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क्या है ब्रुगाडा सिंड्रोम, जो चलते-फिरते युवाओं की मौत का कारण बन रहा है?

हाल में बहुत लोगों की अचानक मौत हुई, इसका कारण डॉक्टर से समझिये.

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ऐसे पेशेंट्स में किसी भी तरह की उत्तेजना अवॉइड करने के लिए कहा जाता है. (सांकेतिक तस्वीर)

आजकल आए दिन ख़बर सुनने को मिलती है कि फलां-फलां 19 साल के लड़के की नाचते-नाचते मौत हो गई. किसी 27 साल के आदमी की एक्सरसाइज करते हुए मौत हो गई. अटकलें ये लगाई जाती है कि ऐसा हार्ट अटैक पड़ने के कारण हुआ होगा. कई केस में ऐसा होता भी है. पर जिन जवान, बिल्कुल हेल्दी लोगों में कार्डियक अरेस्ट पड़ता है उसके पीछे बहुत बड़ा हाथ है ब्रुगाडा सिंड्रोम (Brugada syndrome) का. इस सिंड्रोम के लक्षण न ही पेशेंट और कई बार न ही डॉक्टर पकड़ पाते हैं. आज बात करेंगे इसी सिंड्रोम के बारे में. सबसे पहले ये जान लेते हैं ब्रुगाडा सिंड्रोम है क्या?

ब्रुगाडा सिंड्रोम क्या होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर रजनीश सरदाना ने.

Dr. Rajnish Sardana | Fortis Healthcare
डॉक्टर रजनीश सरदाना, एडिशनल डायरेक्टर, कार्डियोलॉजी, फ़ोर्टिस, नई दिल्ली

आजकल सेहतमंद लोगों की मौत की ख़बरें आ रही हैं. इसका एक रेयर कारण है ब्रुगाडा सिंड्रोम. इसमें दिल की ध्वनि यानी इलेक्ट्रिकल इम्पल्स में ख़राबी होती है. इसके कारण दिल की धड़कन गड़बड़ा जाती है. दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है. ब्लड प्रेशर ड्रॉप हो जाता है. इसमें मरीज़ की जान भी जा सकती है.

डायग्नोसिस

ब्रुगाडा सिंड्रोम का डायग्नोसिस डॉक्टर की जानकारी पर निर्भर करता है! नहीं तो इसके लक्षण अलग से पता नहीं चलते. अगर डॉक्टर को इसके बारे में पहले से जानकारी है तो वो इसकी जांच करता है. यंग लोगों की अचानक मौत जो हार्ट अटैक से नहीं हुई है, उसका क्या कारण हो सकता है? एक कारण ब्रुगाडा सिंड्रोम हो सकता है. इस बीमारी का पता लगाने के लिए एक सिंपल ECG किया जाता है. ECG में एक पैटर्न आता है जिसको ब्रुगाडा पैटर्न कहते हैं. ब्रुगाडा उस साइंटिस्ट का नाम है जिसने इसका पता लगाया था. ECG रिपोर्ट देखने के बाद पता लगाया जाता है कि क्या ये सिंड्रोम खानदान में चलता है.

Brugada Syndrome | Heart of Melbourne
ब्रुगाडा सिंड्रोम का डायग्नोसिस डॉक्टर की जानकारी पर निर्भर करता है!
लक्षण

- बार-बार बेहोशी महसूस होना

- चक्कर आना

- धड़कन बिगड़ना

- परिवार में कोई अचानक मौत हुई हो

- ऐसे में पेशेंट की जांच की जाती है ब्रुगाडा सिंड्रोम का पता लगाने के लिए

- अगर किसी मरीज़ को तेज़ बुखार आ जाए

- उस केस में धड़कन एकदम से बिगड़ सकती है

ST depression on ECG: What it means and causes
इस बीमारी का पता लगाने के लिए एक सिंपल ECG किया जाता है
इलाज

ऐसे पेशेंट्स में किसी भी तरह की उत्तेजना अवॉइड करने के लिए कहा जाता है. ये पेशेंट्स नॉर्मल एक्टिविटी कर सकते हैं. बुखार ज़्यादा बढ़ने नहीं देना चाहिए. जिन परिवारों में ऐसे अचानक मौत हो चुकी हो, ब्रुगाडा पैटर्न हो, उन लोगों में ICD नाम की मशीन लगाने की सलाह दी जाती है. ऐसा उन लोगों में करने को कहा जाता है जो हाई रिस्क होते हैं. ये एक छोटी मशीन होती है. इसको चेस्ट में लगाया जाता है. ये दिल की धड़कन हर मिनट मॉनिटर करती है. अगर धड़कन बिगड़ जाए तो शॉक लगाकर पेशेंट को बचा सकती है.

ब्रुगाडा सिंड्रोम क्या होता है, ये तो समझ में आ ही गया होगा. डॉक्टर साहब ने जो लक्षण बताए हैं, उनपर नज़र रखिए. अगर ये लक्षण महसूस हों तो डॉक्टर से ज़रूर जांच करवाएं. 

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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