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जन्म के तुरंत बाद बच्चे की मौत हुई तो महिला कर्मचारी को 60 दिन की स्पेशल छुट्टी मिलेगी

डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने केंद्र सरकार की महिला कर्मचारियों के लिए ऐलान किया.

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सांकेतिक फोटो (aaj tak)

केंद्र सरकार ने अपने अधीन काम करने वाली महिला कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया है. महिला कर्मचारी को प्रसव के तुरंत बाद नवजात की मौत होने की स्थिति में 60 दिनों का विशेष मातृत्व अवकाश (60 Days Special Maternity Leave) दिया जाएगा. 2 अगस्त को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel & Training) ने ये आदेश जारी किया. इस आदेश में कहा गया है कि मृत शिशु पैदा होने या जन्म के तुरंत बाद नवजात की मौत से मां को भावनात्मक और मानसिक चोट पहुचंती है. उनके जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है. और इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए ये आदेश जारी किया  गया है. 

आदेश में लिखी बातें

 - अगर केंद्र सरकार की महिला कर्मचारी ने मैटरनिटी लीव नहीं लिया है तो मृत शिशु के जन्म या शिशु की मृत्यु होने की तारीख से उसे 60 दिनों का स्पेशल मैटरनिटी लीव दिया जाएगा. प्रसव से 28 दिन के भीतर नवजात शिशु की मृत्यु होने पर यह आदेश प्रभावी माना जाएगा, जिसमें किसी भी प्रकार का मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाने की ज़रूरत नहीं होगी.

-  28 सप्ताह (सात महीने) की प्रेगनेंसी के बाद जीवित बच्चे का जन्म नहीं होना भी इस आदेश के अंतरगत आएगा.

- इस आदेश में कहा गया है कि अगर बच्चे की मौत के समय तक महिला मैटरनिटी लीव ले चुकी है तो भी उसे 60 दिन की अतिरिक्त छुट्टी दी जाएगी. 

60 दिनों का विशेष मातृत्व अवकाश का आदेश

क्या शर्ते हैं Special Maternity Leave लेने की ?

स्पेशल मैटरनिटी लीव केंद्र सरकार की सिर्फ उन महिला कर्मचारियों को मिलेगा जिनकी दो से कम जीवित संतान हैं और जिनका प्रसव अधिकृत अस्पताल में हुआ है. अधिकृत अस्पताल मतलब सरकारी अस्पताल या ऐसे निजी अस्पतालों से है जो केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (Central Government Health Scheme) के पैनल में शामिल हैं. अगर महिला का प्रसव किसी निजी अस्पताल में हुआ है जो योजना पैनल में शामिल नहीं है तो स्पेशल मैटरनिटी लीव लेने के लिए महिला को 'इमरजेंसी प्रमाणपत्र' दिखाना जरूरी होगा.

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