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अनिश्चितता, निराशा और अंधकार से उबरकर T20I में शतकवीर बने चौथे भारतीय क्रिकेटर की कहानी!

दीपक हूडा उर्फ Hooda On Fire के क़िस्से.

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शतक सेलिब्रेट करते दीपक हूडा

हरीकेन, हूडा ऑन फायर या फिर टीम के गो टू मैन. दीपक हूडा के कई नाम है. हरीकेन इनका निकनेम है. हूडा ऑन फायर इनका ट्विटर अकाउंट. और ‘गो टू मैन’ वाली पदवी इन्हें मिली थी अंडर-19 वर्ल्ड कप के दौरान. बाकी दो तो समझ आएं, लेकिन ये तीसरा कैसे? दरअसल, अंडर 19 वर्ल्ड कप के दौरान इन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था. टूर्नामेंट की छह पारियों में से पांच में इन्होंने बल्ले से डिलिवर किया. और एक मैच में पांच विकेट भी निकाले थे. और इसी प्रदर्शन ने इन्हें टीम का ‘गो टू मैन’ बना दिया था.

अब अब आप कहेंगे कि हमने साल 2014 का वर्ल्ड कप जीता ही नहीं, तो इस परफॉर्मेंस का मतलब क्या है? बिल्कुल मतलब है. क्योंकि इस टूर्नामेंट से ही श्रेयस अय्यर, संजू सैमसन और कुलदीप यादव जैसे सितारे चमके थे. और फिर इन्होंने IPL, डॉमेस्टिक क्रिकेट में भी अच्छा कर, बहुत जल्द इंडिया डेब्यू भी कर लिया. लेकिन दीपक हूडा ऐसा नहीं कर पाए. और इसके लिए काफी हद तक इनका अपना प्रदर्शन ही जिम्मेदार था.

लेकिन जैसा कि कहावत है, ना होने से देर भली. ये लाइन साल 2022 में दीपक हूडा के ऊपर बिल्कुल फिट हुई. क्योंकि अंडर-19 वर्ल्ड कप के करीबन आठ साल बाद इनका लिमिटेड ओवर डेब्यू हुआ. और इन्होंने आते ही सबको अपना दीवाना बना लिया. सबसे पहले इन्होंने वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया. जहां उन्होंने 32 गेंदों में 26 रन की पारी खेली. हालांकि T20I डेब्यू में इन्हें खेलने का मौका नहीं मिला. श्रीलंका के खिलाफ़ पहले मैच में इन्हें बैटिंग नहीं मिली. और फिर जब मिली, तो इन्होंने 16 गेंदों में एक छक्के और एक चौके की मदद से 21 रन बनाए.

#हूडा की डेब्यू कहानी 

लेकिन इन्होंने असली धमाल तो सात समंदर पार, आयरलैंड की धरती पर मचाया. दीपक ने पहले मैच में ओपन करते हुए 47 रन की नॉट आउट पारी खेली और दूसरे मैच में नंबर तीन पर खेलते हुए सेंचुरी मार दी. अब वह T20I में सेंचुरी मारने वाले टीम इंडिया के चौथे बल्लेबाज हैं. अपने इस प्रदर्शन पर मैच के बाद दीपक ने ब्रॉडकास्टर्स से कहा,

‘सच कहूं तो मैं एक अच्छे IPL सीज़न से लौट रहा हूं. और मैं वैसी ही परफॉर्मेंस जारी रखना चाहता था. मैं अपने इंटेट से खुश हूं.’ 

दीपक इस सीरीज़ के प्लेयर ऑफ द मैच भी रहे. वो आगे बोले,

‘मुझे इस तरीके से (अग्रेसिव) खेलना अच्छा लगता है. और मैं आज कल ऊपर बल्लेबाजी कर रहा हूं तो मुझे समय भी मिल रहा हैं’

#जब दीपक को लगा उनका करियर खत्म

साल 2022 में दीपक की परफॉर्मेंस देखकर, हर कोई उनकी जगह इंडिया की T20 वर्ल्ड कप टीम में देख रहा है. लेकिन दीपक के लिए ये सफर बिल्कुल आसान नहीं रहा. साल 2021 में कृणाल पंड्या से हुई लड़ाई के बाद उनका करियर डार्क फेज़ में चला गया था. दरअसल, जनवरी साल 2021 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) के पहले मैच से एक दिन पहले दीपक ने टीम का बायो बबल छोड़ दिया था. उस वक्त की अपनी मानसिक हालत के बारे में बात करते हुए उन्होंने BCA (बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन) से कहा था- Uncertainty, Despair, Darkness. . यानी अनिश्चितता, निराशा और अंधकार.

अब इस लड़ाई और हूडा के टीम से बाहर जाने के फैसले के बाद बड़ौदा क्रिकेट बोर्ड ने भी उनको एक सीजन के लिए सस्पेंड कर दिया था. BCA के मीडिया और पब्लिसिटी कमिटी के चैयरमेन सत्यजीत गायकवाड़ ने उनको सस्पेंड करने की जानकारी देते हुए कहा,

‘एपेक्स काउंसिल ने फैसला लिया है कि अभी के डोमेस्टिक सीज़न में बड़ौदा के लिए खेलने को लेकर हूडा के नाम पर विचार नहीं किया जाएगा. ये फैसला टीम मैनेजर और कोच से मिली रिपोर्ट्स के साथ हूडा से बात करके लिया गया है.’

