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खाने की चीजों पर लिखी एक्सपायरी डेट माननी चाहिए या नहीं?

डॉक्टर ने बताया 'एक्सपायरी डेट' का सच.

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एक्सपायरी डेट के बाद खाने के सामान में इंफेक्शन का खतरा होता है? (तस्वीर- Unsplash.com)

हम जब भी बाज़ार से खाने के कोई चीज़ ख़रीदते हैं तो उसके ऊपर एक एक्सपायरी डेट लिखी होती है. यानी वो चीज़ केवल उस डेट तक ही खाई जानी चाहिए. पर कई लोगों को रिस्क लेने का बड़ा शौक होता है. उनका मानना है कि ये डेट वगैरह इसलिए लिखी जाती हैं ताकि लोग जल्दी-जल्दी खरीदारी करें. ज़्यादा से ज़्यादा सामान बिके और उनकी कमाई हो. उनका दावा होता है कि ऐसे प्रोडक्ट्स को एक्सपायरी डेट के बाद तक खींचा जा सकता है. अब क्या ये वाकई सही है? क्या खाने की चीज़ों पर लिखी एक्सपायरी डेट महज़ सेल्स बढ़ाने का तरीका है? अगर किसी चीज़ को एक्सपायरी डेट के बाद खाया जाए तो क्या होगा? जानें डॉक्टर्स क्या कहते हैं.

खाने की चीज़ों में एक्सपायरी डेट ज़रूरी क्यों?

ये हमें बताया डॉक्टर अमोल शिंदे ने.

Dr. Amol Shinde | Best Gastroenterologist in Indore | Kokilaben Hospital
डॉक्टर अमोल शिंदे, कंसल्टेंट, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी हॉस्पिटल, इंदौर

हम जिन फूड प्रोडक्ट्स को खाते हैं, उनमें 'यूज बाय डेट', 'बेस्ट बिफॉर' के रूप में एक्सपायरी डेट लिखी होती है. इसका मतलब है इन फूड प्रोडक्ट्स में पोषक तत्वों की क्वालिटी एक्सपायरी डेट से पहले अच्छी होती है. यानी ये गारंटी दी जाती है कि उस खाद्य सामग्री को खाने से आपको कोई नुकसान नहीं होगा और इसकी गुणवत्ता अच्छी है. 'एक्सपायरी डेट' खाद्य सामग्री की गारंटी और गुणवत्ता बताती है. इनमें दूध, दूध के पैकेट, अंडे, मांस, मछली और पैकेट में आने वाली सब्ज़ियां शामिल हैं. इसके साथ ही फास्ट फूड और चिप्स आदि पर भी 'यूज बाय डेट', 'बेस्ट बिफॉर' लिखा होता है.

एक्सपायरी डेट के बाद खाने में क्या बदलाव आता है?

एक्सपायरी डेट के बाद खाने के सामान में इंफेक्शन का खतरा होता है. जिन पदार्थों में पानी की मात्रा ज्यादा होती है, जैसे कि दूध, मांस और मछली, उनके खराब होने का रिस्क सबसे ज्यादा होता है. वहीं जिन पदार्थों में पानी की मात्रा कम है, जैसे कि अंडे और ब्रेड, उनके खराब होने का रिस्क कम होता है. इन खाद्य पदार्थों में बैक्टीरिया, फंगस या वायरस का संक्रमण हो सकता है. जिसके बाद ये खाद्य पदार्थ सड़ सकते हैं.

What expiration dates really mean for your food
हम जिन फूड प्रोडक्ट्स को खाते हैं, उनमें 'यूज बाय डेट', बेस्ट बिफॉर के रूप में एक्सपायरी डेट लिखी होती है. 
एक्सपायरी के बाद वो चीज़ खाने से क्या होगा?

एक्सपायर हो चुके खाद्य पदार्थ को खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है. फूड पॉइजनिंग में उल्टी, बुखार, दस्त और पेट दर्द जैसे समस्या हो सकती है. किसी-किसी को ये सब न होकर सिर्फ उल्टी हो सकती है. आमतौर पर खाने के सामान को देखकर ही पता चल जाता है कि वो एक्सपायर हो चुका है या नहीं. जैसे कि खाने से सड़ने की बदबू आना, स्वाद खराब हो जाना या रंग बदल जाना. 

हालांकि कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें एक्सपायरी डेट के कुछ दिनों बाद भी खा सकते हैं. लेकिन इससे पहले ये जरूर जांच लें कि खाना सड़ा न हो. खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की क्वालिटी सिर्फ एक्सपायरी डेट तक ही बनी रहती है. एक्सपायरी डेट के बाद खाद्य पदार्थ में पोषक तत्वों की क्वालिटी घटने लगती है. जिसे खाने से सिर्फ पेट भरता है. लेकिन शरीर को कोई फायदा नहीं होता.

किन बातों का ध्यान रखें?

इस तरह के सामान को खाने से पहले अच्छे से पका लें. बिना पका हुआ खाना खाने से ज्यादा समस्याएं हो सकती हैं. खाद्य पदार्थों को अच्छे वातावरण में रखें, जैसे कि फ्रिज में रखने वाली चीजों को फ्रिज में ही रखें. अगर किसी खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल खोलकर कर रहे हैं तो उसे सिर्फ एक्सपायरी डेट तक ही खाएं. फल आदि चीजों को धोकर खाना चाहिए. खाद्य पदार्थ को खरीदने से पहले जांच लें कि उसकी गुणवत्ता ठीक हो. 

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
 

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