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Google ने एक फैसले के साथ कॉल रिकॉर्डिंग ऐप्स को मार डाला!

11 मई से डेवलपर्स को कॉल रिकॉर्डिंग के लिए एक्सेसब्लिटी एपीआई (Accessibility API) का एक्सेस नहीं मिलेगा.

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11 मई से एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर थर्ड पार्टी कॉल रिकॉर्डिंग ऐप्स के दिन लदने वाले हैं. (image-unsplash)

अगर आप अपने एंड्रॉयड स्मार्टफोन में अभी तक कॉल रिकॉर्ड करने के लिए किसी थर्ड पार्टी के भरोसे थे तो आपको तगड़ा झटका लगने वाला है. और इसके लिए जिम्मेदार है एंड्रॉयड बनाने व चलाने वाली कंपनी Google. दरअसल, सर्च की दुनिया की बादशाह माने जाने वाली इस कंपनी ने पॉलिसी में एक ऐसा बदलाव किया है जिसके बाद थर्ड पार्टी कॉल रिकॉर्डिंग ऐप्स(Android Call Recording Apps) का बंद होना तय माना जा रहा है. गूगल ने ऐप्स को बंद करने को लेकर आधिकारिक तौर पर तो कुछ नहीं कहा है, लेकिन पॉलिसी की भाषा से साफ है कि इन ऐप्स के दिन लद गए हैं.

गूगल ने प्ले स्टोर पर पॉलिसी में कुछ बदलाव किए हैं जो 11 मई से प्रभाव में आएंगे. नई पॉलिसी के बारे में गूगल ने बीते बुधवार को अपने डेवलपर वेबिनार में बताया. इसके मुताबिक, डेवलपर्स को कॉल रिकॉर्डिंग के लिए एक्सेसब्लिटी एपीआई (Accessibility API) का एक्सेस नहीं मिलेगा. ऐसा होते ही ये थर्ड पार्टी ऐप्स अपना मुख्य काम यानी कॉल रिकॉर्डिंग ही नहीं कर पाएंगे.

वैसे इस पॉलिसी से आपके स्मार्टफोन में मौजूद नेटिव कॉल रिकॉर्डिंग फीचर पर कोई असर नहीं पड़ेगा. कहने का मतलब है, यदि आपके स्मार्टफोन में कंपनी की तरफ से ऐसा कोई फीचर/सॉफ्टवेयर पहले से इंस्टॉल है तो उससे कॉल रिकॉर्डिंग की जा सकेगी. बताते चलें कि Xiaomi, Samsung, OnePlus और Oppo जैसे ब्रांड के हैंडसेट में कॉल रिकॉर्ड करने की सुविधा पहले से मौज़ूद रहती है.

Phone By Google
phone by Google is a native dialer app in many smartphones

कॉल रिकॉर्डिंग को लेकर गूगल पहले से असमंजस की स्थिति में रहा है. इससे पहले प्राइवेसी और सिक्योरिटी हवाले देते हुए गूगल ने एंड्रॉयड 10 के साथ कॉल रिकॉर्डिंग फीचर को हटा दिया था. लेकिन एंड्रॉयड 11 के साथ एक्सेसब्लिटी एपीआई (Accessibility API) आया जिसका इस्तेमाल कर डेवलपर्स ने कॉल रिकॉर्डिंग ऐप्स बाजार में उतार दिए.

डेवलपर्स वेबिनार में गूगल के एक प्रतिनिधि ने बताया, 'अगर कोई ऐप फोन पर डिफॉल्ट डायलर है और प्री-लोडेड भी है तो उसको इनकमिंग ऑडियो को सुनने व रिकार्ड करने के लिए एक्सेसब्लिटी एक्सेस की जरूरत नहीं है.' मतलब ये नियम का उल्लंघन नहीं है. अब ये कोई छुपी हुई बात तो नहीं है कि यदि ऐप कंपनी ने ही पहले से इंस्टॉल किया है तो कोई भी अनुमति ली जा सकती है.

गूगल ने पिछले कुछ सालों में अपने प्लेटफॉर्म पर यूजर की प्राइवेसी को लेकर काफी कड़े कदम उठाए हैं. पॉलिसी में ताजा बदलाव को इससे ही जोड़कर देखा जा रहा है. बताते चलें कि गूगल प्ले स्टोर पर तमाम तरह के कॉल रिकॉर्डिंग ऐप्स उपलब्ध हैं जो नॉर्मल फोन कॉल से लेकर WhatsApp और Zoom कॉल को भी रिकार्ड कर सकते हैं. इसके इतर इस फीचर पर यूज़र्स दो धड़ों में बटे हुए हैं. मतलब होना चाहिए या नहीं होना चाहिए. यदि होना चाहिए तो उसकी सीमा क्या हो. बाय डिफ़ॉल्ट ऑन हो या जब मन करे तब चालू करें. सामने वाले ने हां की है या बिना मर्जी के सब रिकॉर्ड हो रहा. डिबेट कितनी हो, लेकिन कॉल रिकॉर्डिंग फीचर की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है.

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