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गांगुली-जय शाह के चलते वर्ल्ड कप से बाहर हुए जसप्रीत बुमराह?

वर्ल्ड कप से पहले ही टीम इंडिया को लगा झटका.

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जसप्रीत बुमराह की चोट में BCCI की लापरवाही साफ दिखती है (एपी फाइल)

जसप्रीत बुमराह. इंडिया के प्रीमियर बोलर. जब लय में होते हैं तो दुनिया के बड़े से बड़े बल्लेबाज की हालत खस्ता रहती है. हाल ही में खत्म हुई इंडिया-ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ के दौरान बुमराह ने जैसी गेंद पर फिंच को बोल्ड मारा. वो कमाल थी. और इनकी खासियत ही यही है, कि ये एक ओवर में ऐसी कई कमाल गेंदें फेंक सकते हैं.

इसीलिए हमें इनसे सबसे ज्यादा उम्मीद भी रहती है. और वर्ल्ड कप से कुछ हफ्ते पहले इन उम्मीदों के साथ बहुत गलत हो गया. स्ट्रेस फ्रैक्चर के चलते जसप्रीत बुमराह T20 वर्ल्ड कप से बाहर हो गए हैं. यानी वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले ही हमारी सबसे बड़ी उम्मीद टूट गई है. जानने लायक है कि बुमराह हाल ही में हुए एशिया कप में भी नहीं खेले थे. वजह उस वक्त भी सेम ही थी.

कहा गया था कि वह पूरी तरह से फिट होकर वर्ल्ड कप से पहले इंडियन टीम में आ जाएंगे. एशिया कप के बाद भारत ने सबसे पहली सीरीज़ ऑस्ट्रेलिया से खेली. यहां बुमराह पहले मैच में नहीं खेले. दूसरे में आए, अच्छी लय में दिखे. लेकिन तीसरे मैच में ऐसा पिटे कि भारतीय फ़ैन्स चिंतित हो गए. सोचने लगे कि अब वर्ल्ड कप में क्या होगा?

लेकिन फिर कहा गया कि चोट से वापसी कर रहे, लय पा लेंगे. फिर आ गई साउथ अफ्रीका सीरीज़. इसके पहले मैच से ठीक पहले ख़बर आई कि बुमराह चोटिल हो गए. उस वक्त इस चोट को निगल यानी हल्की-फुल्की बताया गया. लेकिन मैच के अगले ही दिन ख़बर आई कि बुमराह की चोट गंभीर है और वह T20 वर्ल्ड कप से बाहर हो गए हैं.

# Jasprit Bumrah Injury

स्ट्रेस फ्रैक्चर देखकर हमने सोचा कि देखें, पिछले दो साल में बुमराह ने भारत के लिए कितने T20I मैच खेले हैं. आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान भारत ने कुल 46 मैच खेले हैं, जिसमें से सिर्फ 10 में बुमराह टीम का हिस्सा रहे. इस दौरान उन्होंने कुल 14 टेस्ट और पांच वनडे मैच भी खेले. यानी बीते दो साल में बुमराह ने भारत के लिए कुल 29 मैच खेले हैं.

कुल मैचडे जोड़ें तो यह 85 दिन होते हैं. यानी बुमराह ने बीते दो साल में भारत के लिए कुल 85 दिन क्रिकेट खेली है. वो भी तब, जब उनके द्वारा खेले गए सारे टेस्ट मैच पूरे पांच दिन चले हों. और इससे कई गुना ज्यादा दिन वह चोट के चलते बाहर रहे. जबकि इसी दौर में अगर IPL की बात करें तो बुमराह ने दोनों सीजन में मुंबई के लिए हर मैच खेला. साल 2022 में बुमराह ने मुंबई के लिए अपने कोटे के 56 में से 53.2 ओवर फेंके. जबकि साल 2021 में उन्होंने 54 ओवर फेंके. अब सवाल ये है कि क्या BCCI के पास मुंबई इंडियंस से कम सुविधाएं हैं?

कमी कहां पड़ रही है? IPL के हर मैच में खेलने वाले, लगभग हर बार अपने कोटे के पूरे ओवर फेंकने वाले बुमराह इंडिया के लिए वो रोल क्यों नहीं प्ले कर पा रहे हैं? दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड इतने सारे फिजियो और मेडिकल टीम के बाद भी अपने प्लेयर की सेहत का ख्याल नहीं रख पा रहा? चोट से उबरने के लिए बुमराह को एशिया कप से रेस्ट दिया गया.

फिर बताया गया कि अब वह फिट हैं. और दोबारा खेलने आ गए. लेकिन दो मैच बाद ही पता चला कि उनकी चोट गंभीर है. और अब वह T20 वर्ल्ड कप नहीं खेलेंगे. मतलब बुमराह को फिटनेस सर्टिफिकेट किस आधार पर दिया गया था? इससे सही फिटनेस सर्टिफिकेट तो हम लोग प्राइवेट प्रैक्टिसनर से ले आते हैं. जो मजबूत भी होता है और टिकाऊ भी. इनका वाला तो हफ्ते भर में ही बोल गया.

और बोला भी क्या, स्ट्रेस फ्रैक्चर! गूगल के मुताबिक इसका अर्थ होता है हड्डियों में आने वाले छोटे-छोटे क्रैक्स. जो लगातार पड़ती फोर्स से आते हैं. और ये फोर्स पड़ती है जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल से, जैसे बहुत ज्यादा ऊपर-नीचे कूदना. अब ये समझ नहीं आ रहा कि अभी जस्ट फिट होकर लौटे बुमराह पर इतनी फोर्स कैसे पड़ी और उन्होंने अपनी बैक का इतना ज्यादा ओवरयूज कैसे कर लिया?

और इस ओवरयूज के बीच BCCI की मेडिकल टीम क्या कर रही थी? क्या उन्होंने जल्दबाजी में बुमराह को आधी फिटनेस के साथ ही उतार दिया? अगर बुमराह साउथ अफ्रीका सीरीज़ या फिर वर्ल्ड कप के बीच में बाहर हो जाते तो? उस वक्त तो हमें सोच-विचार कर उनका रिप्लेसमेंट भेजने का मौका भी नहीं मिलता. फिर हम जल्दबाजी में किसी को भेजते और वर्ल्ड कप के बाद फिर रोते. सवाल कई हैं, लेकिन जवाब के नाम पर हमारे पास कुछ नहीं है. क्योंकि अभी प्रेस रिलीज नहीं आई है. और प्रेस कॉन्फ्रेंस वाला कल्चर तो...

जसप्रीत बुमराह के T20 वर्ल्ड कप से बाहर होने से किसको फायदा हो गया?