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HDFC वाले सुरक्षित बैंकिंग के लिए नया कैम्पेन लाए, पर बहुब्बड़ी गड़बड़ कर दी

कैम्पेन का नाम है 'विजिल आंटी', जिसका मतलब है ज़ालिम पुरुषों का समर्थन करने वाली महिलाएं.

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बिज़नेस पत्रकार सुचिता दलाल ने भी HDFC की बेवक़ूफ़ी पर तंज़ किया. (फोटो - ट्विटर)

HDFC Bank ने एक नया कैम्पेन शुरू करने की घोषणा की है. मक़सद, सुरक्षित बैंकिंग की आदतों को बढ़ावा देना. कैम्पेन को नाम दिया, 'विजिल आंटी' (Vigil Aunty). वैसे तो अंग्रेज़ी भाषा के पुरखे शेक्सपीयर कह गए हैं कि 'नाम में क्या रखा है?' लेकिन कभी-कभी सारा लोचा नाम से ही हो जाता है. जैसे इस नाम में बहुत भारी लोचा है. विजिल आंटी. भरपूर क्रिएटिविटी के चक्कर में ऐड बनाने वालों ने जांचा ही नहीं कि विजिल आंटी का कॉन्टेक्सट क्या है. और, कैसे इस नाम भर से उनका पूरा कैम्पेन फेल हो सकता है!

What's in a name?

HDFC बैंक ने एक प्रेस नोट जारी किया. प्रेस नोट में विजिल आंटी कैम्पेन से जुड़ी जानकारी थी. मसलन, बैंक ये क्यों कर रहा या साइबर सिक्योरिटी के प्रति जागरूकता क्यों ज़रूरी है. इसी नोट में ये बात भी है कि टेलीविज़न पर 'लोला कुट्टी' (Lola Kutty) का पॉपुलर किरदार निभाने वाली अनुराधा मेनन इस कैम्पेन की ऐम्बैसडर होंगी. बैंक की वेबसाइट पर भी विजिल आंटी के बारे में भली-भली बातें ही हैं. लिखा है,

"मैं हूं विजिल आंटी. जैसे-जैसे हमारा देश 'डिजिटल इंडिया' बनने की दिशा में बढ़ रहा है, मैं  हमें 'धोखाधड़ी से मुक्ति' दिलाने के लिए एक आंदोलन का नेतृत्व कर रही हूं. इसका मतलब सभी के लिए सुरक्षित बैंकिंग का अनुभव. हाल के दिनों में देश में वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. धोखाधड़ी के कम होने के लिए धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता बढ़नी चाहिए.

मैं लोगों को धोखाधड़ी और इसकी रोकने की तकनीकों के बारे में बताऊंगी."

अब देख-सुन के तो बढ़िया ही लग रहा, लेकिन इस क्रिएटिविटी और अच्छी मंशा वाले कैम्पेन में एक दिक्कत है. इसका नाम. दरअसल, 'विजिल आंटी' एक पॉपुलर ग्राफ़िक नॉवेल सीरीज़ का टाइटल है. और, इस सीरीज़ में विजिल आंटीज ऐसी महिलाएं हैं, जो ज़ालिम पुरुषों का समर्थन करती हैं. वैसे तो विजिल के मायने होते हैं, किसी ख़ास मक़सद से रात में जगना. कुछ-कुछ सजग-सचेत के संदर्भ में. लेकिन यहां कॉन्टेक्सट ही अलग है. दरअसल, कॉमिक्स सटायर का एक बहुत ताक़तवर ज़रिया होती हैं. विजिल आंटी का किरदार भी कटाक्ष ही था. मोरल पुलिसिंग पर; अतिवाद, पितृसत्ता और रूढ़िवाद पर. 

यहां तक कि ऐड बनाने वालों ने पोस्टर की बनावट भी कॉमिक्स जैसा ही बनाया है. लेखिका-पत्रकार अनिंदिता घोष ने इस मसले को कॉल आउट किया. लिखा कि एचडीएफसी बैंक ने भरसक बेवकूफी के साथ भारतीय ग्राफ़िक नोवलिस्ट अप्पुपेन के काम को उठाया और अपने कैंपेन में शामिल कर लिया. काश वो इसका मतलब समझते.

और, इसके अलावा ओरिजिनल विजील आंटी के क्रिएटर यानी अप्पुपेन ने भी इस कैंपेन पर कॉमेंट किया है. उन्होंने तो नई एक इंस्टाग्राम पोस्ट बनाई, जिसमें उन्होंने बताया कि 2016 में वो इस कैरेक्टर के ज़रिए व्यंग्य करते थे और आज ये बड़े खिलाड़ियों तक पहुंच गई है.

"विजिल आंटी इंडी व्यंग्य कॉमिक से मुख्यधारा के बड़े विज्ञापनों तक पहुंच गईं. ये यात्रा शक्ति और भय के बारे में है. और इस यात्रा ने उन्हें बदल दिया है."

एचडीएफसी बैंक इससे पहले से भी एक साइबर सिक्योरिटी कैम्पेन चला रहा है - ‘मुंह बंद रखो’. बैंक ने कहा कि विजिल आंटी अभियान लोगों को साइबर सिक्योरिटी के प्रति जागरुक बनाने के लिए पहले से चल रहे अभियान को कॉम्प्लीमेंट करेगा, लेकिन अफ़सोस.

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