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तस्वीर में अपनी बच्ची के साथ बिस्माह मारूफ.
ये तस्वीर और इसी मैच की अलग अलग क्लिप्स से इंटरनेट भरा पड़ा है. ट्विटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक, मीम पेज हर तरफ इसी से रिलेटेड कंटेंट दिख रहा है. तो पहले इसका बैकग्राउंड यानी पीछे की कहानी समझते हैं, फिर बताउंगी कि इंटरनेट की दुनिया के लोगों ने इसपर क्या क्या देखा और एंड में ये भी बताउंगी कि मुझे ये क्यों पसंद आई.
मैच के बाद क्या हुआ जिसकी तस्वीर वाइरल हो गई
ICC वीमेन वर्ल्डकप चल रहा है. कल इंडिया का पहला मैच था. पाकिस्तान के खिलाफ, भारत ने 107 रनों से मैच जीता. पाक के खिलाफ ये इंडिया की चौथी जीत थी. अब तक वर्ल्डकप में भारत कभी पाक से नहीं हारा.खैर, मैच के बाद एक ऐसा वाकया हुआ जिस वजह से इस मैच की तस्वीर आज हर जगह दिख रही है. मैच हराने के बाद भारतीय टीम की प्लेयर एकता बिष्ट ड्रेसिंग रूम पहुंची और पाकिस्तान टीम की कैप्टन बिस्माह मारूफ की बेटी फातिमा को खिलाने लगीं. उस वक्त बिस्माह मैदान पर थीं और बेटी केयरटेकर की गोद में थी. इसके बाद टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी बिस्माह मारूफ की बेटी के साथ खेलने के लिए पहुंचे. सभी ने उसे खिलाया और बाद में साथ में सेल्फी भी ली.
इसी के साथ बिस्माह की भी एक तस्वीर बड़ी वायरल है. इसे ICC ने ट्वीट किया है. इसमें बिस्माह अपनी 7 महीने की बेटी फातिमा को गोद में लेकर स्टेडियम पहुंची थीं. 30 अगस्त को फातिमा का जन्म हुआ था, उसके बाद कुछ महीनों के लिए बिस्माह क्रिकेट से दूर थीं.
अब इन तस्वीरों ने इंटरनेट ने धूम मचा रखी है. बहुत कम ऐसा होता है कि किसी तस्वीर या वीडियो पर पॉजिटिव कमेंट्स ज़्यादा हों. और ये इन्हीं कुछ चंद तस्वीरों में से एक है.
आतिफ नवाज़ ने लिखा,
"बिस्माह मारूफ की लिगेसी उनके क्रिकेट अचीवमेंट और फील्ड की उपलब्धियों से आगे जाएगी. जो समाज लड़कियों को करियर और फैमिली के बीच में चुनने के लिए कहता है उसके आगे बिस्माह दिखा रही है कि कैसे दोनों एक साथ मैनेज किया जा सकता है. सच एन इंस्पिरेशन.अयाज़ मेनन ने लिखा,
" कितना प्यारा. स्पोर्ट्स पुल बनाने का काम कर रहा है"पत्रकार फाय डी सूज़ा ने लिखा,
"फ्यूचर फीमेल है"शा नाम की ट्विटर यूजर ने लिखा,
"दूध पिलाने वाली मां केंद्र में है. ये कुछ ऐसा है जिसकी मैं कल्पना नहीं करती पर इसकी इज़्ज़त और सराहना ज़रूर करती हूँ "रुपेश ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा,
"महिलाएं आदमी के खेल में शालीनता लाती हैं"अपूर्व ने लिखा,
"इस तस्वीर में सेलिब्रेट करने लायक कितनी सारी चीज़ें हैं"
मुजीब मशाल ने लिखा,
"ये वीडियो आपको पिघला देगा"गौरव मेहता ने लिखा,
"यही कारण है कि हमें इस दुनिया में और महिला लीडर्स चाहिए. ज़्यादा संवेदनशीलता, प्यार और धैर्य के लिए"एस. के. सिंह ने कहा,
"बॉउंड्री से बॉल रोकी जा सकती है, प्यार नहीं"मनदीप ने तस्वीर लगाते हुए लिखा,
"औरतों को दुनिया की समस्याएं नैचरल लव, एम्पथी और कम्पैशन से हल करने दीजिये"सिदराह नाम की एक यूजर ने तस्वीर शेयर करते हुए कहा,
" मुझे ये तस्वीरें और वीडियो बेहद पसंद आये. और जो लोग सारी चीज़ें छोड़कर बच्चे को खिलाने जाते हैं वो मेरे फेवरेट हैं"
एक ट्विटर यूजर ने कहा,
" ये बच्ची जिस तरह कैमरा को देख रही है ये अमेजिंग है. मुझे तो आज भी नहीं समझ आता किधर देखा है और अपने हाथों का क्या करना है"ये तो सारी अच्छी अच्छी बातें थी. कुछ एक नेगेटिव भी थे. और वो इतने बेतुके थे, कि मैंने उन्हें इग्नोर करना बेहतर समझा.
