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टूटी कलाई के साथ टीम को बचाने मैदान पर उतरे हनुमा विहारी!

दाएं से नहीं हुआ, तो की बाएं हाथ से बैटिंग.

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हनुमा विहारी. फोटो: Twitter Screengrab

रणजी ट्रॉफी 2022/23 के क्वॉर्टरफाइनल मुकाबले खेले जा रहे हैं. मध्यप्रदेश के इंदौर में MP टीम का मुकाबला आंध्र प्रदेश की टीम से हो रहा है. खेल के दूसरे ही दिन एक खिलाड़ी ने अपने जुनून से सभी को फैन बना लिया. हम बात कर रहे हैं टीम इंडिया के टेस्ट बैट्समेन हनुमा विहारी की.

हनुमा रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में आंध्र की कप्तानी कर रहे हैं. इस मैच की शुरुआत में ही उनकी कलाई फ्रैक्चर हो गई. लेकिन इस चोट के बाद भी, जब टीम के नौ विकेट गिर गए तो विहारी चोटिल हाथ के साथ एक हाथ से बैटिंग करने उतर गए. हनुमा के ऐसा करने के बाद से उनकी तारीफ हो रही है.

# कैसे लगी चोट? 

मैच के पहले दिन मध्यप्रदेश की टीम ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग चुनी थी. मैच में आंध्रा की शुरुआत अच्छी रही. उन्होंने रिकी भुई (149) और करण शिंदे (110) के शतकों की मदद से महज़ दो विकेट खोकर 300 रन का आंकड़ा पार कर लिया. 

कप्तान हनुमा मैच में वन डाउन बैटिंग के लिए उतरे. उन्होंने 37 गेंदों का सामना किया और 16 रन बनाए. लेकिन तभी तेज़ गेंदबाज़ आवेश ख़ान की बाउंसर को डिफ़ेंड करने की कोशिश में गेंद विहारी की बाईं कलाई पर लगी और वो चोटिल हो गए. चोट लगने के बाद विहारी वापस लौट गए. उनका एक्स-रे किया गया, जिसमें उनकी कलाई में फ़्रैक्चर निकला.

भुई और शिंदे के बीच हुई पार्टनरशिप से टीम 323 रन तक पहुंची. लेकिन इन दोनों बल्लेबाज़ों के आउट होने और विहारी को चोट लगने के बाद आंध्र ने 353 रन तक नौ विकेट खो दिए.

और फिर, टीम को मुश्किल में फंसा देख विहारी आखिरी विकेट के रूप में मैदान पर आ गए. उनके दाएं हाथ की कलाई में चोट थी. इसलिए उन्होंने बाएं हाथ से बल्लेबाज़ी की और लगभग एक ही हाथ से गेंदों को खेला.

हनुमा ने इसके बाद लंच तक लगभग 10 ओवर बल्लेबाज़ी की और ललित मोहन के साथ 26 रन जोड़े. इस दौरान उन्होंने आवेश और कुमार कार्तिकेय की गेंदों पर दो चौके भी लगाए. लंच के बाद हनुमा स्पिनर सारांश जैन की गेंद पर LBW आउट हो गए. आउट होने से पहले हनुमा ने 57 गेंदों का सामना करते हुए 27 रन बनाए. आंध्र की पहली पारी 379 रन पर समाप्त हुई.

# सिडनी में भी बचाया था टेस्ट

यह पहली बार नहीं है, जब हनुमा ने पूरी तरह फिट ना होते हुए भी बैटिंग की है. उन्होंने साल 2021 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर सिडनी टेस्ट में हैमस्ट्रिंग इंजरी के बावजूद रविचन्द्रन अश्विन के साथ मिलकर टीम इंडिया के लिए टेस्ट बचाया था. इस ड्रॉ टेस्ट ने ही बाद में भारत को सीरीज़ जिताई.

2020-21 की उस सीरीज़ में सिडनी टेस्ट से पहले भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों टीम्स 1-1 मैच जीतकर बराबरी पर थीं. सीरीज़ का तीसरा मैच सिडनी में खेला गया. ऑस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग की और स्टीव स्मिथ के शतक की मदद से 338 रन बना दिए.

भारत पहली पारी में शुभमन गिल और चेतेश्वर पुजारा के अर्धशतकों की मदद से 244 रन ही बना पाया. ऑस्ट्रेलिया के पास मज़बूत बढ़त थी, उन्होंने दूसरी पारी में स्टीव स्मिथ (81), मार्नस लाबुशेन (73) और कैमरन ग्रीन (84) की मदद से 312 रन बनाए और भारत के सामने 407 रन का लक्ष्य रखा.

मैच के आखिरी दिन भारत के पास सिर्फ आठ विकेट थे. जबकि मैच जीतने के लिए 309 रन की ज़रूरत थी. कप्तान रहाणे आखिरी दिन की शुरुआत में ही लौट गए. अब क्रीज़ पर ऋषभ पंत और पुजारा थे. दोनों ने टीम को 250 रन तक पहुंचाया लेकिन फिर पंत आउट होकर लौट गए. बस यहीं से हनुमा ने पहले पुजारा के साथ और फिर अश्विन के साथ पार्टनरशिप की. उन्हें बैटिंग के वक्त हैमस्ट्रिंग इंजरी हुई लेकिन वो खेलते रहे. उन्होंने मैदान पर 237 मिनट बिताए.

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