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'अश्विन जैसा खिलाड़ी हमेशा आपकी टीम में होना चाहिए'... इंडियन मैनेजमेंट पर भड़के फैन्स!

बोलर्स के प्रदर्शन से निराश हैं फ़ैन्स.

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अश्विन की जगह शार्दुल को मिला मौका (PTI)

इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे एजबेस्टन टेस्ट में भारतीय टीम हार की कगार पर पहुंच चुकी है. और ऐसा होते देख फ़ैन्स को रविचंद्रन अश्विन की याद आ रही है. फ़ैन्स का मानना है कि अगर अश्विन इस मैच में खेल रहे होते, तो भारतीय टीम बेहतर स्थिति में होती. चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद इंग्लैंड को जीत के लिए महज़ 119 रन की दरकार है. जबकि उनके सात विकेट अभी भी बाकी हैं.

स्कोर बोर्ड पर एक अच्छा टोटल लगाने के बाद भी भारतीय टीम की इस हालत का जिम्मेदार टीम के गेंदबाजों को माना जा रहा है. टीम के तेज गेंदबाजों, खासकर शार्दुल ठाकुर का प्रदर्शन इस मुकाबले में काफी साधारण रहा है. और इसीलिए फ़ैन्स ने अश्विन की जगह शार्दुल को इस टीम में चुने जाने को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उनके मुताबिक अगर शार्दुल की जगह अश्विन इस मैच में होते, तो भारतीय टीम इस मैच को जीत सकती थी.

सोशल मीडिया पर भड़के फ़ैन्स

फ़ैन्स के मुताबिक अश्विन का टेस्ट क्रिकेट में रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है. इसके आधार पर उनको टीम में जगह मिलनी चाहिए थी. एक यूजर ने लिखा,

‘इसी वजह से गेंदबाजी में अश्विन की बहुत जरूरत है. उनके रिकॉर्ड्स को देखें. दूसरी पारी में उनका रिकॉर्ड शानदार है.’

दूसरे यूजर ने लिखा,

रवि अश्विन जैसा खिलाड़ी हमेशा आपकी टीम में होना चाहिए. चाहे मैच गेहूं के खेत में ही क्यों ना हो रहा हो.’

एक अन्य यूजर ने लिखा,

‘विहारी-कोहली-अय्यर ने मिलकर दो पारियों में 96 रन बनाए. अश्विन निश्चित रूप अकेले दम पर उनसे ज्यादा रन बनाते और साथ ही विकेट भी हासिल करते. मुझे नहीं पता कि अश्विन को अपनी जगह पक्की करने के लिए क्या करना होगा.’

जबकि एक और यूजर ने लिखा,

'शार्दुल ठाकुर की जगह हम अश्विन को टीम में शामिल कर सकते थे ... अश्विन कुछ रन बनाने के साथ-साथ कुछ विकेट भी हासिल करते.'

बता दें कि विश्व के नंबर दो टेस्ट बोलर रविचंद्रन अश्विन को आखिरी टेस्ट के लिए टीम में जगह नहीं दी गई थी. जिसकी वजह इंग्लैंड की कंडीशन को माना जा रहा था, जो कि तेज गेंदबाजों के लिए मददगार साबित होती है. लेकिन अब ये फैसला गलत साबित होता दिख रहा है. अश्विन टेस्ट में दुनिया के नंबर दो ऑलराउंडर भी हैं. ऐसे में उनके टीम में रहने से बल्लेबाज़ी भी बेहतर हो सकती थी. अश्विन को इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैच की टेस्ट सीरीज में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला.