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20 साल भारत के लिए क्रिकेट खेलकर भी एक मलाल साथ ले जा रही हैं झूलन!

झूलन को किस बात का है मलाल.

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झूलन गोस्वामी (AP)

झूलन गोस्वामी. इंडिया की दिग्गज फास्ट बॉलर. शनिवार को झूलन के क्रिकेटिंग करियर का आखिरी मैच है. झूलन ने अपने बेहतरीन करियर के बाद बताया कि आखिर किस चीज़ का मलाल उन्हें आज भी है. झूलन ने कहा कि उन्हें 2005 और 2017 में वर्ल्ड कप फाइनल खेलने का मौका मिला. लेकिन वो मैच जीत नहीं पाई. उन्होंने कहा,

‘मैंने दो वर्ल्ड कप फाइनल्स खेलें, पर एक भी जीत नहीं पाई. मेरे करियर में इकलौता यही खेद है, क्योंकि हम पूरे चार साल वर्ल्ड कप के लिए तैयारी करते हैं. हम इसके लिए बहुत मेहनत करते हैं. वर्ल्ड कप जीतना किसी भी प्लेयर के लिए सपना सच होने जैसा होता है.’

झूलन का रिकॉर्ड शानदार है. झूलन इकलौती ऐसी महिला क्रिकेटर हैं जिन्होंने वनडे क्रिकेट में 200 से ज्यादा विकेट्स लिए हैं. 2002 में डेब्यू करने के बाद झूलन ने 203 मैच खेलकर 262 विकेट्स अपने नाम किए. झूलन वेस्ट बंगाल के चाकदाह से आती हैं, और इस पीढ़ी के कई प्लेयर्स के लिए प्रेरणा भी हैं. अपनी करियर पर बात करते हुए झूलन ने कहा -

‘मैंने जब खेलना शुरू किया था, तब मैंने नहीं सोचा था कि मैं इतने दिन खेलूंगी. ये एक शानदार सफर रहा है. मैं खुशकिस्मत हूं कि मैं क्रिकेट खेल पाई. मैं चाकदाह से आती हूं (पश्चिम बंगाल के नदिया जिला की एक जगह) और मुझे विमेंस क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं पता था.’

गोस्वामी ने बातचीत के दौरान ये भी कहा कि इंडियन टीम की कैप मिलना उनके करियर का सबसे यादगार लम्हा रहा. झूलन ने कहा -

‘मेरे करियर की सबसे अच्छी याद इंडियन टीम की कैप मिलना और पहला ओवर डालना रहा. क्योंकि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं इंडिया के लिए खेलूंगी. हालांकि इसमें मुश्किलें बहुत थीं, क्योंकि मुझे रोज ट्रेनिंग के लिए डेढ़ घंटे लोकल ट्रेन से सफर करना पड़ता था.’

झूलन ने इस बातचीत में ये भी बताया कैसे एक मुकाबले ने उन्हें इस कदर प्रोत्साहित किया कि वो इंडियन टीम के लिए खेलने के लिए लग गईं. झूलन ने कहा,  

‘1997 में ईडेन गार्डेन्स में मैने विमेंस वर्ल्ड कप का पहला फाइनल देखा. मैं तब बॉल गर्ल थी. उस दिन से ही मेरा सपना था कि मैं इंडिया के लिए क्रिकेट खेलूं.’

झूलन गोस्वामी भारतीय क्रिकेट की उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक हैं. जिन्होंने अपने खेल से अपनी अलग पहचान बनाई. झूलन ने हमेशा भारतीय क्रिकेट के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया. 

इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ़ तीन मैच की वनडे सीरीज़ में 2-0 की बढ़त ले ली है. पहले मैच में स्मृति मांधना और दूसरे मैच में कैप्टन हरमनप्रीत कौर ने शानदार बैटिंग कर टीम को मैच जिताया था. 

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