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बल्लेबाजों के हाथ, कंधे, कुहनी तोड़ने वाला मैच... जिसे बंद कराने में एक घंटा लग गया!

क़िस्सा कोटला मैदान की 'मशहूर पिच' का.

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इंडिया वर्सेज़ श्रीलंका (फोटो - Getty images)

पूरे देश की तरह दिल्ली में भी क्रिकेटिंग फ़ैन्स कूट कूट कर भरे हैं. ये फ़ैन्स दिल्ली में किसी भी इंटरनेशनल या IPL मैच के दौरान स्टेडियम को एकदम खचाखच भर देते हैं. लेकिन अंदर ही अंदर उन्हें ये डर भी लगा रहता है कि कहीं पिच कोई खेल ना कर दे. और ये डर रहे भी क्यों ना, पूरे इंडिया में जिस पिच की सबसे ज्यादा आलोचना होती है. वो दिल्ली के इसी स्टेडियम में पाई जाती है.

IPL में हमने कई बार ये चीज़ देखी है. दिल्ली की अपनी IPL टीम दिल्ली कैपिटल्स के कोच रिकी पॉन्टिंग ने साल 2019 में हैदराबाद के हाथों मिली हार का कारण पिच को बताया था. और ऐसे कई इंसिडेंट है. आज हम आपको उन्हीं में से एक बताते हैं. ये वाला इन तमाम घटनाओं में सबसे तगड़ा है. और ये घटा था साल 2009 में. इंडिया-श्रीलंका मैच के लिए ऐसी पिच तैयार हुई, कि वो मैच ही रद करना पड़ा.

हुआ ऐसा, कि साल 2009 में श्रीलंका, इंडिया के दौरे पर आई थी. इंडिया के साथ तीन टेस्ट, दो T20I और पांच मैच की वनडे सीरीज़ खेलने. टेस्ट और T20I सीरीज़ हो चुकी थी. टीम इंडिया ने टेस्ट सीरीज़ जीत ली थी. और दोनों टीम्स ने एक-एक T20I मैच जीतकर T20I सीरीज़ ड्रॉ कर ली थी.

# Kotla Bad Pitch

अब इनके बीच पांच मैच की वनडे सीरीज़ शुरू हुई. इस सीरीज़ के चार मुकाबले तक टीम इंडिया 3-1 से आगे थी. मतलब पांचवें मुकाबले से पहले ही हम ये सीरीज़ जीत चुके थे. और इसीलिए श्रीलंका की टीम दिल्ली में होने वाले इस पांचवें मुकाबले को जीतकर साल को एक विनिंग नोट पर खत्म करना चाहती थी.

27 दिसंबर 2009 को ये मैच शुरू हुआ. इंडिया ने टॉस जीता और श्रीलंका को पहले बल्लेबाजी करने के लिए बुला लिया. और पहली ही गेंद पर उपुल थरंगा को ज़हीर खान ने बोल्ड कर वापस पविलियन लौटा दिया. इसके बाद तिलकरत्ने दिलशान और सनथ जयसूर्या के बीच एक छोटी पार्टनरशिप हुई. लेकिन फिर दिलशान भी लौट गए.

और ऐसे ही धीमे-धीमे 23.3 ओवर तक श्रीलंका के पांच बल्लेबाज वापस पविलियन पहुंच गए. और इस बीच बहुत कुछ घटा. पहली गेंद पर विकेट, दूसरे ओवर की पहली गेंद पर कैच गिरा और साथ ही आशीष नेहरा की एक गेंद तिलकरत्ने दिलशान को कोहनी के गार्ड के ऊपर लगी. सनथ जयसूर्या को कोहनी, कंधे और उंगलियों पर चोट लगी.

एक लेंथ गेंद तो विकेटकीपिंग कर रहे धोनी की पहुंच से भी दूर चली गई. और ये सब देखते हुए श्रीलंकन टीम के सीनियर खिलाड़ियों ने बाउंड्री के बाहर से इशारा किया और फिर लंबी चर्चा हुई. अथॉरिटी, मैच रैफरी, DDCA के ऑफिशल्स और कप्तान इस चर्चा का हिस्सा रहे. और क़रीबन एक घंटे और 10 मिनट के बाद इस मैच को रद कर दिया.

पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने तो इस पिच की घास को एक गंजे व्यक्ति के सर पर किए गए हैयर ट्रांसप्लांट जैसा बताया था. जब गेंद घास वाले एरिया पर हिट करेगी तब वो हिलेगी और उसको बाउंस मिलेगा. और जब वो खाली जगह पर हिट करेगी तब वो नीचे रह जाएगी. इस घटना के बाद BCCI की ग्राउंड और विकेट समिति को बर्खास्त कर दिया गया.

हालांकि इंडिया में खराब पिच की ये पहली घटना नहीं थी. इससे पहले साल 1997 में भी एक बार ऐसा हो चुका था. इस दौरान भी इंडिया और श्रीलंका के बीच मैच हो रहा था. ये तीन मैच की वनडे सीरीज़ का दूसरा मुकाबला था.

इस मैच में श्रीलंका की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था. लेकिन खेल कुल तीन ओवर का हो पाया. इन तीन ओवर में मिले बाउंस और पिच का हाल देखकर ऑफिशल्स ने इस पिच की निंदा की और मैच को रद कर दिया. लेकिन इन सबके बीच ऑफिशल्स और टीम को जनता से भी निपटना था.

क्योंकि इस मैच के लिए स्टेडियम एकदम बुक था. और यही देखकर श्रीलंकन कैप्टन अर्जुन राणातुंगा और इंडियन कैप्टन सचिन तेंडुलकर ने दूसरी पिच पर 25 ओवर का प्रदर्शनी मैच खेलने का फैसला किया था. जिसे टीम इंडिया दो रन से हार गई थी.

वीडियो: टीम इंडिया की जीत पर फ़ैन्स ने KL राहुल और बाकी खिलाड़ियों पर क्या कहा?