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पीरियड्स में 83 दिन तक खूब ब्लीडिंग हुई, डॉक्टर सुनने को तैयार नहीं थे, फिर कैसे बची जान?

"जब मैंने नीचे अपनी सीट और फ्लोर को देखा तो लगा कि मैं खून के छोटे पूल में खड़ी हूं."

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सांकेतिक तस्वीर (साभार- AFP)

 

“2018 के उस दिन मैं अपने डेस्क से उठी और पता चला कि मुझे बुरी तरह ब्लीडिंग हो रही है. जब मैंने नीचे अपनी सीट और फ्लोर को देखा तो लगा कि मैं खून के छोटे पूल में खड़ी हूं. मैं बाथरूम गई और खुद को साफ किया. लेकिन वहां से 200 फीट चलते ही मेरे पैर फिर खून से भींग चुके थे. मैं तुरंत घर चली गई. बाथरूम जाकर देखा कि मैं खून से लथपथ थी.”

रॉनी माये. अमेरिका के नॉर्थ कैरोलीना में रहने वाली एक ब्लैक महिला. रॉनी ने इनसाइडर डॉट कॉम में अपनी कहानी शेयर की हैं. दरअसल, यह कहानी नहीं बल्कि एक दर्दनाक किस्सा है. साल 2018 का जब वो लगातार तीन महीने तक पीरियड्स से परेशान रहीं. लगातार 83 दिनों तक. स्थिति ऐसी हो गई कि उन्हें खून तक चढ़ाना पड़ा. 

रॉनी लिखती हैं कि खून को रोकने के लिए उन्होंने सबकुछ किया. टैम्पोन लगाया. पैड का इस्तेमाल किया. एक घंटे के भीतर टैम्पोन और पैड का एक पैकेट खत्म हो गया. वो बताती हैं कि इससे पहले ऐसा उन्होंने कभी महसूस नहीं किया था. उन्हें लगा कि लंबे समय से पीरियड नहीं आने कारण ऐसा हो रहा है. एक या दो दिन में सही हो जाएगा. लेकिन दवाई, हीटिंग पैड और बाकी सब तकनीक का इस्तेमाल करने के बाद भी ऐसा नहीं हुआ.

हमारे आसपास की महिलाएं या लड़कियां हर महीने पीरियड्स के दर्द (Periods pain) को झेलती हैं. कुछ महिलाओं के लिए ये दर्द असहनीय होता है. दवाई तक लेनी पड़ती है. कभी-कभी ऐसा कि उन्हें अस्पताल भी जाना पड़ता है. ये हम सभी अपने आसपास देखते हैं. इस दर्द को हम पुरुष महसूस नहीं कर सकते, क्योंकि हम इसे नहीं झेलते. बोलने को बोल देते हैं कि "समझ सकता हूं." इस खबर को चुनने का मकसद यही था कि अपनी लिखावट में और खुद के भीतर भी थोड़ी संवेदनशीलता और बढ़े.

'ये कई ब्लैक महिलाओं की कहानी'

वापस रॉनी की कहानी पर आते हैं. पीरियड ब्लीडिंग से स्थिति ऐसी बिगड़ी कि रॉनी को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया. रॉनी बताती हैं कि इमरजेंसी रूम में तीन घंटे रहने के बाद एक पुरुष डॉक्टर (वाइट मेल) वहां आया. उन्हें याद नहीं है कि वजाइना की जांच करने के पहले या बाद में, लेकिन डॉक्टर ने उनसे कहा था, 

"क्या आपको सही में लगता है कि जैसा आप कह रही हैं उतना ही खून बह रहा है?"

रॉनी लिखती हैं कि डॉक्टर को कमरे में आने से पहले नहीं पता था कि उन्हें डिहायड्रेशन के लिए IV ड्रिप लग चुकी थी. कई बार बेड शीट बदली गई थी और नर्स ने खून रोकने के लिए इंजेक्शन भी लगाया था. इसके अलावा खून भी चढ़ाया गया था. रॉनी के मुताबिक, 

"खून चढ़ाने के बाद डॉक्टर को लगा कि मैं घर जाने के लिए तैयार हूं. दुर्भाग्य से, ये कई ब्लैक महिलाओं की कहानी है जो डॉक्टरों या हेल्थकेयर वर्कर्स के हाथों मरते हैं.... क्योंकि वो हम पर भरोसा नहीं करते."

