सरकार द्वारा बनाई गई कमिटी से संतुष्ट नहीं हैं पहलवान, विनेश ने सामने रखी नई मांग

06:04 PM Jan 25, 2023 | रविराज भारद्वाज
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इंडियन रेसलिंग असोसिएशन और पहलवानों के बीच विवाद में नया अपडेट आया है. खेल मंत्रालय द्वारा जांच के लिए बनाई गई कमिटी का पहलवानों ने विरोध किया है. विनेश फोगाटऔर बजरंग पूनिया के मुताबिक इस कमिटी को बनाए जाने से पहले उनकी राय नहीं ली गई. साथ ही विनेश ने इस कमिटी को भंग करने की मांग भी की है.

दरअसल WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों की जांच के लिए स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री ने पांच सदस्यों की एक कमिटी बनाई गई थी. 20 जनवरी को बनाई गई इस कमिटी में देश के कई दिग्गज एथलीट्स को शामिल किया गया था. इस कमिटी में वर्ल्ड चैम्पियन बॉक्सर मेरी कॉम, योगेश्वर दत्त, तृप्ति मुरगुंडे, कैप्टन राजगोपाल, राधिका श्रीमन शामिल किए गए थे. ये कमिटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.

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# Vinesh ने जताई नाराजगी

रेसलर विनेश फोगाट का कहना है कि सरकार इस कमिटी को भंग करके एक नई कमिटी का गठन करे. उन्होंने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा,

‘हम चाहते हैं कि इस ओवरसाइट कमिटी को भंग कर दिया जाए और हमसे राय लेकर हमारे पसंद के सदस्यों को मिलाकर एक नई कमिटी बनाई जाए. यह महिलाओं का मामला है, जो कि बहुत गंभीर है. हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी बात सुनेगी.’

इसके साथ ही विनेश और बजरंग पूनिया समेत कई रेसलर्स ने एक ही जैसा ट्वीट भी किया. जिसमें उन्होंने लिखा,

‘हमें आश्वासन दिया गया था कि ओवरसाइट कमिटी के गठन से पहले हमसे परामर्श किया जाएगा. बड़े दुख की बात है कि इस कमिटी के गठन से पहले हमसे राय भी नहीं ली गई.’

# पूरा मामला क्या है?

विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक समेत कई पहलवान 18 जनवरी से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे. महिला पहलवानों ने WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया था. इसके साथ ही उन पर वित्तीय अनियमितताओं का भी आरोप लगाया गया. इस मामले में विनेश ने कहा था,

‘कोच महिलाओं को प्रताड़ित कर रहे हैं. हमें मारने की धमकी दी जा रही है. हम लोग अपना करियर दांव पर लगाकर धरने पर बैठे हैं, जिससे कुश्ती को बचाया जा सके.’

हालांकि पहलवानों के आरोपों को बृजभूषण ने सिरे से नकार दिया था. उन्होंने कहा कि अगर उन पर लगाए आरोप सिद्ध होते हैं, तो वे फांसी पर लटक जाएंगे. 20 जनवरी को ही एक मीटिंग के बाद भारत सरकार ने पहलवानों को आश्वस्त किया था, कि लगाए गए आरोपों पर कार्रवाई होगी. साथ ही खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि WFI अध्यक्ष अपनी पोस्ट पर काम नहीं करेंगे. और उसके दैनिक कार्यों से दूर रहेंगे. जिसके बाद पहलवानों ने धरना रोक दिया था. अब ये देखना होगा कि भारत सरकार द्वारा बनाई गई जांच समिति की रिपोर्ट में क्या सामने आता है.

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