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ये पांच ना होते तो शायद ही रणजी चैंपियन बन पाती मध्य प्रदेश की टीम!

रजत पाटीदार और यश दुबे के साथ इन्हें भी जानें.

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इतिहास रचने वाली MP की टीम (PTI)

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की रणजी टीम ने इतिहास रच दिया है. फाइनल मुकाबले में 41 बार की चैंपियन मुंबई को हराकर टीम ने पहली बार रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया. 1998-99 में पहली बार फाइनल तक पहुंची टीम ने इस बार कोई गलती नहीं की, और मुंबई को हराकर इतिहास रच दिया.

1998-99 में अपनी कप्तानी में खिताब से चूकने वाले चंद्रकांत पंडित ने इस बार एक कोच के तौर पर टीम को खिताबी जीत दिलाई. आवेश ख़ान और वेंकटेश अय्यर की गैरमौजूदगी के बावजूद टीम ने जिस तरह का प्रदर्शन किया, वो वाकई में क़ाबिले-तारीफ है. वैसे तो इस जीत में पूरी टीम का भरपूर योगदान रहा, लेकिन कुछ खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन के बदौलत इस टूर्नामेंट में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. और अब हम आपको ऐसे ही प्लेयर्स के बारे में बताएंगे.

रजत पाटीदार

IPL 2022 में धूम मचाने वाले रजत पाटीदार की शानदार फॉर्म इस सीज़न रणजी ट्रॉफी में भी जारी रही. रजत ने इस सीजन लगभग हर मैच में बेहतरीन बल्लेबाज़ी की. उन्होंने फ़ाइनल मैच में बेहतरीन शतक जड़ टीम को पहली पारी में विशाल बढ़त दिलाने में मदद भी की. रजत ने सेमीफाइनल की एक पारी को छोड़, हर पारी में 50+ का स्कोर बनाया. रजत ने नौ पारियों में कुल 658 रन बनाए. वो सरफ़राज़ खान के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी रहे. जिसमें फाइनल में खेली गई 122 रन की पारी भी शामिल है.

यश दुबे

2021-22 रणजी सीज़न के बीच में यश दुबे को ओपनर के तौर पर बल्लेबाज़ी करने का मौका मिला. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वो लगातार अच्छी बल्लेबाज़ी करते रहे. केरल के खिलाफ करो या मरो के मुकाबले में उन्होंने 289 रन की करियर बेस्ट पारी खेली. वहीं फाइनल मुकाबले में उन्होंने पहली पारी में 133 रन बना टीम को बड़ी बढ़त दिलाने का काम किया. दुबे ने पूरे सीज़न में दो शतकों के साथ 76.75 की औसत से कुल 614 रन बनाए.

कुमार कार्तिकेय

कुमार कार्तिकेय के लिए ये सीज़न कमाल का रहा है. IPL 2022 में मुंबई इंडियंस के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले इस खिलाड़ी ने रणजी में भी कमाल का प्रदर्शन किया. रणजी नॉकआउट में उन्होंने टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. पंजाब के ख़िलाफ़ क्वॉर्टर-फ़ाइनल में कार्तिकेय ने छह और सेमीफाइनल में बंगाल के खिलाफ कुल पांच विकेट हासिल किया. कार्तिकेय ने इस सीज़न कुल 32 विकेट निकाले और सीज़न में दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ रहे.

अक्षत रघुवंशी

18 साल के इस खिलाड़ी को इस सीज़न MP की खोज माना जाता है. अक्षत ने इस सीज़न पांच मैच की कुल छह पारियों में 295 रन बनाए. इसमें एक शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं. बंगाल के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने 63 रन बनाए थे. उनकी इसी पारी ने मोमेंटम चेंज किया था.

गौरव यादव

आवेश खान के भारतीय टीम में चुने जाने के बाद गौरव यादव के कंधों पर इस सीज़न बड़ी ज़िम्मेदारी थी. जिसका गौरव ने बखूबी फायदा उठाया. मध्य प्रदेश के लिए गौरव सर्वाधिक विकेट लेने वाले तेज़ गेंदबाज़ रहे और ओवरऑल चौथे सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले गेंदबाज़ रहे. गौरव ने पांच मैच में कुल 23 विकेट हासिल किए.

शुभम शर्मा

रजत पाटीदार और यश दुबे की तरह ही शुभम शर्मा ने भी इस सीज़न 76 की औसत से 608 रन बनाए. इसमें कुल चार शतक शामिल हैं. शुभम ने गुजरात के ख़िलाफ़ 92 रन के साथ सीज़न की शुरुआत की और फाइनल में शतक के साथ इस सीजन को समाप्त किया. शुभम ने फाइनल में यश दुबे के साथ 222 रन जोड़कर मुंबई को बैकफुट पर धकेला. इस मैच में शुभम ने 116 रना की धाकड़ पारी खेली.