रॉनी माये ने लिखा है कि अगर वो घर जातीं तो खतरनाक होता. उनके दिमाग में चल रहा था कि अस्पताल से घर जाते हुए वो संभवत: मर जाएंगी. इसलिए अस्पताल से रिक्वेस्ट कर एक दिन के लिए भर्ती हो गईं. फिर कई दिनों तक वो अस्पताल में ही रहीं. रॉनी के मुताबिक, उन्हें कई पैनिक अटैक आए, हार्ट रेट बढ़ जाती थी और ब्लड प्रेशर गिर जाता था. शरीर में खून की काफी कमी हो गई थी. कई बार IV ड्रिप लगाई गई और खून चढ़ाने की जरूरत पड़ी.

खून रोकने के लिए सर्जरी हुई

फिबरॉयड्स (Fibroids) और एंडोमेट्रियोसिस सहित कई टेस्ट हुए. फिबरॉयड्स उस स्थिति को कहते हैं जब गर्भाशय के आसपास सिस्ट बन जाते हैं. वहीं एंडोमेट्रियोसिस ऐसी बीमारी है जिसमें गर्भाशय के बाहर उसी तरह के टिश्यू बढ़ने लगते हैं, जो गर्भाशय की लाइनिंग पर होते हैं. टिश्यू कोशिकाओं के समूह को कहते हैं. यूटरस के बाहर के इन टिश्यू को हटाने के लिए रॉनी को ऑपरेशन करवाना पड़ा. WHO के मुताबिक, एंडोमेट्रियोसिस से दुनिया भर में करीब 10 फीसदी महिलाएं (रीप्रोडक्टिव एज) प्रभावित हैं.

रॉनी बताती है कि उन्हें पूरे 83 दिनों तक ब्लीडिंग होती रही. इससे पहले उन्होंने इस तरह का पीरियड साइकिल कभी अनुभव नहीं किया था. रॉनी मानती हैं कि उस दिन अस्पताल में खुद को रोकने के फैसले से ही उनकी जान बच पाई.

महिलाओं में नॉर्मल पीरियड साइकल 25 से 35 दिनों की होती है. लेकिन कई महिलाओं को जल्दी तो कई को लंबे समय तक पीरियड्स नहीं आते. रॉनी बताती हैं कि 2015 में को पता चला था कि वो PCOS से जूझ रही है. PCOS यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic ovary syndrome). ऐसी स्थिति में महिलाओं का पीरियड्स काफी अनियमित होता है. ये ओवरी की बीमारी का नाम है.

क्या होता है PCOS?

स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. ध्रुपती डेढ़िया ने काफी पहले लल्लनटॉप से इस बीमारी के बारे में विस्तार से बताया था. उसे हम यहां बता रह हैं. ओवरी का काम होता है अंडा बनाना. आदर्श स्थिति में 28 दिन का पीरियड साइकल होता है. इसमें ओवरी में अंडा बनता है, फिर ओवरी से बाहर निकलता है और पीरियड में शरीर से बाहर निकल जाता है. जब एक अंडे के बदले बहुत सारे अंडे बनने शुरू हो जाते हैं, तो एक भी अंडा ठीक से डेवलप नहीं हो पाता. इन अंडर डेवलप्ड अंडों को सिस्ट कहते हैं. ये सिस्ट ओवरी के अंदर ही रह जाते हैं. इस वजह से इस कंडीशन को पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम कहते हैं. यानी ओवरी में बहुत सारे सिस्ट वाली बीमारी.

जिस दिन पीरियड शुरू होता है उस दिन से पीरियड साइकिल गिनी जाती है. यानी आपको अगर आज पीरियड शुरू हुए हैं तो आपकी साइकिल आज से शुरू होगी. कई डॉक्टर सलाह देते हैं कि पीरियड्स अनियमित होने पर, यानी 25 दिनों से पहले या 35 दिनों के बाद लगातार होने पर खुद से दवाई लेने के बदले डॉक्टर से मिलना चाहिए और जांच करवानी चाहिए. 

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