तस्वीर ने क्यों दिल खुश कर दिया
लोगों की कहासुनी तो हो गई, अब बताती हूं आपको कि मुझे ये तस्वीर क्यों प्यारी लगी. और मेरे मंडे ब्लूज को भगाने का कारण कैसे बनी.सबसे पहला ये कि हम अक्सर स्पोर्ट्स और मातृत्व को अलग-अलग पोल्स पर रखकर देखते हैं. बच्चा करने को करियर पर लगते ब्रेक की तरह देखते हैं. इसी तरह एक दूध पिलाती मां तभी अच्छी मां हो सकती है जब वो अपना पूरा वक़्त घर में रहकर बच्चे को दे, ये भी मानते हैं. ये भी मानते हैं कि दूध पिलाती मां अगर मैदान पर या दफ्तर में होगी तो उसका काम में मन नहीं लगेगा क्योंकि वो हमेशा बच्चे के बारे में ही सोचती रहेगी. ये तस्वीर इन तीनों स्टीरियोटाइप्स को एक साथ तोड़ती दिखती है. हम आज एक ऐसे दौर में हैं कि एक मां की क्षमता उसके काम से और उसके काम की क्षमता को उसके मातृत्व से ओवरलैप करना मूर्खतापूर्ण है.
दूसरी बात, ये दो ऐसे देशों का प्रतिनिधित्व करती हुई महिलाएं थीं, जिन्हें कट्टर दुश्मन माना जाता है. नेता भी आग में और घी झोंकते हैं. हर चीज में एक दूसरे से तुलना करते हैं. क्रिकेट में एक दूसरे को हराकर एकदम अमर महसूस करते हैं. जबकि बैठकर सोचिए तो ये बस एक खेल है जिसमें कोई भी जीत सकता है. ऐसे में ये तस्वीर और इसमें दिख रही बच्ची एकदम मस्त फ्रेश हवा की तरह है.
तीसरा ये कि बच्चे पालना कोई छुपाकर करने वाली चीज नहीं है. आपको याद होगा कि जब विराट कोहली एक सीरीज छोड़कर, अपनी बेटी की डिलीवरी के लिए इंडिया आ गए थे तो जनता ने ट्रोल कर करके हंगामा काट दिया था. कि देश से प्यार नहीं करता. स्वार्थी है, वगैरह वगैरह. अब इस तस्वीर में महिला क्रिकेटर बच्चे के साथ है तो उसे कोई ट्रोल नहीं कर रहा. क्योंकि सबको ये लगता है कि बच्चे का मां के साथ होना नेचुरल है. गलत मत समझिए, मैं ये नहीं कह रही कि अब बिस्माह को आप ट्रोल करने लगिए. मैं ये कह रही हूं कि चाहे पुरुष हो या स्त्री, माता या पिता होना कोई कमजोरी नहीं है. पुरुष भी इस तस्वीर से सीख सकते हैं.
और इसलिए भी ये तस्वीर खूबसूरत है क्योंकि ये दुनियाभर की महिलाओं को ये उम्मीद देती है कि बच्चा करने के बाद ज़रूरी नहीं कि आप अपने सपने छोड़कर घर बैठो. अपने सपनों को चेज़ करना भी उतना ही ज़रूरी है.
कई लोगों ने ये भी कहा कि अगर तमाम ताकतवर पोजीशन्स पर इसी तरह ढेर सारी महिलाएं हों तो ये दुनिया एक बेहतर, ज्यादा काइंड, ज्यादा सॉफ्ट दुनिया होगी, जिसमें युद्ध और ईगो कम होगा. अब इस बारे में तो मैं कुछ नहीं कह सकती क्योंकि ये बहुत दूर की कौड़ी है. लेकिन ये ज़रूर कह सकती हूं कि महिलाओं का स्पोर्ट्स, पॉलिटिक्स, पत्रकारिता से लेकर तमाम नौकरियों में ज्यादा दिखना हमें एक बराबर समाज ज़रूर बनाएगा.
आपकी क्या राय है? कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं मुझे.
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