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ऑस्ट्रेलिया से मिली इस जीत का जश्न मनाकर हम अपना ही नुकसान कर रहे

ये वक्त कमियों पर ध्यान देने का है.

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इंडियन बोलर्स (AP)

जसप्रीत बुमराह, छह ओवर, 73 रन, एक विकेट.
भुवनेश्वर कुमार, सात ओवर, 91 रन, एक विकेट.
हर्षल पटेल, आठ ओवर, 99 रन, एक विकेट.
युज़वेंद्र चहल, 8.2 ओवर, 76 रन, दो विकेट.
हार्दिक पंड्या, छह ओवर, 55 रन, शून्य विकेट.

ये इंडिया के चार मुख्य और एक पार्टटाइम बोलर के आंकड़े हैं. संडे, 25 सितंबर को खत्म हुई इंडिया वर्सेज ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ के दौरान इन सबको खूब मार पड़ी. ऑस्ट्रेलियन बैटर्स ने इन्हें मैदान के चारों कोनों में धुना. कैमरन ग्रीन, टिम डेविड और मैथ्यू वेड ने इंडियन बोलर्स पर मनचाहे अंदाज में रन बनाए. खराब एशिया कप कैम्पेन के बाद लोगों ने सोचा था कि बुमराह लौटेंगे तो सब सही हो जाएगा.

बुमराह लौटे भी. सीरीज़ के दूसरे मैच में. गीली आउटफील्ड के चलते यह मैच आठ-आठ ओवर्स का कर दिया गया था. और इस मैच में बुमराह ने ऐरन फिंच को बहुत कमाल की गेंद पर बोल्ड मारा. यह इतनी प्यारी गेंद थी कि फिंच खुद को इसकी तारीफ करने से नहीं रोक पाए. बोल्ड होकर जाते हुए उन्होंने ताली बजाई. लेकिन इस मैच में बुमराह के ओवरऑल आंकड़े देखें तो उन्होंने दो ओवर्स में 23 रन दिए. इस मैच में वह सबसे ज्यादा पिटने वाले भारतीयों में तीसरे नंबर पर रहे.

सीरीज़ का आखिरी मैच बुमराह के लिए भुलाने वाला रहा. इस मैच में उन्होंने अपने कोटे के चार ओवर्स में 50 रन लुटा डाले. यह बुमराह के करियर के सबसे महंगे चार ओवर्स रहे. और इस बार उन्हें कोई विकेट भी नहीं मिला.

# हर्षल पटेल

बुमराह के साथ लोगों को हर्षल की वापसी का भी इंतजार था. हर्षल भी एशिया कप में नहीं खेले थे. लेकिन हर्षल की वापसी बुमराह से भी खराब रही. मोहाली में हुए पहले मैच में उन्होंने अपने चार ओवर्स में 49 रन दिए. जबकि नागपुर में हुए दूसरे मैच में उनके दो ओवर्स में 32 और तीसरे मैच की 12 गेंदों पर 18 रन आए.

हर्षल इन तीनों मैच में मिलाकर कुल एक विकेट ले पाए. यानी ऐसा भी नहीं था कि वो रन देकर विकेट ले रहे थे. हर्षल सिर्फ रन ही दिए जा रहे थे. अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लहज़े में कहें तो यह इतिहास की सबसे खराब ट्रेड डील थी.

# भुवनेश्वर कुमार

भुवी के फ़ैन्स की मानें तो टीम मैनेजमेंट उनका सही प्रयोग नहीं कर रहा. और आप इन फ़ैन्स में मुझे भी जोड़ ही सकते हैं. भुवी के पास गेंद को घुमाने की कला है. और इसका बेस्ट इस्तेमाल नई गेंद के साथ हो सकता है. ये बात दुनिया जानती है. लेकिन हमारे कैप्टन रोहित और कोच राहुल जी भुवी को डेथ बोलर बनाने की जिद पकड़ बैठे हैं.

एशिया कप के दौरान ही डेथ्स में भुवी खूब पीटे जा चुके थे. लेकिन इस सीरीज़ में उनसे फिर डेथ्स में बोलिंग कराई गई. नतीजा, भुवी ने पहले मैच के चार ओवर्स में 52 रन दिए. दूसरे मैच से बाहर बैठे. और तीसरे मैच के तीन ओवर्स में 39 रन दिए. और इन दो मैच में उन्होंने सिर्फ एक विकेट निकाला.

# युज़वेंद्र चहल

युज़ी चहल भी पिछले कुछ वक्त से सही फॉर्म में नहीं चल रहे. उन्हें खूब मार पड़ रही है. और ये सिलसिला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ भी जारी रहा. पहले मैच के 3.2 ओवर्स में युज़ी ने 42 रन देकर एक विकेट लिया. दूसरे मैच के इकलौते ओवर में उन्होंने 12 रन दिए. जबकि तीसरे मैच में उन्होंने वापसी करते हुए चार ओवर्स में 22 रन देकर एक विकेट निकाला.

सीरीज़ खत्म होते-होते युज़ी की फॉर्म थोड़ी बेहतर दिखी है. लेकिन युज़ी की विकेट लेने वाली कला अभी भी काम नहीं आ रही. युज़ी की इकॉनमी की चिंता तो देश को कभी नहीं रही, लेकिन वो विकेट नहीं लेंगे तो चार घंटे की नींद भी मुश्किल हो जाएगी.

# हार्दिक पंड्या

हार्दिक को अक्सर कपिल देव और जैक कैलिस जैसे दिग्गजों से कंपेयर किया जाता है. वह जब लय में होते हैं तो उनकी बैटिंग देखना भी कमाल का अनुभव रहता है. लेकिन उनकी बोलिंग के लिए ऐसा कहना थोड़ा मुश्किल है. हार्दिक कई मौकों पर गेंद से मैच बना चुके हैं. लेकिन ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ उनके लिए भी भूलने लायक रही.

पहले मैच में उनके दो ओवर्स में 22 रन आए. दूसरे मैच में उन्होंने पहला ओवर फेंका, 10 रन दिए. और तीसरे मैच में उनके तीन ओवर्स में 23 रन बने. और इस दौरान उन्हें विकेट एक भी नहीं मिला. टीम इंडिया हार्दिक को अक्सर पांचवें बोलिंग ऑप्शन के रूप में देखती है. और अगर पांचवां बोलिंग ऑप्शन ना विकेट ले पा रहा, ना रन बचा पा रहा है तो, सउने चिंता थवी ज जोईये!

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