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अगर आपने भी खांसी में ये सिरप पिया है तो आपकी जान ख़तरे में है, WHO ने क्या बताया?

WHO के मुताबिक बुखार, सर्दी-जुकाम और खांसी के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली इन दवाओं में काफी ज्यादा मात्रा में जहरीले केमिकल्स पाए गए हैं.

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(बाएं) WHO प्रमुख टेड्रोस गेब्रेयेसुस (तस्वीर- ट्विटर). दाईं तस्वीर सांकेतिक है. (साभार- Pixabay)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में बनने वाली चार दवाओं को लेकर अलर्ट जारी किया है. उसने इन दवाओं को 'खराब' बताते हुए इनके जहरीली होने की संभावना जताई है. ये चारों दवाएं हैं- Promethazine Oral Solution, Kofexmalin Baby Cough Syrup, Makoff Baby Cough Syrup और Magrip N Cold Syrup. इन्हें सामान्य सर्दी-जुकाम, बुखार और खांसी (Fever, Cold and Cough Syrup) के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है. हरियाणा स्थित दवा कंपनी मैडन फार्मास्यूटिकल्स (Maiden Pharmaceuticals) इन चारों सिरप को तैयार करती है.

भारतीय दवाओं पर WHO ने खड़े किए सवाल

WHO ने अफ्रीकी देश गाम्बिया में कथित रूप से इन सिरप के सेवन से 66 बच्चों की मौत होने के मामले में ये अलर्ट जारी किया है. बयान में उसने कहा है कि जब तक भारत में संबंधित विभाग या अधिकारी इन दवाओं की जांच नहीं कर लेते, तब तक इन्हें 'असुरक्षित' माना जाना चाहिए.

इस संबंध में जारी बयान में WHO ने कहा है,

"चारों दवाओं के सैंपलों की लैबोरेटरी में हुई जांच में ये पता चला है कि इनमें दूषित पदार्थ के रूप में डायथलीन ग्लाइकोल (Diethylene Glycol) और एथलीन ग्लाइकोल (Ethylene Glycol) की मात्रा ज्यादा है. अभी तक इन उत्पादों की गाम्बिया में पहचान की गई है, लेकिन संभव है इन्हें अनौपचारिक मार्केट के जरिये दूसरे इलाकों या देशों तक पहुंचा दिया गया हो."

वहीं WHO के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने संस्था के प्रमुख टेड्रोस अदनोम गेब्रेसस के हवाले से लिखा है,

"WHO ने चार दवाओं को लेकर मेडिकल अलर्ट जारी किया है. इन दवाओं का संबंध गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत और किडनी के गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त होने के मामलों से हो सकता है. इन बच्चों की मौत से उनके परिवारों के दुख का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता."

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक WHO ने 23 सैंपलों की जांच की थी. उनमें से चार में ज्यादा मात्रा में जहरीले केमिकल पाए गए हैं. 

CDSCO कर रहा है जांच

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) भारत में दवाओं को स्वीकृति देने वाला शीर्ष प्राधिकरण है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बीती 29 सितंबर को ये मामला उसकी जानकारी में आया था. तभी CDSCO ने इसकी जांच शुरू क दी थी. अखबार के मुताबिक हरियाणा में CDSCO के नियामक प्राधिकरण ने पुष्टि की है कि मैडन फार्मास्यूटिकल्स ने ही इन चारों सिरप की मैन्युफैक्चरिंग की थी. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इस कंपनी के ज्यादातर मेडिकल उत्पाद बच्चों के लिए तैयार किए जाते हैं. CDSCO ने बताया है कि मैडन फार्मास्यूटिकल्स ने अभी तक केवल गाम्बिया में अपने चार सिरप एक्सपोर्ट किए हैं.

हालांकि CDSCO ने ये साफ नहीं किया कि WHO ने जिन 66 मौतों का जिक्र किया, उनका संबंध इन सिरप से है या नहीं.

किडनी डैमेज हो सकती है, जान भी जा सकती है

बात डायथलीन ग्लाइकोल और एथलीन ग्लाइकोल की करें तो इन केमिकल्स के कई प्रकार के जहरीले प्रभाव हो सकते हैं. मसलन, इनके ज्यादा इस्तेमाल से पेट दर्द, सिर दर्द, उल्टी और डायरिया जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. इनके अलावा पेशाब करने में परेशानी, मानसिक स्थिति में बदलाव और गुर्दे का गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त होना भी इन केमिकल्स के दुष्प्रभावों में शामिल है. WHO ने कहा है कि इन केमिकल्स से युक्त मेडिकल उत्पाद असुरक्षित हैं और उनका इस्तेमाल लोगों को, खास तौर पर बच्चों को, गंभीर रूप से बीमार कर सकता है या उनकी मौत का कारण भी बन सकता है.

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