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उत्तर प्रदेश में ऐसा क्या हुआ जो तीन की हड़ताल पर बैठ गए हैं बिजली कर्मचारी?

सरकार ने इन कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की बात कही है.

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UP में बिजली कर्मचारी हड़ताल पर (फोटो- आजतक)

राज्य सरकार के विरोध में उत्तर प्रदेश बिजली विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हैं (Uttar Pradesh Power Staff Protest). 16 मार्च, गुरुवार की रात 10 बजे से हड़ताल शुरू हुई. ये तीन दिन तक चलने वाली है. सरकार के साथ कुछ कर्मचारियों के बीच हुई बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है. जिसके बाद सरकार ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की बात कही है.

आइए प्वाइंट्स में समझने की कोशिश करते हैं कि ये पूरा मामला क्या है. कर्मचारियों की क्या मांग है और सरकार क्या रुख अपना रही है.

कर्मचारियों की मांग क्या है?

-बिजली कर्मचारियों को कई सालों का बकाया बोनस दिया जाए

-कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां दूर की जाएं

-25 हजार करोड़ रुपये के मीटर खरीद आदेश को रद्द किया जाए

-पावर सेक्टर इम्प्लॉइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए

-बिजली निगमों के अस्थाई कर्मियों को नियमित किया जाए

-मौजूदा चेयरमैन को हटाकर निर्धारित चयन प्रक्रिया के तहत बड़े पदों पर नियुक्ति हो

-बिजली उपकेंद्रों को आउटसोर्सिंग से चलाने के निर्णय को रद्द किया जाए

-निजीकरण की प्रक्रिया को रद्द किया जाए

-विद्युत उत्पादन निगम को ओबरा और अनपरा में 800-800 मेगा वॉट की 2-2 यूनिट दी जाए

सरकार का रुख क्या है?

 लल्लनटॉप से जुड़े रणवीर के मुताबिक, राज्य के उर्जा मंत्री एके शर्मा ने कर्मचारियों की मांग पर कहा-

दिसंबर 2022 में कर्मचारी संगठनों के साथ हुए समझौते के कुछ प्रस्तावों पर काम किया गया है. कुछ और बातों पर विचार किया जाएगा. बिजली विभाग एक लाख करोड़ रूपये के घाटे में चल रहा है. विभाग को महीने का 1500 करोड़ रूपये और हर दिन लगभग 8 से 10 करोड़ रूपये का घाटा हो रहा है. इसके बावजूद इस साल का बोनस दिया गया. कर्मचारियों के कैशलेस इलाज की व्यवस्था भी की गई.

एके शर्मा ने आगे कहा,

अगर हड़ताल से जनता को परेशानी हुई और संविदा कर्मी काम पर नहीं लौटे तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा और  ESMA (The Essential Services Maintenance Act)  के तहत कार्रवाई की जाएगी.

इस एक्ट के लागू होने के बाद आवश्यक सेवाओं में लगे सरकारी कर्मचारी किसी तरह की हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे. तब अगर कोई भी कर्मचारी हड़ताल करता है तो उस पर सख्त एक्शन लिया जा सकता है. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा,

बिजली विभाग में किसी भी तरह के कार्य बहिष्कार और हड़ताल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जो कर्मचारी काम करना चाहते हैं, अगर उन्हें रोकने की कोशिश हुई या सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया तो ऐसा करने वालों पर NSA भी लगाया जा सकता है.

कर्मचारियों ने क्या प्रतिक्रिया दी?

आंदोलन का ऐलान करने वाले कर्मचारियों का कहना है,

देश के 27 लाख कर्मियों के संगठन भी हमारे समर्थन में आए हैं. शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान किसी भी बिजलीकर्मी को गिरफ्तार किया गया या कोई एक्शन लिया गया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी.

एके शर्मा ने जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों से स्थिति पर नजर रखने और जरूरत के हिसाब से कार्रवाई करने को कहा है. 

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