ये कई शीर्षकों वाला किस्सा हो सकता है.
टेस्ट मैच का सबसे घातक गेंदसंघार. जब 56 गेंदों में शतक बन गया.
या फिर एक नए शब्द का चलन दुरुस्त होना. व्हाइटवॉश के उलट ब्लैकवॉश
या गेंद का जाकर जेल में गिरना और मारने वाले को पिता की याद आना
या फिर हारे हुए कप्तान का कहना, जहाज डूबकर तलछली में लग गया
लेकिन मेरी मानें तो ये किस्सा सबसे आखिर में दोस्ती का हो सकता है. दो टीमें, दो महान ऑलराउंडर. एक पीट रहा है. एक पिट रहा है. मगर मैदान के बाहर आलम ये कि एक के साथ बदतमीजी हुई तो दूसरा बागी बन गया. एक फादर बना तो उसने दूसरे को गॉडफादर बनाया.
जब विव रिचर्ड्स ने मैदान पर तांडव किया, एक छक्का तो ऐसा मारा कि बॉल जेल में जा गिरी
किस्सा इंग्लैंड के लगातार दूसरे 'ब्लैकवॉश' का.
इंग्लैंड की टीम वेस्टइंडीज़ टूर पर थी. पांच टेस्ट की सीरीज. चार टेस्ट हो चुके थे. वेस्टइंडीज 4-0 से आगे था. मगर चार से वेस्टइंडीज की परफॉर्मेंस का शायद पूरा आइडिया न लगे. इसलिए ये सुनिए. वेस्टइंडीज की टीम को सिर्फ एक टेस्ट जीतने के लिए मैदान पर पांच दिन बिताने पड़े. एक टेस्ट चार दिन औऱ दो टेस्ट तीन दिन में जीत लिए. अब आया पांचवा टेस्ट. एंटीगुआ में. ये वेस्टइंडीज के कप्तान विवियन रिचर्ड्स की जमीन थी. और ये बात इंग्लैंड के कप्तान डेविड गावर भी समझते थे.
11 अप्रैल 1986. टेस्ट शुरू हुआ. गावर ने टॉस जीता, वेस्ट इंडीज़ को बैटिंग के लिए बुलाया. विंडीज़ ने 232 पर पांच विकेट खो दिए. सर खत्म, पूंछ बाकी. यानी उम्मीद जागी. लेकिन मैल्कम मार्शल, रोजर हार्पर और माइक होल्डिंग उस दिन बैट से अड़ गए. विंडीज़ ने 474 रन बना डाले. फिर बारी आई इंग्लैंड की. ग्राहम गूच और विल्फ स्लैक ने 127 रन की ओपनिंग पार्टनरशिप की.
कप्तान गावर ने 90 मारे. कहा जाता है कि गावर की यह पारी इस पूरी सीरीज में किसी इंग्लिश प्लेयर के बल्ले से निकली बेस्ट पारी थी. लेकिन यह सब भी कम पड़ गया. इंग्लिश टीम 310 रन पर ऑलआउट हो गई. यानी कैरेबियन से 164 रन. अब तक तीन दिन का खेल हो चुका था. 14 अप्रैल का दिन आ गया था. ब्रेक डे. उन दिनों पांच दिन के टेस्ट मैच में एक छुट्टी का दिन होता था. मतलब इफेक्टिवली मैच छह दिन चलता था. तीन दिन मैच. फिर ब्रेक डे. फिर दो दिन मैच.
तो चौथे दिन का खेल शुरू हुआ. 15 अप्रैल को. गावर को लगा, दो दिन बचे हैं. दोनों टीमों की एक एक पारी. ये टेस्ट तो नहीं हारेंगे. मगर वेस्टइंडीज की टीम भूल गई. कि टेस्ट मैच है.उनके ओपनर रिची रिचर्डसन और डेसमंड हेंस ने टेस्ट को वनडे की तरह खेलना शुरू किया. लंच बीत गया. टी होने में आधा घंटा बाकी था. टीम 100 के आंकड़े पर पहुंच चुकी थी. तभी इंग्लिश ऑफ स्पिनर जॉन एम्बुरे ने जोड़ी तोड़ दी. रिची रिचर्ड्सन ड्राइव के चक्कर में कैच दे बैठे. एंबुरे ने पांच टेस्ट में छह दफा उन्हें आउट किया. रिची लौट चले.
मगर दर्शक अपनी टीम का विकेट गिरने पर और ज्यादा चीख रहे थे. क्योंकि रिचर्डसन के जाने पर आते थे रिचर्ड्स. विवियन रिचर्ड्स. विवियन आए और दर्शकों का चीखना शांत नहीं हुआ. क्योंकि वो मार रहे थे. टी में 28 मिनट बचे थे. और जब अंग्रेज चाय पीने लौटे तो उनकी नजर स्कोर बोर्ड पर पड़ी. विवियन के नाम के आगे लिखा था 28 रन. गावर एंड कंपनी को अंदाजा हो गया. आज न विवियन शांत होंगे न दर्शक. और ऐसे में उन्होंने ड्रेसिंग रूम में यक्ष प्रश्न उछाल दिया. टीम की तरफ.
