सूरत कोर्ट (Surat Court) से सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लोकसभा की सदस्यता (Lok sabha membership) रद्द कर दी गई है. लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी कर ये जानकारी दी. अब ऐसे में सवाल है कि क्या राहुल गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं? जानते हैं, नियम क्या कहते हैं.
राहुल गांधी को अगर 2024 का चुनाव लड़ना है तो केवल यही तरीका काम आ सकता है
मानहानि मामले में सजा के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हो गई है.
जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 के सेक्शन 8(3) में कहा गया है कि अगर किसी भी जनप्रतिनिधि को दो या दो से अधिक साल की सजा सुनाई जाती है, तो सजा के दौरान उसे चुनाव लड़ने लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाता है. साथ ही सज़ा पूरी होने के छह साल बाद तक वो कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकता है. सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानि मामले में दो साल की सजा सुनाई है. ऐसे में अगर ये सजा बरकरार रहती है तो राहुल गांधी अगले आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
राहुल गांधी के पास अभी कानूनी विकल्प मौजूद हैं. वो कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए उच्च अदालत में जा सकते हैं.
13 अप्रैल, 2019 को राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मोदी उपनाम को लेकर कहा था,
"नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या, अनिल अंबानी और नरेंद्र मोदी. चोरों का ग्रुप है. आपके जेबों से पैसे लेते हैं.. किसानों, छोटे दुकानदारों से पैसा छीनते हैं. और उन्हीं 15 लोगों को पैसा देते हैं. आपको लाइन में खड़ा करवाते हैं. बैंक में पैसा डलवाते हैं और ये पैसा नीरव मोदी लेकर चला जाता है. 35,000 करोड़ रुपये. मेहुल चोकसी, ललित मोदी.. अच्छा इसमें एक छोटा सा सवाल है. इन सब चोरों के नाम मोदी-मोदी-मोदी कैसे हैं? नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी और अभी ढूंढेंगे तो और मोदी निकलेंगे."
राहुल के इस बयान के बाद भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने 16 अप्रैल 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया था. राहुल पर IPC की धाराओं 499 (बोलकर, लिखकर, इशारों या तस्वीरों के जरिए किसी व्यक्ति की इज्जत पर लांछन लगाना), 500 (किसी की मानहानि करना), 504 (अपमान कर सार्वजनिक शांति भंग करना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. 23 मार्च को सूरत कोर्ट ने इस मामले में राहुल को दो साल की सज़ा सुनाई है.
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