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संजू सैमसन ने एक बार फिर सेलेक्टर्स को किलसा दिया!

'अपन दिल्ली वाले माइंडसेट से खेलते हैं. जाके बजाना है तो बजाना है. खेलेगा तो खेलेगा, नहीं खेलेगा तो नहीं खेलेगा. मैं यहां बहुत सारे रन बनाने के लिए नहीं हूं. मैं यहां थोड़े से रन बनाने के लिए हूं, जो टीम के लिए बहुत फायदेमंद होंगे.'

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Sanju Samson को बेहतरीन बैटिंग के बाद भी इंडियन टीम में नहीं लिया गया (PTI फोटो)

'अपन दिल्ली वाले माइंडसेट से खेलते हैं. जाके बजाना है तो बजाना है. खेलेगा तो खेलेगा, नहीं खेलेगा तो नहीं खेलेगा. मैं यहां बहुत सारे रन बनाने के लिए नहीं हूं. मैं यहां थोड़े से रन बनाने के लिए हूं, जो टीम के लिए बहुत फायदेमंद होंगे.'

इंटेंट. अप्रोच, हिम्मत. कुछ भी कहिए. लेकिन इस आधे नॉर्थ और आधे साउथ के लड़के की बैटिंग के फैन हम सभी हैं. नाम संजू सैमसन है. सालों तक दिल्ली में रहे, दिल्ली की IPL टीम से खेले. अभी राजस्थान रॉयल्स और केरला की कप्तानी करते हैं. और संजू की बैटिंग का आलम ये है कि दुनिया में कुछ ही लोग होंगे जो हर रोज इसकी तारीफ कर पाएंगे.

मतलब संभव ही नहीं है. भले ही संजू को अभी इंडियन T20 टीम में ना लिए जाने पर लोगों को गुस्सा आ रहा हो. एकस्वर से BCCI सेलेक्टर्स की आलोचना की जा रही हो. लेकिन हमेशा सीन ऐसा नहीं रहता. जिस बैटिंग के चलते आज लोग संजू की तारीफ कर रहे हैं. उसी बैटिंग के चलते लोग उनपर गुस्सा भी करते हैं.

# Sanju Samson Batting

लेकिन यही तो संजू के गेम की खासियत है. जैसा कि गुजरात के खिलाफ़ IPL2022 के पहले क्वॉलिफायर में संजू के आउट होने के बाद उनकी फ्रैंचाइज ने ट्वीट भी किया,

'जब तक चला, मौज़ खूब आई कप्तान'

संजू ने गुजरात के खिलाफ़ सिर्फ 26 गेंदों में 47 रन मारे. और ऐसे मारे कि पिच को बैटिंग के लिए मुश्किल बता रहे लोगों को अपनी राय बदलनी पड़ी. खूब बारिश, बादल के चलते कोलकाता के मौसम में गेंद को खूब स्विंग मिल रही थी. इस सीजन के टॉप स्कोरर जॉस बटलर 100 का स्ट्राइक रेट मेंटेन करने में पसीने-पसीने हुए जा रहे थे.

ओपन करते हुए कुछ अच्छी पारियां खेल चुके यशस्वी जायसवाल विकेट के पीछे लपके गए. फिर एंट्री हुई संजू की. और संजू ने अपनी पहली ही गेंद पर बता दिया कि क्यों लोग उन्हें इंडियन टीम में चाहते हैं. संजू ने यश दयाल की लेंथ बॉल को प्योर टाइमिंग के साथ अपनी कलाई के सहारे मिडऑन के ऊपर से तैरा दिया. ये शॉट इतना प्यारा और इतनी आसानी से लगा था कि कॉमेंट्री करते हर्षा भोगले बोल पड़े,

'यह सबसे शांति से मारे गए छक्कों में से एक है.'

और इस गेंद से शुरू हुई संजू की कुटाई सिर्फ 40 मिनट ही चली. लेकिन ये 40 मिनट पूरे मैच को बदलने के लिए काफी थे. संजू ने अपनी 26 गेंद की इस पारी में 47 रन बनाए. इसमें पांच चौके और तीन छक्के शामिल रहे. संजू जब आए तब राजस्थान 5.5 रन प्रति ओवर के हिसाब से स्कोर कर रहा था.

और जब वह आउट हुए, तब 9.5 ओवर्स में टीम 79 रन बना चुकी थी. दूसरे एंड पर खड़े बटलर के नाम 25 गेंदों में 23 रन थे. बाद में इसी बटलर ने अपनी पारी 56 गेंदों पर 89 रन बनाकर खत्म की. और इस अंत को देखते हुए संजू की पारी और महत्वपूर्ण हो जाती है. अगर संजू भी तथाकथित टैलेंटेड स्टैटपैडलर्स की तरह अपने लिए खेलते, तो शायद बटलर की पारी यहां तक जाती ही ना.

लेकिन संजू ने ऐसा नहीं किया. इस IPL में 150 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से 400+ रन बनाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय संजू का फलसफा ही अलग है. जैसा कि उन्होंने गौरव कपूर से कहा भी था- जाके बजाना है तो बजाना है.

 

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