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रिकी पॉन्टिंग ने टीम इंडिया को अगला जडेजा दे दिया!

जडेजा और अश्विन की जगह लेने वाला मिल गया!

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रविन्द्र जडेजा, रिकी पोंटिंग. फोटो: Getty Images

भारतीय क्रिकेट टीम. वर्ल्ड क्रिकेट की नंबर दो टेस्ट टीम. और अगर हम कहें कि टीम को नंबर दो बनाने में सबसे अहम रोल उसके ऑल-राउंडर्स का है, तो ये गलत नहीं होगा. ICC की टेस्ट रैंकिंग में चाहे गेंदबाज़ी हो या ऑल-राउंडर्स वाली लिस्ट. हर जगह भारतीय ऑल-राउंडर्स सबसे आगे खड़े हैं. इन ऑल-राउंडर्स में नंबर एक पर हैं रविन्द्र जडेजा, नंबर दो पर हैं रविचन्द्रन अश्विन.

लेकिन एक ऑल-राउंडर और है. जिसे पहले लोग अंडर-डॉग या बैकअप वाली लिस्ट में रखते थे. लेकिन इस खिलाड़ी ने साबित कर दिखाया कि वो सिर्फ सपोर्टिंग रोल में नहीं रहेगा. हम बात कर रहे हैं 29 साल के बापू, अक्षर पटेल की.

अक्षर पटेल भारतीय क्रिकेट में नया नाम नहीं है. साल 2014 में माही भाई की कप्तानी में मीरपुर के मैदान पर बांग्लादेश के खिलाफ़ वनडे में डेब्यू. इसके अगले ही साल 2015 में उन्हें ज़िम्बाब्वे के खिलाफ़ T20 डेब्यू. यानी अक्षर सालों से इंडिया सेटअप में हैं. लेकिन डेब्यू के पहले तीन साल वो लिमिटेड ओवर टीम में अंदर बाहर होते रहे. वजह, टीम के स्थापित ऑल-राउंडर रविन्द्र जडेजा. जब भी जड्डू चोटिल होते तो अक्षर टीम में आ जाते.

लेकिन इन सबके बाद भी टेस्ट में इस खिलाड़ी की जगह नहीं बन रही थी. जानकारों ने इसकी सबसे बड़ी वजह बताई कि भइया अक्षर गेंदबाज़ी में तो अपना काम कर जाते हैं. लेकिन बल्लेबाज़ी में उनकी गाड़ी फंसी दिखती है. वनडे डेब्यू के सात साल बाद, 2021 में आखिरकार उनका टेस्ट डेब्यू हुआ. चेन्नई के मैदान पर रविन्द्र जडेजा टूटे हुए अंगूठे के चलते टीम से बाहर हो गए. ऐसे में अक्षर की लॉटरी निकल गई. उन्होंने डेब्यू टेस्ट में आते ही पांच विकेट चटका दिए और सीरीज़ में कुल 27 विकेट अपने नाम कर लिए. लेकिन बल्लेबाज़ी में अब भी कुछ खास नहीं हुआ. सीरीज़ में रन्स बनाए सिर्फ 55.

लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ, कि अक्षर का कमज़ोर पक्ष ही उनका मज़बूत पक्ष बन गया. अक्षर पटेल साल 2014 से IPL खेल रहे हैं. सीज़न दर सीज़न वो गेंदबाज़ी में कमाल करते रहे. और यही देख साल 2019 में रिकी पॉन्टिंग ने अक्षर को पांच करोड़ में दिल्ली की टीम में शामिल कर लिया. वो उन्हें एक लोअर ऑर्डर के बेहतरीन बल्लेबाज़ के रोल में देखते थे.

फिर 2021 में जब IPL दुबई पहुंचा. तो अक्षर पटेल ने कोच रिकी पॉन्टिंग से कहा, वो अपनी बैटिंग को बेहतर करना चाहते हैं. वो अब सपोर्टिंग रोल की जगह फ्रंट पर आकर मैच विनर बनना चाहते हैं.

बस यहीं से पॉन्टिंग समझ गए कि अब अक्षर को नेक्स्ट लेवल ले जाने का वक्त आ गया है. टीम मैनेजमेंट जानता था कि अक्षर का लेग साइड का गेम कमज़ोर है. वह अक्सर शरीर पर आने वाली गेंदों पर लेग साइड में कैच आउट हो जाते थे. और अगर ऐसा ना हुआ, तो ज्यादा से ज्यादा उस गेंद पर सिंगल आता था.

और फिर शुरू हुआ अक्षर की बैटिंग सुधारने का प्लान. इस प्लान में दिल्ली के कोच मोहम्मद कैफ का भी बड़ा रोल रहा. कैफ ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में इस सफ़र पर लंबी बातचीत की. बकौल कैफ,

उन्होंने पॉन्टिंग के साथ मिलकर रविंद्र जडेजा का उदाहरण देते हुए अक्षर को समझाया. उन्हें बताया गया कि कैसे जड्डू ने 2018 के इंग्लैंड दौरे के बाद अपने गेम को अलग लेवल का कर लिया था.

