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अर्पिता मुखर्जी के घर से फिर 20 करोड़ कैश मिला, लेकिन 11 हजार का मामूली मेंटनेंस तक नहीं चुकाया

इससे पहले ED ने अर्पिता मुखर्जी के दक्षिण कोलकाता स्थित फ्लैट से 21 करोड़ रुपये बरामद किए थे.

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मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी (फोटो- इंडिया टुडे)

पश्चिम बंगाल के चर्चित SSC घोटाले की परतें लगातार खुल रही हैं. ED ने राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के एक और घर से करीब 20 करोड़ रुपये कैश बरामद किया है. कैश की गिनती अब भी जारी है. ED की कार्रवाई की जो तस्वीरें आई हैं, उनमें 2000 और 500 रुपये के नोटों का अंबार दिख रहा है. इससे पहले 22 जुलाई को भी अर्पिता मुखर्जी के घर से 21 करोड़ रुपये बरामद हुए थे. यह पूरी कार्रवाई पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) भर्ती घोटाले से जुड़े मामलों में हो रही है.  

ED के अधिकारियों ने बुधवार 27 जुलाई को अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया टाउन क्लब स्थित फ्लैट पर छापा मारा. .यहीं से ये कैश का ढेर बरामद हुआ है. ED की छापेमारी के बाद फ्लैट में इतने नोट पड़े मिले कि गिनने के लिए मशीनें मंगवानी पड़ीं. जांच एजेंसी ने फ्लैट से 3 किलो सोना भी बरामद किया है, जिसकी कीमत करीब 2 करोड़ रुपये बताई जा रही है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि ED की टीम को अर्पिता के फ्लैट में घुसने के लिए दरवाजे को तोड़ना पड़ा था. उन्होंने बताया, 

"हमें हाउसिंग सोसायटी के एक फ्लैट में काफी मात्रा में कैश दिखे. हम नोट गिनने वाली तीन मशीनें लाए, जिसके बाद नोटों की गिनती शुरू हुई. सर्च के दौरान कई महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स भी फ्लैट से बरामद हुए हैं."

अर्पिता के नाम 11 हजार का मेंटनेंस बकाया 

कार्रवाई के बाद ED ने अर्पिता मुखर्जी के बेलघरियो के दो फ्लैट्स में एक को सील कर दिया है. इस दौरान एक दिलचस्प बात सामने आई. जिस फ्लैट से करोड़ों रुपये बरामद हो रहे हैं, वहीं पर अर्पिता मुखर्जी के नाम एक नोटिस चिपका है. इस नोटिस में अर्पिता के नाम पर 11,819 रुपये मेंटनेंस बकाया है. इससे पहले ED ने अर्पिता मुखर्जी के दक्षिण कोलकाता स्थित फ्लैट पर छापेमारी की थी, जहां से 21 करोड़ रुपये बरामद हुए थे.

मामले में गिरफ्तारी के बाद अर्पिता मुखर्जी और पार्थ चटर्जी से ED की पूछताछ लगातार जारी है. अर्पिता मुखर्जी ने एजेंसी को बताया है कि मंत्री पार्थ चटर्जी उनके घर को 'मिनी बैंक' की तरह इस्तेमाल किया करते थे. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने ED को बताया, 

"पार्थ चटर्जी मेरे घर में ही पैसा रखा करते थे. वो कभी नहीं बताते थे कि कमरे में कितनी रकम रखी गई है. वो कभी खुद पैसे लेकर नहीं आते थे. हमेशा उनके सहायक रकम लेकर आते थे."

मानिक भट्टाचार्य भी हो सकते हैं गिरफ्तार

यह घोटाला ग्रुप सी और डी के नॉन-टीचिंग स्टाफ, क्लास 9-12 के टीचिंग स्टाफ और प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की अवैध भर्ती से जुड़ा हुआ है. कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देशों पर इस घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है. मामले में ED पैसों की हेरफेर को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत जांच कर रही है.

पार्थ चटर्जी को करीब 24 घंटे की पूछताछ के बाद 23 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. इस घोटाले के समय चटर्जी पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री थे. अर्पिता के अलावा उनके कई और करीबियों से भी पूछताछ चल रही है. टीएमसी एमएलए मानिक भट्टाचार्य से भी पूछताछ जारी है. ED ने उन्हें पूछताछ के लिए समन किया था. उनकी गिरफ्तारी की भी काफी संभावना है.

विपक्ष का ममता बनर्जी से सवाल

विपक्ष इस मामले को लेकर ममता बनर्जी की सरकार को लगातार घेर रहा है. बीजेपी विधायक और पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने सवाल किया कि इस घोटाले में ED द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से क्यों नहीं हटाया है.

दो दिन पहले ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी पर कहा था कि अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे जरूर सजा मिलनी चाहिए. मंत्री की गिरफ्तारी पर सीएम ने कहा था कि वह भ्रष्टाचार या किसी गलत काम का समर्थन नहीं करती हैं. सीएम ममता ने ये भी कहा था कि अगर ये साबित होता है और पार्थ चटर्जी को उम्रकैद की सजा भी होती है तो उन्हें फर्क नहीं पड़ेगा.

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