रविवार, 7 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में नीति आयोग (Niti Aayog) की 7वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई. इस बैठक में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल शामिल हुए और सभी ने पीएम के सामने अपनी-अपनी बात रखी. इस दौरान कुछ गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा कि उनके राज्यों में केंद्र की कुछ नीतियां जबरन थोपी जा रही हैं और ऐसा नहीं होना चाहिए. इन मुख्यमंत्रियों ने IAS अफसरों की कमी, राज्यों के फंड शेयर और GST जैसे मुद्दों पर अपनी अपनी मांगें प्रधानमंत्री के सामने रखीं. इन मांगों पर एक नजर डालते हैं.
पश्चिम बंगाल (CM ममता बनर्जी)
- केंद्र को राज्य सरकारों की मांगों को गंभीरता से लेना चाहिए और उनपर कोई नीति नहीं थोपी जानी चाहिए. केंद्र और राज्यों के बीच अधिक सहयोग होना चाहिए.
- केंद्र से राज्य सरकारों पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) लागू करने के लिए दबाव ना डालने की बात कही.
- राज्य में IAS अफसरों की कमी को पूरा करने की मांग की.
महाराष्ट्र (CM एकनाथ शिंदे)
- MSP की खरीद सीमा को उत्पादन के 50% तक बढ़ाने का आग्रह किया.
- राज्य में NEP को लागू करने में सरकार का समर्थन मांगा.
- बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए जरूरी बदलाव करने की मांग की.
केरल (CM पिनाराई विजयन)
- केंद्र को संविधान के खिलाफ नहीं जाना चाहिए. संविधान की राज्य सूची के मामलों पर कानून बनाने से बचना चाहिए.
- केरल की क्रेडिट-लिमिट बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए.
- जरूरी सामान पर टैक्स लगाने के फैसले की समीक्षा करने की जरूरत जताई.
छत्तीसगढ़ (CM भूपेश बघेल)
- केंद्र को केंद्रीय टैक्स और फीस में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने की जरूरत है.
- नक्सलवाद से लड़ने के लिए सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाने की मांग की.
ओडिशा (CM नवीन पटनायक)
- केंद्र सरकार से राज्यों पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया.
- राज्य को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे की जरूरत जताई.
- प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में आवंटन के मुद्दे को हल करने और प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष (AMSAR) अधिनियम में संशोधन की जरूरत है.
पंजाब (CM भगवंत मान)
- किसानों के हितों की रक्षा के लिए फसलों पर MSP को कानूनी गारंटी देने की मांग की.
- वैकल्पिक फसलों के लिए फुलप्रूफ मार्केटिंग सिस्टम सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
झारखंड (CM हेमंत सोरेन)
- राज्य में सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए केंद्र से विशेष पैकेज की मांग की.
- आदिवासियों के लिए विभिन्न शैक्षिक पहलों की घोषणा की.
उत्तर प्रदेश (CM योगी आदित्यनाथ)
- अगले पांच सालों में राज्य को $ 1 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के अपने संकल्प को दोहराया.
- पिछले पांच सालों में राज्य में अपनी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों की गणना की. अपनी योजनाओं की रूपरेखा भी पेश की.
हिमाचल प्रदेश (CM जयराम ठाकुर)
- 12 जिलों में 1,000 करोड़ रुपये की फसल विविधीकरण योजना की घोषणा की.
- दलहन, तिलहन और अन्य कृषि उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने की अपनी कोशिशों का जिक्र किया.
बता दें इस मीटिंग में तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव (KCR) और बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) शामिल नहीं हुए. जहां एक तरफ KCR ने इस मीटिंग का बहिष्कार किया, वहीं दूसरी ओर नीतीश कुमार तबीयत खराब होने के चलते मीटिंग से दूर रहे.
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