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हेड्स या टेल्स की जगह 'बर्ड' बोल मैच गंवाने वाले कप्तान का क़िस्सा

जब सलीम मलिक पर भारी पड़ी उनकी 'होशियारी'.

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सलीम मलिक (फोटो - Reuters)

पाकिस्तान क्रिकेट. बैटिंग, बोलिंग, फील्डिंग, मैच फिक्सिंग, मैच में अजीब फैसले और मीम मैटेरियल. ऐसी चीज़ों के लिए पाकिस्तान का काफी लम्बे समय से मज़ाक बनता आ रहा है. आए दिन पाकिस्तान क्रिकेट के पूर्व और मौजूदा खिलाड़ियों के फैसले और स्टेटमेंट्स की वजह से उनका मज़ाक बनता ही रहता है.

लोग हाल में मिकी आर्थर के पाकिस्तानी टीम का ऑनलाइन कोच बनने का मज़ाक बना ही रहे हैं. सवाल किए जा रहे हैं कि क्रिकेट में ऑनलाइन कोचिंग कैसे होगी? आर्थर किस माध्यम से पाकिस्तानी क्रिकेटर्स को कोच करेंगे. लेकिन ऐसी हरकतों से पाकिस्तान क्रिकेट की दोस्ती कोई नई नहीं है. यहां पहले भी ऐसे अतरंगी काम हो चुके हैं.

अब सलीम मलिक का उदाहरण ही ले लीजिए. पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सलीम मलिक ने एक दफ़ा कूल बनने के चक्कर में अपनी टीम को बड़ी हार दिलवा दी थी. बात साल 1994-95 की है. पाकिस्तान की टीम ज़िम्बाब्वे के खिलाफ़ तीन टेस्ट मैच की सीरीज़ खेलने पहुंची थी. ज़िम्बाब्वे इस वक्त तक एक भी टेस्ट मैच नहीं जीत पाई थी. और उस समय पाकिस्तान डिफेंडिंग वनडे वर्ल्ड कप चैंपियन था. क्रिकेट के लंबे फॉर्मेट में भी ये टीम अच्छा कर रही थी.

ऐसे में सीरीज़ शुरू हुई, सब मानकर बैठे थे कि ज़िम्बाब्वे सीरीज़ तो नहीं ही जीतेगी, जो कि हुआ भी. लेकिन ये सीरीज़ हारकर भी ज़िम्बाब्वे ने पाकिस्तान को बड़ा दर्द दे दिया था. क्या था वो दर्द और क्या है इसका क़िस्सा? चलिए सिली पॉइंट में जानते है.

# Salim Malik Bird

हरारे में 31 जनवरी 1994 को पहला टेस्ट मैच शुरू हुआ. कौन पहले बल्लेबाजी या बोलिंग करेगा, ये तय करने के लिए हर मैच के जैसे टॉस हुआ. टॉस के लिए सिक्का होस्ट टीम द्वारा प्रोवाइड किया जाता है, इस मैच में ज़िम्बाब्वे का सिक्का आया. इस सिक्के में एक तरफ चील बनी थी.

अंपायर्स टॉस की तरफ बढ़े. सिक्का उछलते वक्त पाकिस्तानी कप्तान सलीम मलिक ने हेड्स या टेल की जगह ‘बर्ड’ बोला. सिक्का गिरा, चील वाली साइड आई. ज़िम्बाब्वे के कप्तान मान बैठे कि पाकिस्तान ने टॉस जीत लिया. और पाकिस्तानी स्किपर ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला कर लिया.

लेकिन मैच रैफरी जैकी हैन्ड्रिक्स ने कहा, नहीं. ये टॉस दोबारा होगा. क्योंकि पाकिस्तानी कप्तान सलीम मलिक अपने फैसले के साथ क्लियर नहीं थे. इस मसले पर एक बार हैन्ड्रिक्स ने द डेली ऑब्ज़र्वर को दिए इंटरव्यू में कहा था,

‘ये घटना काफी साल पहले हुई था. और मुझे अच्छे से याद है कि पाकिस्तान के कप्तान ने टॉस के समय कुछ अजीब-सा कहा था. मुझे दोबारा टॉस करने का ऑर्डर देना पड़ा था. ये अजब था. क्योंकि ये प्रैक्टिस है कि होम टीम के कैप्टन टॉस सेरेमनी के समय मेहमान टीम के कैप्टन को कॉइन की दोनों साइड दिखाते है. और मेहमान कैप्टन फिर फैसला लेता है कि वो हैड्स चुन रहा है या टेल्स. मुझे नहीं पता कि किस चीज ने पाकिस्तानी कप्तान को 'बर्ड' जैसा कुछ कहने के लिए प्रेरित किया.’

ख़ैर, मलिक के इस बर्ड चुनने के फैसले के बाद दोबारा टॉस हुआ. इस बार सिक्का ज़िम्बाब्वे के फेवर में गिरा. और उनके कप्तान ने झट से पहले बल्लेबाजी करने का फैसला कर लिया.

# मैच में क्या हुआ? 

इस फैसले के बाद ज़िम्बाब्वे ने तीन विकेट्स तो जल्दी गंवा दिए. लेकिन एंडी फ्लॉवर ने शतक जबकि ग्रांट फ्लॉवर ने दोहरा शतक जड़कर अपनी टीम को अच्छी पोजिशन पर ला दिया. ज़िम्बाब्वे ने पहली पारी में 544 रन बनाकर डिक्लेयर कर दिया. इसको चेज़ करने उतरी पाकिस्तान 322 रन पर ऑलआउट हो गई.

इसके बाद ज़िम्बाब्वे ने पाकिस्तान को फॉलो-ऑन करने को कहा. और इस बार तो टीम 158 पर ही सिमट गई. ज़िम्बाब्वे ने ये मैच एक पारी और 64 रन से जीता. ये ज़िम्बाब्वे की पहली टेस्ट जीत थी.

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