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ये पाकिस्तानी हाथ धोकर विराट कोहली के पीछे क्यों पड़े हैं?

'विराट कोहली रिटायर हो जाओ.'

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एशिया कप में सिर्फ इसी एक मैच में नाकाम हुए थे विराट कोहली (एपी फाइल)

विराट कोहली. मौजूदा वक्त में क्रिकेट के सबसे बड़े स्टार. कई लोग तो इन्हें क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े प्लेयर्स में से एक भी मानते हैं. कोहली के कद पर सालों से बहस चल रही है. और ये बहस आगे भी जारी रहेगी. क्रिकेट इतिहास में कोहली 71 शतक जमा चुके हैं. इस मामले में उनसे आगे सिर्फ सचिन तेंडुलकर हैं.

कोहली बीते कुछ वक्त से अपने तय स्टैंडर्ड से नीचे परफॉर्म कर रहे थे. और उस दौर में तमाम लोगों ने उन्हें नकार दिया. कहा जाने लगा कि कोहली अब वापसी नहीं कर पाएंगे. उनका करियर खत्म हो जाएगा. उस दौर में पूर्व पाकिस्तानी पेसर मोहम्मद आसिफ का एक बयान भी खूब चला. इस बयान में आसिफ कह रहे थे,

'विराट कोहली बॉटम हैंड प्लेयर हैं. वो फिटनेस की वजह से चल रहे हैं, जैसे ही विराट कोहली का बुरा वक्त शुरू होगा, मुझे नहीं लगता वो कमबैक कर पाएंगे.'

हालांकि आसिफ के इस बयान के वक्त भी कोहली लगातार पचासे लगा रहे थे. वह भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की लिस्ट के टॉप हिस्से में भी बने हुए थे. लेकिन उनके बल्ले से शतक नहीं आ रहे थे. और इसे लेकर खूब चर्चा चल रही थी. इसके बाद आया एशिया कप.

# Virat Kohli Asia Cup Stats

कोहली ने यहां पांच पारियों में दो फिफ्टी और एक सेंचुरी जड़ दी. साथ ही उन्होंने एक 30+ का स्कोर भी किया. यानी यहां वह सिर्फ एक पारी में नाकाम रहे. कोहली की ये नाकामी आई श्रीलंका के खिलाफ़. जहां वह अक्रॉस द लाइन खेलने के चक्कर में बोल्ड हो गए थे. यानी पिछली पांच पारियों में कोहली सिर्फ एक बार स्कोर नहीं कर पाए.

कोहली ने सबसे आखिरी पारी में 200 की स्ट्राइक रेट से 122 रन बनाए. इसके बाद भी पाकिस्तान के कुछ पूर्व क्रिकेटर लगातार उन्हें रिटायर होने की सलाह दे रहे हैं. कई दफ़ा रिटायर हो चुके, चिरयुवा शाहिद अफरीदी के बाद 2003 वर्ल्ड कप में सचिन से थर्ड-मैन पर छक्का खाकर अमर हुए शोएब अख्तर ने भी कोहली को बिन मांगी सलाह दे डाली.

शोएब ने कहा,

'कोहली शायद T20 वर्ल्ड कप के बाद रिटायरमेंट ले लें. वह शायद दूसरे फॉर्मेट्स में अपना करियर लंबा खींचने के लिए यह कर सकते हैं. अगर मैं उनकी जगह होता तो आगे की सोचता और कोई फैसला ले लेता.'

रिटायरमेंट मामलों के जानकार अफरीदी और अख्तर से मिलती सोच रखने वाले लोगों की कमी नहीं है. बहुत से लोग हैं जिन्हें लगता है कि अब कोहली को ये फॉर्मेट छोड़ देना चाहिए. ऐसे लोगों के पास तमाम तर्क भी हैं. इन तर्कों में कोहली के खेलने के तरीके से लेकर टीम की जरूरतें तक मिलाकर एक अलग ही खिचड़ी पकाई जा रही है.

# Virat Kohli Retirement

भले ही कोहली साल 2016 से लगातार इस फॉर्मेट में 36 से ज्यादा के ऐवरेज और 133 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से बैटिंग कर रहे हैं. लेकिन आलोचकों की मानें तो वो इस फॉर्मेट में फिट नहीं बैठ रहे. इस दौरान सिर्फ साल 2018 में उनका ऐवरेज और स्ट्राइक रेट चिंतनीय हुआ था. इस साल कोहली 30.14 के ऐवरेज और लगभग 122 के स्ट्राइक रेट से खेले थे.

वहीं इसी दौर में रोहित शर्मा को देखें तो वह 2016, 2019 और मौजूदा साल में 30 से कम के ऐवरेज से खेले हैं. हालांकि उनका स्ट्राइक रेट इस दौरान एक भी बार 131 से नीचे नहीं गिरा. लेकिन इस मामले में यह भी कहा जा सकता है कि वह पावरप्ले में खेलते हैं. और उन्हें इसका फायदा मिलता है. दोनों बल्लेबाजों का ओवरऑल ऐवरेज और स्ट्राइक रेट देखें तो रोहित 140.58 जबकि कोहली 138.38 के स्ट्राइक रेट से खेलते हैं. जबकि ऐवरेज के मामले में कोहली लगभग 52 और रोहित 32.32 पर हैं.

यानी दोनों बल्लेबाजों के स्ट्राइक रेट में बहुत थोड़ा सा अंतर है. लेकिन ऐवरेज के मामले में रोहित काफी पीछे हैं. इससे साफ है कि विराट ना सिर्फ अच्छे स्ट्राइक रेट से रन बना रहे हैं, बल्कि उनकी निरंतरता भी कमाल है. मौजूदा वक्त में उनसे बेहतर T20I ऐवरेज किसी बल्लेबाज का नहीं है. और ऐसा बल्लेबाज जब फॉर्म में वापस आया है, तो उसे रिटायरमेंट की सलाह देने का क्या अर्थ है?

जाहिर है कि विराट की रोहित से तुलना नहीं हो सकती. दोनों बल्लेबाजों के खेलने का तरीका अलग है. लेकिन अगर कोहली लगातार ऐवरेज और स्ट्राइक रेट दोनों में बेहतरीन कर रहे हैं, तो अब उन्हें नीचे खींचने का क्या मतलब? जब उनके बल्ले से शतक नहीं आ रहे थे, तब क्या कम चैं-चैं हुई थी, कि अब फॉर्म में लौटने के बाद इसे और बढ़ाया जा रहा है?

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