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ICC ने अश्विन की सुनी तो किलस जाएंगे लिविंगस्टन जैसे दिग्गज बल्लेबाज़

LBW के नियम में बड़ा बदलाव चाहते हैं रविचंद्रन अश्विन.

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रविचंद्रन अश्विन (फोटो: PTI)

भारतीय दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट मैच में नहीं खेले थे. उनकी जगह टीम में रविंद्र जडेजा को शामिल किया गया था. अब अश्विन ने उसी मैच का रेफरेंस देते हुए एक बड़े नियम में बदलाव की वकालत की है. अश्विन लेग बिफोर विकेट यानी LBW के नियम में बदलाव चाहते हैं. जो रूट और जॉनी बेयरस्टो के शानदार शतकों की बदौलत इंग्लैंड ने यह टेस्ट सात विकेट से जीता था.

रूट और बेयरस्टो ने नाबाद 269 रनों की साझेदारी की थी. और अश्विन ने एजबेस्टन टेस्ट में इन दोनों द्वारा खेले गए शॉट्स पर बात की है. इस टेस्ट के चौथे दिन, रूट ने जडेजा की गेंद पर रिवर्स स्वीप शॉट खेलने का प्रयास किया. और इस प्रयास के दौरान गेंद उनके पैड पर जाकर लगी. लेकिन अंपायर ने भारतीय फील्डर्स की LBW की अपील को ठुकरा दिया.

जडेजा ने उप-कप्तान ऋषभ पंत को डीआरएस का विकल्प चुनने के लिए मना लिया. हालांकि, रीप्ले में पता चला कि गेंद लेग स्टंप लाइन के बाहर पिच हुई थी. और इसी के चलते भारत की अपील नकार दी गई. इसी पर बात करते हुए अश्विन ने कहा,

‘प्लीज़ अपना रिवर्स स्वीप खेलें, लेकिन गेंदबाजों को LBW दें. आप कैसे कह सकते हैं कि जब आप मुड़ते हैं तो यह LBW नहीं है. क्योंकि आपका शरीर एक ब्लाइंड स्पॉट नहीं रहता. ये ब्लाइंड स्पॉट तभी तक है, जब आप अपने नार्मल स्टांस पर होते हैं. एक बार जब आप रिवर्स स्वीप या स्विच हिट खेलते हैं, तो ये एक ब्लाइंड स्पॉट नहीं रहता. साथ ही ये यह बेहद अनुचित है कि यह LBW नहीं दिया जाता.’

अश्विन ने यह दिखाने के लिए एक इंडोर नेट का सहारा लिया, कि कैसे जडेजा ने रूट और बेयरस्टो को गेंदबाजी करते हुए लेग-स्टंप के बाहर गेंदें डाली थीं. इस पर उन्होंने कहा,

‘रूट ने शुरुआत में 10 बार रिवर्स स्वीप करने की कोशिश की. और पहले नौ बार वह कनेक्ट नहीं कर सके. 10वीं बार गेंद किनारे लुढ़क गई. बेयरस्टो ने सिर्फ उन गेंदों को दूर किया.’

इसके बाद उन्होंने LBW पर अपना मत रखते हुए कहा,

'एक गेंदबाज के रूप में, मैं बल्लेबाज को अपनी आक्रमण की रेखा (स्टंप के ऊपर या उसके आसपास) बताता हूं, और मैं अपने क्षेत्र की भी स्पष्ट झलक दे रहा हूं. लेकिन इसके उलट बल्लेबाज दाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में सामने आते हैं, लेकिन बाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में स्विच करते हैं.’

अश्विन ने कहा कि अगर बल्लेबाज ऐसा कुछ करते हैं तो उन्हें ब्लाइंड स्पॉट के तहत खेलने का प्रावधान नहीं मिलता है. और LBW नियम लेग स्टंप के बाहर पिच की गई गेंदों को खारिज करते हैं, भले ही वह स्टंप से टकराती हो. उन्होंने आगे कहा,

जो रूट को यह बताया जाना चहिए कि अगर गेंद लेग स्टंप के बाहर से आती है. और आपके पैड से टकराती है, तो यह एक ब्लाइंड स्पॉट नहीं है. अगर मैं इसे अपने नार्मल स्टॉन्स से खेलता हूं, तो यह एक ब्लाइंड स्पॉट है. लेकिन अगर मैं पलट जाता हूं, तो यह कोई ब्लाइंड जगह नहीं है– यह फ्रंट-ऑन है. जिस मोमेंट पर आप मुड़ते हैं आप फ्रंट ऑन पर होते हैं. मेरा सवाल यह नहीं है कि वो रिवर्स स्वीप खेल सकते हैं या नहीं. न ही मेरा सवाल लेग स्टंप के बाहर गेंदबाजी करने पर है, मेरी बात LBW के बारे में है. यह बेहद अनुचित है कि इसमें LBW नहीं दिया जाता है.’

आश्विन ने अपने वीडियो में ऑस्ट्रेलियाई ओपनर उस्मान ख्वाजा की बात भी की. उन्होंने बताया कि कैसे उस्मान ख्वाजा बिना स्टांस बदले, अपने हाथों के इस्तेमाल से बखूबी रिवर्स स्वीप खेलते हैं. अपने वीडियो में आश्विन ने ख्वाजा की ग्रिप चेंज करने के तरीके को करके भी दिखाया. साथ ही LBW पर अपनी बात को और स्पष्ट करने के लिए उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज एलेक्स कैरी की भी बात की. उन्होंने कहा,

'आप कैरी को ही देख लें. वो रिवर्स स्वीप खेलने के लिए अपने पुरे शरीर को ही घुमा देते हैं. मेरे विचार से ऐसे में जब गेंद लेग स्टंप के बाहर गिरती है, तो इसे ब्लाइंड स्पॉट नहीं मन जाना चाहिए. मेरे मुताबिक जब बल्लेबाज ऐसा एक भी शॉट खेलता है, तो उस पर LBW नियम लागू होना चाहिए.’

एजबेस्टन टेस्ट की दूसरी इनिंग्स में इंग्लैंड की तरफ से जो रूट ने 142 और जॉनी बेयरस्टो ने 114 रन बनाए थे. इनके बीच हुई नाबाद 269 रन की साझेदारी की बदौलत इंग्लैंड ने ये टेस्ट अपने नाम किया था.

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