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जज का बेटा 'जज' करने से चूका और SRK की टीम हार गई!

IPL. दुनिया की सबसे बड़ी फ्रैंचाइज लीग. पूरी दुनिया के क्रिकेटर यहां खेलने के लिए मरे जाते हैं. और उन क्रिकेटर्स के तमाम सपनों में एक सपना ये भी होता है कि वह डेब्यू पर कमाल कर देंगे. कई बार ऐसा हुआ भी है.

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Abhijeet Tomar के लिए भूलने लायक रहा IPL Debut (स्क्रीनग्रैब, सोशल मीडिया)

IPL. दुनिया की सबसे बड़ी फ्रैंचाइज लीग. पूरी दुनिया के क्रिकेटर यहां खेलने के लिए मरे जाते हैं. और उन क्रिकेटर्स के तमाम सपनों में एक सपना ये भी होता है कि वह डेब्यू पर कमाल कर देंगे. कई बार ऐसा हुआ भी है. तमाम क्रिकेटर्स ने अपने डेब्यू पर यहां गदर काटा भी है. लेकिन जैसा कि फराह खान के महाकाव्य 'मैं हूं ना' में राम ने लक्ष्मण से कहा था,

'सबका नहीं होता लक्ष्मण'

ऐसा ही एक उदाहरण IPL2022 के 66वें मैच में लप्प से सामने आ गया. इस उदाहरण का नाम है अभिजीत तोमर. शाहरुख खान की टीम से डेब्यू करने वाले युवा बल्लेबाज. तोमर को रहाणे की जगह मौका मिला. और ये मौका, जिसके जरिए वह अपनी छाप छोड़ना चाहते थे... अभिजीत के लिए भुलाने लायक हो गया है. जैसा कि अब तक पूरी दुनिया को पता चल चुका है. इस मैच में क्विंटन डि कॉक ने 200 के स्ट्राइक रेट से शतक ठोका है. सिर्फ 70 गेंदों पर 140 रन बना डाले. और उनकी इस पारी में अभिजीत का बड़ा रोल है.

अब आप पूछेंगे कि वो कैसे? तो हम बताते हैं ना. बात दरअसल ये है कि लखनऊ ने एक बेहद रोमांचक. दूसरी पारी के 20वें ओवर की आखिरी गेंद तक खिंचे मैच में KKR को हरा दिया. और इस हार के बाद अब शाहरुख की टीम के प्लेऑफ्स खेलने के चांसेज उतने ही बचे हैं जितने किसी हिंदी पिच्चर में विलेन के जीतने के होते हैं. यानी शून्य. और टीवी न्यूज़ की भाषा में कहें तो इस हार के विलेन रहे अपना पहला IPL मैच खेल रहे अभिजीत.

# Abhijeet Tomar Story

बात लखनऊ की बैटिंग के तीसरे ओवर की है. लखनऊ का टोटल स्कोर 14 रन था. जिसमें से 12 अकेले क्विंटन डि कॉक के थे. ये ओवर उमेश यादव फेंक रहे थे. और क्विंटन ने पहली ही गेंद को बहुत जोर से हौंकने की कोशिश की थी. लेकिन गेंद और बल्ले का संपर्क हो नहीं पाया. और इस असफलता के बाद उन्होंने अगली गेंद फिर से हौंकी. ये वाली लेंथ बॉल उनके बल्ले का ऊपरी किनारा लेकर उड़ चली थर्ड मैन की ओर.

वही थर्ड मैन, जहां संडे लीग में हम जैसे ऊंचे कैच को ग्रेनेड समझ चौंधियाने वाले लोग रखे जाते हैं. लेकिन अभिजीत ना तो हमारे जैसे हैं और ना ही ये संडे लीग चल रही थी. इसलिए उनसे बेटर उम्मीद किए थे सब. और यही उम्मीद टूट गई. अभिजीत इस कैच को लेकर श्योर नहीं थे. गेंद को जज ही नहीं कर पाए. ये एकदम आसान कैच हो सकता था. लेकिन अभिजीत इसे टाइम से पिक नहीं कर पाए और कैच गिर गया.

और फिर डि कॉक ने जो कुटाई शुरू की. कलकत्ता को ये वाला कैच अकेले 128 रन महंगा पड़ा. डि कॉक ने 70 गेंदों पर 140 रन कूट डाले. लखनऊ का टोटल रहा 210 रन. जवाब में शाहरुख की टीम ने कोशिश बहुत की, लेकिन 208 तक ही पहुंच पाए. और लखनऊ ने मैच दो रन से जीत लिया. ये रही मैच की बात.

अब अगर अभिजीत की बात करें तो यह अभिजीत का पहला IPL सीजन है. KKR ने उन्हें 40 लाख में खरीदा था. डेविड वॉर्नर के फैन अभिजीत विजय हजारे ट्रॉफी में राजस्थान के हाईएस्ट स्कोरर रहे थे. उन्होंने 2021 की विजय हजारे ट्रॉफी में 66 से ज्यादा के ऐवरेज से 333 रन बनाए थे. हालांकि इसके बाद भी उन्हें सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए राजस्थान की टीम में जगह नहीं मिली थी. साल 2018-19 में राजस्थान के लिए डोमेस्टिक डेब्यू करने वाले अभिजीत करियर की शुरुआत में चोट से काफी परेशान रहे. फिर कोविड आ गया.

और इस अंधेरे दौर से निकलने के बाद उन्होंने राजस्थान के पूर्व कप्तान दिशांत याग्निक के अंडर ट्रेनिंग की. अपनी रिकवरी के वक्त उन्होंने वकालत की पढ़ाई भी की. अभिजीत को KKR, RR और MI ने ट्रायल्स के लिए बुलाया था. RR के लिए ट्रायल गेम में तो उन्होंने 70 रन भी मारे थे. ऑक्शन के दौरान RR ने उनके लिए बिड भी की. लेकिन अंत में वह KKR के पाले में गए. अभिजीत के पिताजी रिटायर्ड जज हैं. और IRONY देखिए, जज साहब का बेटा जज करने में ही चूक गया!

थॉमस कप में इस वजह से पहले ही तय थी भारत की जीत!