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भाषण देते हुए PM मोदी ने फिर से 'अर्बन नक्सल' का नाम क्यों लिया?

पर्यावरण सम्मेलन में बोल रहे थे PM मोदी.

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पर्यावरण मंत्रियों के सम्मेलन में बोले पीएम, क्रेडिट्स PTI

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 23 सितंबर को गुजरात के नर्मदा जिले में राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश के पर्यावरण लक्ष्यों को पूरा करने में राज्यों की भूमिका अहम है. वहीं, एक दिन पहले ही नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षाक (CAG) ने गुजरात विधानसभा में एक रिपोर्ट सबमिट की है जिसमें बताया गया है कि गुजरात के तीन शहर वडोदरा, राजकोट और सूरत गंभीर रूप से प्रदूषित शहरों की लिस्ट में शामिल हैं.

पहले जान लेते हैं कि पीएम मोदी ने सम्मेलन में क्या कहा, फिर बात करेंगे CAG रिपोर्ट पर.

पीएम मोदी ने किसको ‘अर्बन नक्सल’ बताया?

गुजरात के नर्मदा जिले में आयोजित सम्मेलन का मकसद जलवायु परिवर्तन से निपटने के तरीकों पर बात करना, प्लास्टिक कचरे से निपटना, वन्य जीवन के संरक्षण और वन प्रबंधन को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तालमेल बनाना है. पीएम मोदी ने इस सम्मेलन में कहा कि भारत ने 2070 तक कार्बन एमिशन के लिए नेट ज़ीरो का टारगेट रखा है. नेट ज़ीरो यानी कार्बन एमिशन जितना हो, उतना ही उसको एब्जॉर्ब करना.

PM मोदी ने कहा कि अपने कमिटमेंट पूरा करने में भारत का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है और इसी के चलते दुनिया के कई देश भारत के साथ जुड़ रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा,

"आज का नया भारत, नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है. आज भारत तेज़ी से विकसित होती इकॉनमी है, जो निरंतर अपनी इकोलॉजी को भी मजबूत कर रहा है. हमारे फॉरेस्ट कवर में वृद्धि हुई है और वेटलैंड्स का दायरा भी तेज़ी से बढ़ रहा है."

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रक्रिया को आसान किया है. उन्होंने कहा, 

“आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के बिना, देश का विकास, देशवासियों के जीवन स्तर को सुधारने का प्रयास सफल नहीं हो सकता. आठ साल पहले तक एनवायरनमेंट क्लियरेंस में जहां 600 से ज्यादा दिन लग जाते थे, वहीं आज 75 दिन लगते है. परिवेश पोर्टल, पर्यावरण से जुड़े सभी तरह के क्लियरेंस के लिए सिंगल विंडो माध्यम बना है. ये पारदर्शी भी है और इससे अप्रूवल के लिए होने वाली भागदौड़ भी कम हो रही है.”

सरदार सरोवर बांध के निर्माण में देरी को लेकर पीएम मोदी ने कहा, 

“अर्बन नक्सल और विकास विरोधी तत्वों ने सरदार सरोवर बांध के निर्माण को अभियान चलाकर रोक दिया था. कहा था कि इस परियोजना से पर्यावरण को नुकसान होगा. इस देरी की वजह से भारी मात्रा में पैसा बर्बाद हुआ. अब, जब बांध पूरा हो गया है, तो सबको पता चल गया कि उनके दावे कितने झूठे थे."

CAG रिपोर्ट में क्या सामने आया?

22 सितंबर को गुजरात विधानसभा में पेश की गई कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि वडोदरा, सूरत और राजकोट गंभीर रूप से प्रदूषित शहर हैं. इनमें से वडोदरा का पर्यावरण प्रदूषण सूचकांक (CPI) स्कोर राज्य में सबसे ज्यादा था. 

ऑडिट में कहा गया है कि अहमदाबाद, वापी और अंकलेश्वर के औद्योगिक क्षेत्रों के 15 अस्पतालों में 2012-2017 के बीच अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सांस की गंभीर बीमारियों के 80 हज़ार 443 मामले सामने आए. रिपोर्ट में कहा गया कि इस अवधि में रोगियों की बढ़ती संख्या ये बताती है कि प्रदूषण का लोगों के स्वास्थ्य पर कितना गंभीर असर पड़ता है.

 कैग ने कहा कि इन शहरों में उद्योग, वाहन, घरेलू ईंधन, निर्माण और सड़क की धूल प्रदूषण के मख्य स्रोत हैं.