‘बोलिंग कौन करेगा?’
सब एक दूसरे की तरफ देख रहे थे. सन्नाटा लंबा खिंचा तो सामने आए इयान बॉथम. बॉथम ने ही पहली इनिंग्स में विव को 26 रन पर ग्राहम गूच के हाथों कैच कराया था. इयान उस वक्त टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा विकेट के डेनिस लिली के वर्ल्ड रेकॉर्ड, 355 विकेट्स से दो कदम ही पीछे थे. तो ये क्या था. वर्ल्ड रेकॉर्ड का लालच, बहादुरी या होनी को स्वीकार करने का साहस. आगे जानेंगे.
बाथम ने गावर से कहा, दूसरी तरफ से एंबुरे को लगाना. गावर ने एंबुरे को कह दिया और एंबुरे मजाक में बोले,
'अगर पिटाई हुई तो जितने रन बनेंगे, वो बोलर्स में बराबर बंटने चाहिए.'
एंबुरे का मजाक सत्य साबित हुआ. विवियन ने 35 गेंद में फिफ्टी मार दी. अगली फिफ्टी के लिए उन्हें और जल्दी थी. सिर्फ 21 गेंदें लीं. यानी 56 गेंद में सेंचुरी. इसमें कई छक्के, चौके, सिंगल, डबल शामिल थे. लेकिन एक गेंद चुननी है तो हम चुनेंगे इयान बॉथम की बाउंसर. जिस पर विवियन ने हुक किया. गेंद स्टेडियम के पार, उसके बाहर की सड़क के पार और फिर सड़क के दूसरी तरफ बनी जेल की दीवार के पार गिरी.
विवियन को इसके बारे में बाद में पता चला तो मुस्कुराए. छक्के की लेंथ के चलते नहीं. दरअसल इस जेल में उनके पिता मैल्कम, वॉर्डन रहे थे कभी. तो क्या यही एक गेंद गुम हुई विवियन की पारी में. नहीं, गेंद एक दफा और बदलनी पड़ी, क्योंकि एक छक्का रमबाजी का शिकार हो गया था. ये भी बॉथम की बाउंसर थी. विवियन ने इसे भी धुना. गेंद स्टैंड में गई. जहां एक दर्शक मशहूर कैरिबियन रम की बोतल लिए बैठा था.
गेंद ने रम चूमी. मगर बीच में कांच था, जो अब गेंद के जिस्म के साथ था. ऐसे में गेंद लौटी तो अंपायरों ने चेक किया और दूसरी मंगवाई. दूसरी से याद आया. दूसरा बॉलर भी तो था. स्पिनर एंबुरे. बॉथम के मुकाबले वो और भी बुरी रफ्तार से सूते जा रहे थे.
ऐसे में एंबुरे ने चतुराई दिखाई. गेंद की फ्लाइट बढ़ा दी. विव ने एक दो गेंद तो देखा. डिफेंड किया. फिर आगे बढ़ आए. लेकिन इस गेंद में सिर्फ फ्लाइट नहीं थी. ये स्लो भी थी. विव गेंद की पिच तक नहीं पहुंच पाए. उन्होंने हाथ खोल दिए. अब बल्ला सिर्फ एक हाथ में था. किसी तरह गेंद को कनेक्ट कर पाए. लेकिन…
ये काफी था. ये गेंद भी मिडविकेट बाउंड्री के बाहर गिरी. एंबुरे का मनोबल अब पूरी तरह गिर गया. उन्होंने गावर के सामने जाकर हाथ जोड़ लिए. ये दुरुस्त था. क्योंकि विव के आने से पहले एंबुरे के फिगर्स थे 9 ओवर 14 रन एक विकेट. और अब फिगर्स थे 14 ओवर 83 रन एक विकेट. तो क्या वेस्टइंडीज का एक ही विकेट गिरा. नहीं, एक और विकेट गिरा था. डेसमेंड हैंस 71 रन बनाकर रन आउट हुए थे.
उनकी जगह हार्पर आए थे. मगर सबकी नजर विव पर टिकी थी. सेंचुरी पूरी करते ही उन्होंने डिक्लेयर करने का मन बना लिया. लेकिन रिचर्ड एलिसन के ओवर की दो गेंद बची थीं. रिचर्ड्स ने सोचा ये दो और खेल लें. खेल लीं. एक चौका एक छक्का. उनका टोटल स्कोर, 58 गेंद पर 110 रन. वेस्टइंडीज का स्कोर 246 दो विकेट पर. फिर इंग्लैंड आई. ओपनर ग्राहम गूच ने फिर फिफ्टी मारी. दैट्स इट. और बताने लायक कुछ नहीं. इंग्लैंड 170 पर ऑट आउट. वेस्टइंडीज 240 रन से मैच जीत गया. और हो गया लगातार दूसरा. ब्लैकवॉश.
