The Lallantop
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

IMF की बहुब्बड़ी दीवार पर अपना नाम लिखवाने वाली गीता गोपीनाथ की कहानी क्या है?

गीता की ज़िंदगी से जुड़े किस्से और फ़ैसले जान लीजिए.

post-main-image
गीता गोपीनाथ IMF के इतिहास में दूसरी भारतीय और पहली महिला चीफ़ अर्थशास्त्री हैं (फोटो - ट्विटर)

गीता गोपीनाथ. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष या International Monetary Fund की पहली डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर. गीता (Gita Gopinath) ने इतिहास रच दिया है. उनकी तस्वीर IMF की 'Wall of former chief economists' पर टांक दी गई है. गीता इस लेजेंड्री दीवार पर चित्रित होने वाली पहली महिला हैं. और, दूसरी भारतीय. गीता से पहले इकनॉमिस्ट रघुराम राजन को इस दीवार पर जगह मिली थी.

गीता गोपीनाथ ने ट्विटर पर ये जानकारी ट्वीट की. कैप्शन में लिखा,

"ट्रेंड को तोड़कर मैं IMF के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्रियों की दीवार में शामिल हो गई हूं."

कौन हैं गीता गोपीनाथ?

- जन्म कोलकाता में हुआ. 8 दिसंबर, 1971 को. 1980 में उनका परिवार मैसूर आ गया. तब गीता 9 साल की थीं. पेरेंट्स ने निर्मला कॉन्वेंट स्कूल में उनका दाख़िला कराया. शुरू में गीता को स्पोर्ट्स बहुत पसंद था, लेकिन एक दिन गीता ने खेलना छोड़ दिया. अपने पिता गोपीनाथ से कहा कि वो अब पढ़ाई पर ध्यान देंगी.

- 11th और 12th में गीता ने साइंस सब्जेक्ट चुना. पैरेंट्स चाहते थे कि गीता या तो इंजीनियरिंग करें, या फिर मेडिकल की फील्ड में जाएं. मगर गीता ने ऐसा नहीं किया. इकोनॉमिक्स में बीए किया. दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज में उन्हें एडमिशन मिल गया. ग्रेजुएशन के तीनों साल गीता ने क्लास में टॉप किया.

- कॉलेज में टॉप किया, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि बचपन से ही गीता पढ़ाई में अव्वल थीं. सातवीं क्लास तक गीता के केवल 45 फीसदी नंबर ही आते थे. वो फर्स्ट डिविजन में भी पास नहीं हो पाती थीं. लेकिन सातवीं के बाद सब बदल गया. उन्होंने पढ़ाई में ध्यान दिया और उनके 90 फीसदी नंबर पाए.

- गीता को बनना था IAS. दिल्ली आ गईं. ग्रैजुएशन तक तो यही सपना था, लेकिन ग्रैजुएशन के बाद एक और कड़ा फैसला लिया. क्या? इस सपने को छोड़ दिया. उन्होंने इकोनॉमिक्स की फील्ड में ही आगे जाने का फैसला किया. दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में एडमिशन लिया. वहां से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स की डिग्री ली. उसके बाद गईं यूनिवर्सिटी ऑफ़ वॉशिंगटन. वहां से भी उन्होंने MA किया. उसके बाद 2001 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में Ph. D की. फिर शिकागो यूनिवर्सिटी में पढ़ाना शुरू कर दिया. साल 2005 में गीता पहुंची हार्वर्ड यूनिवर्सिटी. गीता हार्वर्ड के अर्थशास्त्र विभाग की टेन्योर प्रोफेसर (स्थायी प्रोफेसर) बनने वाली तीसरी महिला और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के बाद दूसरी भारतीय हैं.

- गीता ने 1999 में इकबाल सिंह से शादी की थी. दोनों की मुलाक़ात दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में हुई थी. इकबाल ने 1996 के सिविल सर्विसेज एग्जाम में टॉप किया था, और वो तमिलनाडु कैडर के IAS अधिकारी थे.

गीता ने एक्सचेंज रेट्स, व्यापार और निवेश, इंटरनैशनल वित्तीय संकट, मौद्रिक नीति और उभरते बाज़ार संकट पर लगभग 40 रिसर्च पेपर्स लिखे हैं.

- प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से Ph. D करने के बाद, गीता 2001 में भारत लौटना चाहती थीं. पर प्रॉडिजी छात्र को कौन छोड़ना चाहता है. गीता के मेंटर्स उन्हें US में ही रोकना चाहते थे. गीता ने कहा कि उनके पति इंडिया में हैं, इसलिए वो वापस वहीं जाना चाहती हैं. गीता के मेंटर्स इतने डेस्परेट थे कि उन्होंने इकबाल को प्रिंसटन में ही एक स्कॉलरशिप ऑफ़र कर दी. इकबाल ने जॉब छोड़ दी और US चले गए. उसके बाद से गीता ने कभी पलटकर नहीं देखा. वो समय-समय पर भारत आती रहती हैं, अपने माता-पिता से मिलने के लिए.

- 2019 में गीता को भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 'प्रवासी भारतीय सम्मान' से सम्मानित किया था. ये देश से बाहर रहने वाले भारतीयों का सर्वोच्च सम्मान है.

- 2016 और 2018 के बीच गीता ने केरल के मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार के रूप में भी काम किया है.

- दिसंबर 2021 में IMF के इतिहास में दूसरी भारतीय और पहली महिला चीफ़ इकनॉमिस्ट गीता को प्रमोट कर के IMF की पहली डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया.

वीडियोः निर्मला सीतारमण की साड़ी पर इतनी चर्चा क्यों?