हालांकि, BCA के ज्वाइंट सेक्रेटरी पराग पटेल ने हूडा के सपोर्ट में कहा था,

‘हूडा ने मामले पर बिना मैनेजमेंट से बात किए टीम से बाहर जाकर गलत किया. लेकिन उन्हें पूरे सीजन के लिए बैन करना अनावश्यक था. उसे इस हरकत के लिए फटकार लगाई जा सकती थी. और फिर उसे खेलने की अनुमति दी जा सकती थी.’

इन सब विवादों के बीच दीपक ने खुद को अपने कमरे तक सीमित कर लिया था. उन्होंने किसी से बात नहीं की. और उनको लगने लगा कि अब उनका क्रिकेटिंग करियर खत्म हो गया है. अब वापसी का कोई मौका नहीं है. इंडिया टुडे के अनुसार दीपक ने बड़ौदा के लिए 2013 में खेलना शुरू किया था. उन्होंने इस टीम के 46 फर्स्ट क्लास मैच में 2908 रन और 68 लिस्ट-ए मैच में 2059 रन बनाए थे.

इस घटना के छह महिने बाद 15 जुलाई को हूडा ने फैसला लिया कि वो बड़ौदा क्रिकेट बोर्ड को छोड़ देंगे. इस बारे में स्पोर्टस्टार से बात करते हुए हूडा ने बताया,

‘बड़ौदा को छोड़ना निश्चित रुप से दुखद है. जिनके लिए मैंने अपने करियर की शुरुआत से खेला है. लेकिन मैंने अपने कोच, शुभचिंतकों से बात की. और सोचा कि यही मेरे लिए सही फैसला है.’

जैसा कि नियम है, आपको अपनी डोमेस्टिक टीम छोड़ते वक्त नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेनी होती है. हूडा ने भी इसके लिए अप्लाई किया. और BCA ने भारी मन से उन्हें NOC दे भी दी. हूडा को NOC देने के बाद BCA सेक्रेटरी अजित लेले ने कहा था,

‘हमने उन्हें NOC दे दी है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनको बड़ौदा छोड़ना पड़ा. मुझे लगता है कि ये पूरा मामला (हूडा और कृणाल का) और व्यवहारिक तरीके से हैंडल किया जा सकता था.’

हूडा को इस तरह से जाने देने से पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान भी BCA से खासा नाराज़ हुए थे. उन्होंने कहा था,

‘कितने क्रिकेट असोसिएशन उस खिलाड़ी को अपनी टीम से जाने देंगे, जो इंडियन टीम की संभावित लिस्ट में हो. दीपक हूडा का बड़ौदा क्रिकेट को छोड़कर जाना एक बड़ा नुकसान है. वो अगले 10 साल तक अपनी सर्विस टीम को दे सकते थे, क्योंकि वो अभी भी यंग है. बड़ौदा का होने के नाते मैं बेहद निराश हूं.’

फिर हूडा बड़ौदा छोड़कर राजस्थान के लिए खेलने पहुंच गए थे. राजस्थान क्रिकेट असोसिएशन के प्रेसिडेंट वैभव गहलोत ने एक इस बारे में एक प्रवक्ता के जरिए क्रिकबज़ से कहा था,

‘दीपक हूडा को अपनी टीम में लेकर हम काफी उत्साहित हैं.’

इसके बाद दीपक ने विजय हजारे ट्रॉफी 2021-22 में राजस्थान टीम की कप्तानी की. उनकी टीम प्री-क्वॉर्टर फाइनल तक गई. और प्री-क्वॉर्टर में कर्नाटक के खिलाफ़ मिली हार में हूडा ने सेंचुरी भी मारी. और फिर लखनऊ सुपरजाएंट्स ने उन्हें अपने साथ जोड़ा. जहां दीपक ने कमाल का प्रदर्शन किया. कृणाल से फिर उनकी दोस्ती भी हुई. कई मौकों पर दोनों गले मिलते भी दिखे. IPL2022 में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद अब हूडा इंडियन टीम के लिए भी ताबड़तोड़ रन बना रहे हैं.

और हूडा का ये प्रदर्शन देख BCA अब उन्हें वापस भी बुला रही है. एक BCA ऑफिशल ने इस बारे में इंडियन एक्सप्रेस से कहा था,

‘जो होना था, हो गया. हम हूडा को वापस आकर बड़ौदा के लिए खेलने के लिए मना रहे है. उसने भी अब कृणाल के साथ समझौता कर लिया है, इसलिए बड़ौदा वापस न आने का कोई कारण नहीं बचा है.’

सिर्फ कुछ महीनों में दीपक ने अपनी मेहनत और प्रदर्शन से अपने करियर की दिशा और दशा दोनों बदल ली. उम्मीद है कि टीम इंडिया के लिए दो वनडे और पांच T20I मैच खेल चुके हूडा आने वाले कई सालो तक अपने प्रदर्शन से हम फ़ैन्स को ऐसे ही उत्साहित करते रहेंगे.

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