The Lallantop
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

मोहन भागवत को राष्ट्रपिता बताने वाले मौलाना इलियासी, जिन्होंने CAA-NRC को समझने की बात कही थी

इलियासी के पिता मौलाना जमील इलियासी के भी पूर्व RSS प्रमुख से नज़दीकी संबंध थे. इलियासी ने कहा था पहले CAA-NRC को समझो फिर विरोध करो.

post-main-image
उमर अहमद इलियासी (फाइल फोटो-ट्विटर)

RSS प्रमुख मोहन भागवत को लेकर एक बयान कल से चर्चा में है. भागवत कल, 22 सितंबर को दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित मस्जिद पहुंचे थे. इस दौरान वो एक मदरसे भी गए. भागवत जब बच्चों से बात कर रहे थे, तभी मस्जिद के मौलाना उमर अहमद इलियासी (Maulana Umer Ahmed Ilyasi) ने मोहन भागवत को राष्ट्रपिता बताया. हालांकि, RSS के पदाधिकारी इस बात का दावा कर रहे हैं कि भागवत ने इलियासी को टोका और कहा कि राष्ट्रपिता केवल एक ही हैं और हम सब भारत की संतान हैं. इधर, मीडिया में जब से ये बयान सामने आया है इलियासी खबरों में छाए हुए हैं.

कौन हैं उमर अहमद इलियासी?

उमर अहमद इलियासी ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन (AIIO) के प्रमुख हैं. दावा किया जाता है कि ये इमामों का सबसे बड़ा संगठन है. कहा जाता है कि इस संगठन में पांच लाख से ज्यादा मस्जिदों के इमाम जुड़े हैं. इलियासी को इस्लामिक कानून का बड़ा जानकार माना जाता है. हाल ही में उन्हें पंजाब की देश भगत यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की डिग्री से नवाजा था.

वैसे तो इलियासी की मोहन भागवत से कई दफे पहले भी मुलाकातें हो चुकी हैं. पीएम मोदी के साथ भी उनकी तस्वीरें सामने आई हैं. लेकिन इलियासी का नाम CAA के पास होने के बाद हुए दंगों के बाद ज्यादा चर्चा में रहा. इलियासी ने कहा था कि CAA और NRC को पहले समझ लें, उसके बाद प्रदर्शन करें. उन्होंने कहा था कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना या कानून हाथ में लेना सही नहीं है.

इलियासी के पिता के RSS से रहे संबंध

इलियासी के पिता मौलाना जमील इलियासी भी उसी मस्जिद के इमाम थे, जहां के वो फिलहाल इमाम हैं. जमील इलियासी भी ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन (AIIO) के प्रमुख थे. कहा जाता है कि जैसे इलियासी के RSS और VHP से अच्छे संबंध हैं, वैसे ही उनके पिता के भी RSS के संबंध थे. बताया जाता है कि जमील इलियासी के तब के संघ प्रमुख के एस सुदर्शन से काफी घनिष्ठ संबंध थे.

भाई पर लगा था हत्या के आरोप

उमर अहमद इलियासी के भाई सुहेब इलियासी पर पत्नी की हत्या का आरोप लगा था. उनकी पत्नी की मौत साल 2000 में हुई थी. सुहेब पर आरोप लगा था कि उन्होंने दहेज के लिए अपनी पत्नी की हत्या की. करीब 17 साल चले मुकदमे के बाद दिल्ली की कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया. इसके बाद उन्होंने 2018 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट ने इस केस में बरी कर दिया.

वीडियो: RSS प्रमुख मोहन भागवत, मुस्लिम और मौलानाओं से मिलकर क्या बात कर रहे हैं