The Lallantop
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

लक्ष्य सेन ने कॉमनवेल्थ डेब्यू पर ही रच दिया इतिहास!

लक्ष्य के खाते में एक और गोल्ड.

post-main-image
मैच के दौरान लक्ष्य सेन (Courtesy: AP)

इंडियन बैडमिंटन के उभरते स्टार लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) ने कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) के मेन्स सिंगल्स का गोल्ड मेडल जीत लिया है. फाइनल में लक्ष्य ने मलेशिया के ज़ी यॉन्ग (Ng Tze Yong) को हराया. बर्मिंघम गेम्स में ये इंडिया का 20वां गोल्ड मेडल है. लक्ष्य से पहले पीवी सिंधु (PV Sindhu) ने विमेंस सिंगल्स में गोल्ड मेडल जीता था.

20 साल के लक्ष्य ने कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने डेब्यू पर ही गोल्ड मेडल जीत लिया. लक्ष्य ने ये मैच 19-21, 21-9, 21-16 से जीता. ज़ी यॉन्ग ने पहले सेट में कमाल का खेल दिखाया. लक्ष्य ने 18-15 से पिछड़ते हुए अच्छी वापसी की और 19-18 से लीड ले ली. पर ज़ी यॉन्ग ने लगातार तीन पॉइंट्स जीतकर पहला गेम जीत लिया.

पहले गेम में लक्ष्य ने ज़ी यॉन्ग का गेम समझा. अब तक उनकी समझ आ चुका था कि ज़ी यॉन्ग को नेट के पास खिलाना चाहिए और उन्हें स्मैश करने से रोकना चाहिए. दूसरे गेम में लक्ष्य ने ऐसा ही किया. ज़ी यॉन्ग ने अटैकिंग गेम जारी रखा, पर लक्ष्य ने अच्छा डिफेंड किया और अच्छे क्रॉस-कोर्ट शॉट्स खेल गेम जीत लिया.

आखिरी सेट में ज़ी यॉन्ग ने अच्छी वापसी की. लक्ष्य को इस सेट में और मेहनत करनी पड़ी. लेकिन वर्ल्ड चैंपियनशिप के सिल्वर मेडलिस्ट लक्ष्य, बिना गोल्ड के घर लौटने के लिए तैयार नहीं थे. लक्ष्य ने ब्रेक पर 11-7 की लीड ले ली थी. दबदबा ऐसा था कि मैच खत्म होने से पहले ही फ़ैन्स को पता चल चुका था कि इंडिया को एक और गोल्ड मेडल मिलने वाला है.

बता दें कि ज़ी यॉन्ग की वर्ल्ड रैंक भले 42 हो, पर पिछले एक हफ्ते में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है. अपने देश को मिक्स्ड टीम इवेंट में गोल्ड जिताने के बाद उन्होंने सिंगल्स में भी अपना जलवा जारी रखा. क्वार्टरफाइनल में ज़ी यॉन्ग ने वर्ल्ड चैंपियन लोह केन यू और सेमीफाइनल में किदांबी श्रीकांत को हराया था.

अब आपको लक्ष्य के गोल्ड तक के सफर के बारे में बता देते हैं. राउंड ऑफ-32 में लक्ष्य के सामने वर्नॉन स्मीड थे. लक्ष्य ने ये मैच आसानी से जीता. स्कोर रहा 21-4, 21-5. अगले राउंड में लक्ष्य ने ऑस्ट्रेलिया के यींग लिन को 21-9, 21-16 से हराया. क्वार्टरफाइनल में लक्ष्य के सामने थे मॉरीशस के जूलियन पॉल. ये मैच भी लक्ष्य के लिए आसान रहा.

सेमीफाइनल में सिंगापुर के जेसन तेह ने लक्ष्य के लिए समस्याएं पैदा की. पहला सेट हारने के बाद दूसरे सेट में जेसन ने अच्छी वापसी की. तीसरे सेट में लक्ष्य ने एक बार फिर दिखाया, क्यों वो वर्ल्ड जूनियर नंबर वन थे. लक्ष्य ने फाइनल में जगह बनाने के लिए ये मैच 21-10, 18-21, 21-16 से जीता.

यू यूंग-संग की कोचिंग में लक्ष्य ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. थॉमस कप के फाइनल में लक्ष्य ने एंथनी गिनटिंग को हराकर इंडिया के गोल्ड मेडल में अपना योगदान दिया. लक्ष्य ने 2022 में इंडिया ओपन जीता और ऑल इंग्लैंड ओपन में सिल्वर मेडल अपने नाम किया. 2018 यूथ ओलंपिक्स के सिल्वर मेडलिस्ट लक्ष्य ने एक बार फिर पूरे देश को बता दिया है क्यों वो बैडमिंटन के अगले सुपरस्टार बन सकते हैं. 

CWG 2022: मुरली श्रीशंकर ने लॉन्ग जंप में सिल्वर मेडल जीत इतिहास रच दिया