कैफ ने इंटरव्यू में बताया,

'पॉन्टिंग ने महसूस किया, कि लेग साइड गेम को खोलने और इसे बेहतर बनाने के लिए अक्षर को सामने के कंधे को थोड़ा खोलने की जरूरत है. हमने फैसला किया कि इस समस्या को दूर करने के लिए थ्रोडाउन सही होगा.'

इसके बाद अक्षर पटेल नेट्स में पॉन्टिंग की सलाह पर काम करने लगे. वो मोहम्मद कैफ के साथ अपने कंधे की स्थिति को ठीक करने के लिए घंटों प्रैक्टिस करने लगे. मोहम्मद कैफ उन्हें थ्रोडाउन करवाते और उनके दिमाग में ये चीज़ भरने की कोशिश करते, कि उनका लेग साइड गेम बेहतरीन है. और फिर कमाल हो ही गया.

IPL 2021 की मेहनत 2022 में रंग लाई. जब अक्षर पटेल ने IPL इतिहास में अपनी सबसे बेहतरीन औसत, 45.50 के साथ 182 रन बनाए. वो टीम के कुल मुकाबलों में छह बार नाबाद लौटे और टीम का काम पूरा किया.

IPL 2022 में दिल्ली के पहले ही मैच में उन्होंने टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा की टीम के खिलाफ़ लक्ष्य चेज़ करते हुए जसप्रीत बुमराह, डेनियल सैम्स, बासिल थम्पी वाली मुंबई की बोलिंग को खूब मार मारी और 72/5 से दिल्ली को 179/6 तक ले गए और जीत दिला दी. इस मुकाबले में अक्षर ने 17 गेंदों पर तीन छक्के और दो चौकों के साथ 38 रन कूटे.

और फिर उन्होंने ये फॉर्म टीम इंडिया के लिए भी जारी रखा. टेस्ट में बापू 31.30 की ऐवरेज से रन बना रहे हैं. और बोलिंग तो खैर उनकी कमाल है ही. कुछ वक्त पहले 'सस्ते जडेजा' करार दिए गए अक्षर अब जडेजा के सीधे रिप्लेसमेंट बन चुके हैं. अगर आप हमारी बात से सहमत नहीं हैं, तो चलिए आंकड़े देख लेते हैं.

पिछले तीन साल में जड्डू और अक्षर:

भारतीय टीम के लिए साल 2021 में रविन्द्र जडेजा ने कुल सात टेस्ट खेले. जिसमें उन्होंने 269 रन बनाने के साथ 16 विकेट भी चटकाए. वहीं 2021 में अक्षर पटेल ने पांच टेस्ट में 179 रन बनाकर 36 विकेट अपने नाम किए. साल 2022 की बात करें तो इस साल जड्डू और अक्षर दोनों ने तीन-तीन टेस्ट खेले. इस दौरान जडेजा ने 328, वहीं अक्षर ने 70 रन बनाए. जबकि विकेट्स के मामले में अक्षर ने 11 और जड्डू ने 10 विकेट अपने नाम किए.

अब 2023 की शुरुआत में दोनों खिलाड़ियों ने दो-दो टेस्ट खेल दिए हैं. जिनमें अक्षर ने जडेजा से ज़्यादा, 158 रन बनाए हैं. वहीं जडेजा के नाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ दोनों टेस्ट मिलाकर 96 रन हैं. हालांकि विकेट्स के मामले में जड्डू 17 विकेट के साथ बहुत आगे हैं. हालांकि इसमें अक्षर को बहुत ज़्यादा दोष नहीं दिया जा सकता. उन्होंने तो खुद ही जडेजा के सामने कहा था,

'भइया मुझे तो गेंदबाजी का मौका ही नहीं मिल रहा है.'

अक्षर पटेल की बल्लेबाज़ी का स्तर कितना बेहतर हुआ है. इसका अंदाज़ लगाने के लिए आपको एक और उदाहरण देते हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के शुरुआती दोनों मैच में उन्हें अश्विन-जडेजा के रहते मौका मिला. उन्होंने नागपुर टेस्ट में 84 रन की पारी खेली. जबकि दिल्ली की विकेट पर 74 रन बनाए.

आज अक्षर बल्लेबाज़ों की रैंकिंग में 18 पायदान की छलांग लगा चुके हैं. वहीं ऑल-राउंडर्स की रैंकिंग में टॉप-5 में हैं. भारतीय टीम जिन तीन ऑल-राउंडर्स के दम पर टेस्ट में लगातार कमाल कर रही है. उनमें रविचन्द्रन अश्विन 36, वहीं रविन्द्र जडेजा 34 साल के हैं. ऐसे में अगर अक्षर पटेल अपने इसी गेम को बरकरार रखते हैं, तो वो भविष्य में बल्ले से टीम इंडिया की बड़ी मदद कर सकते हैं. वैसे भी नेथन लॉयन ने कह ही दिया है,

'अक्षर और अश्विन लोअर ऑर्डर के बल्लेबाज़ नहीं हैं. ये दोनों दुनियाभर की कई टेस्ट टीम के टॉप-6 बल्लेबाज़ों में आसानी से खेल सकते हैं.'

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