इस तरह का कोई शब्द इंग्लिश डिक्शनरी में नहीं होता था. 1984 के वेस्टइंडीज दौरे से पहले. तब विवियन की टीम ने इंग्लैंड को उनके घर में 5-0 से हराया था. इस तरह के बुरे सफाये के लिए व्हाइटवॉश शब्द इस्तेमाल होता है. मगर वेस्टइंडीज की टीम ब्लैक प्लेयर्स से भरी थी और कोलोनियल हैंगओवर का मारा ब्रिटेन अपने अभिजात्यबोध से. इसलिए वर्ड प्ले हुआ और इसे ब्लैकवॉश कहा इंग्लिश प्रेस ने.
और उन्हीं के शब्दों में दो बरस बाद फिर ब्लैकवॉश हुआ. फर्क सिर्फ अटलांटिक महासागर के छोर का आया था. प्रेस कॉन्फ्रेंस के तीन जुमले. डेविड गावर पत्रकारों के सामने आए. जो सवाल पूछा जाना था. वही पूछा गया. क्या हुआ आप लोगों के साथ. गावर मुस्कुराए. और उन दिनों कैरिबियन आईलैंड्स में बहुत मशहूर हो रहे कैलिप्सो सिंगर जिप्सी की लाइन बोल दी.
"Captain, this ship is sinking
Captain, these seas are rough (oh yes)
जहाज सिर्फ इंग्लैंड का नहीं डूबा था. ये दौर था ही वेस्टइंडीज का. तभी तो माइकल होल्डिंग का उन दिनों के बारे में दिया वक्तव्य सबको रट गया था.
'हमने सबको कुचलकर रख दिया.'
# रह जाती है दोस्तीमैंने कहा था न. ये किस्सा एक पारी का नहीं एक दोस्ती का भी था. विवियन रिचर्ड्स और इयान बॉथम की. इसकी शुरुआत 1974 में हुई. विव रिचर्ड्स तब क्रिकेट भी खेलते थे और खर्चा चलाने के लिए नौकरी भी करते थे. एंटीगुआ के सेंट जॉन्स में थे तो बार और रेस्तरां में काम करते थे. फिर इंग्लिश काउंटी खेलने आए तो ग्राउंड्समैन के तौर पर काम किया. मगर 1974 में उनके हालात बेहतर हुए. इंग्लिश काउंटी समरसेट ने दो साल का कॉन्ट्रैक्ट दिया. और दिया एक फ्लैट रहने के लिए. साथ में दो क्रिकेटर और थे. बतौर फ्लैटमेट. और इन्हीं में से एक थे, इयान बॉथम.
विवियन और इयान के कई किस्से हैं. कैसे दोनों ने समरसेट को अपनी धुंआधार बैटिंग से नेटवेस्ट ट्रॉफी का फाइनल जितवाया. साल था 1983. फिर इसी समरसेट ने जब चार बरस बाद अपने कैप्टन पीटर के प्रेशर में विवियन को कॉन्ट्रैकट नहीं दिया तो इयान बॉथम ने भी गुस्साकर समरसैट छोड़ दिया.
इयान विवियन को बहुत मानते थे. जब उनका बेटा लियम पैदा हुआ तो उसके बपतिस्मा के दौरान विवियन बतौर गॉडफादर मौजूद थे. और इनकी दोस्ती के किस्से आज भी मौजूद हैं.
किस्से मौजूद रहेंगे. और हम इन्हें बांचते रहेंगे. क्योंकि हमारा होना इनसे ही है.
ट्रिविया आंकड़ा ( क्या आप जानते हैं)
# विवियन का टेस्ट करियर किसके खिलाफ शुरू हुआ था? इंडिया के खिलाफ. 1974 में. और उन्होंने अपने दूसरे ही टेस्ट मैच में, नई दिल्ली में, बतौर ओपनर 192 रन ठोंके थे.
# सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड विवियन से पहले किसके नाम था. ऑस्ट्रेलिया के जेएन ग्रेगरी के नाम. उन्होंने 1921 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 67 गेंदों पर शतक ठोंका था.
# विवियन का रिकॉर्ड किसने तोड़ा. तीस साल बाद पाकिस्तान के मिस्बाह उल हक ने इसकी बराबरी की और उसके भी दो बरस बाद न्यूजीलैंड के ब्रैंडन मैक्मुलम ने इसे तोड़ा. 54 गेंदों पर सेंचुरी ठोंक. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ.
वीडियो: कहानी उस पेसर की, जिससे विवियन रिचर्ड्स भी डरते थे!