Kapil Sibal जी का भी फ़ोन आया मुझे. ऐसा प्रॉसेस पूरी तरह से गैर कानूनी प्रतीत होता है. क़ानूनी तौर से दिल्ली पुलिस को अपने अधिकार क्षेत्र में बिना वारंट के अरेस्ट करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए.'

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 26 मार्च को सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हुआ था. ये मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की तरफ से ली गई शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-3 के प्रश्नों से जुड़ा हुआ था. इस स्क्रीनशॉट के साथ ही दावा किया गया था कि 25 मार्च को हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर लीक हो गया. 26 मार्च को आनंद राय ने फेसबुक पर लिखा था कि वर्ग-3 का पेपर उपसचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम के मोबाइल तक पहुंचा कैसे, इसकी जांच होना चाहिए.

'आजतक' के रिपोर्टर रवीश पाल सिंह के मुताबिक इसके बाद 27 मार्च को लक्ष्मण सिंह मरकाम की तरफ से पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई गई. लक्ष्मण सिंह मरकाम ने आरोप लगाया कि कोडिंग से एक पोस्ट तैयार कर सोशल मीडिया पर वायरल की गई और उनकी छवि को धूमिल करने के साथ-साथ युवाओं को भ्रमित करने का काम किया गया. मरकाम की शिकायत के आधार पर भोपाल के अजाक थाने में डॉ आनंद राय और कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 469, 470, 500, 504, 120-B के साथ-साथ एससी/एसटी एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया.

प्रोफेशल एग्जामिनेशन बोर्ड करवा रहा है जांच

इस मामले में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (PEB) का बयान भी सामने आया था. बयान जारी करते हुए PEB की ओर से कहा गया था,

PEB द्वारा आयोजित प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2020 के संबंध में एक अभ्यर्थी के स्क्रीनशॉट के वायरल होने की शिकायत मिली है. पीईबी द्वारा इस शिकायत के निराकरण के लिए विशेषज्ञ एजेंसी को पत्र लिखकर आगामी निर्णय के लिए विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट मिलने के बाद पीईबी द्वारा कोई फैसला लिया जाएगा. पीईबी सभी उम्मीदवारों को आश्वस्त करता है कि परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता के लिए पीईबी प्रतिबद्ध है.

कौन हैं आनंद राय?

मूल रूप से इंदौर के रहने वाले डॉक्टर आनंद राय का नाम व्यापम घोटाले के समय सुर्खियों में आया था. साल 2013 में उन्होंने इंदौर पुलिस को शिकायत दी थी की व्यापम की तरफ से जो मेडिकल भर्ती परीक्षाएं की गई हैं, उनमें बड़े पैमाने पर धांधली हुई है. पुलिस की जांच का दायरा बढ़ता गया, जिसमें पाया गया कि कई छात्रों ने मोटी रकम देकर अपनी जगह किसी अन्य व्यक्ति को परीक्षा में बिठा दिया. बाद में सरकार ने इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया. मामले की जांच के दौरान कई संदिग्ध लोगों की मौत के बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई.