फरवरी महीने का पहला दिन, माने देश का बजट पेश होने का दिन. एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद में वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया. ये मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट है. इस बजट में कई ऐलान हुए. प्रतिक्रयाएं भी आईं. देश के दो पूर्व वित्त मंत्रियों ने भी बजट पर प्रतिक्रिया दी. पूर्व वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा,
इस बार के बजट पर इन दो पूर्व वित्त मंत्रियों ने क्या कहा, जरूर जानना चाहिए
बजट पर लगातार तरह-तरह के रिएक्शन आ रहे हैं.
“दुनिया का मानना है कि भारत विश्व की अर्थव्यवस्था को काफी आगे ले जाएगा. हर सेक्टर ने इसको काफी सधा हुआ बजट बताया है. अर्थशास्त्री इस बजट से काफी खुश नजर आ रहे हैं. ये बजट देश के समावेशी विकास को बढ़ावा देगा.”
उन्होंने आगे कहा,
“जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट को बनाया है. इसके चलते ये सभी सेक्टरों से जुड़े लोगों पर अच्छा असर डालेगा. डिफेंस, रेलवे और चिकित्सा क्षेत्र के लिए रिकॉर्ड बजट है.”
वहीं देश के पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी बजट पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा,
“वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहीं भी बेरोजगारी, गरीबी, असमानता या समानता जैसे शब्दों का जिक्र नहीं किया. बजट से पता चलता है कि सरकार लोगों की आजीविका, उनकी चिंताओं और अमीर और गरीब के बीच बढ़ती असमानता के बारे में परवाह नहीं करती है.”
इधर, केंद्रीय वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बजट पर कहा कि इस बार फिर से 4.5 फीसदी वित्तीय घाटे की प्रतिबद्धता दोहराई गई है. उन्होंने आगे कहा कि 2025-26 तक इस लक्ष्य को हासिल करने की क्षमता है. वहीं, बजट का शेयर बाजार पर मिला जुला असर रहा. एक ओर वित्त मंत्री के बजट भाषण के दौरान सेंसेक्स तेजी से चढ़ा, वहीं दिन का व्यापार खत्म होते-होते सेंसेक्स गिरा. हालांकि, आखिर में ये 158 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ.
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