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128 छोड़ 256 या 512 GB फोन पर पैसा फूंक रहे, जानें क्यों बड़ी गलती कर रहे आप?

फोन लेते वक्त 'कितनी ममेरी वाला फोन लें' सवाल परेशान करता है?

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एक्स्ट्रा स्टोरेज के लिए एक्स्ट्रा पैसा नहीं देना. (बाईं तस्वीर: Unsplash.com)

नया फोन लेने के लिए हर किसी की अपनी जरूरत होती है. किसी को झमाझम कैमरा चाहिए तो कोई ताकतवर प्रोसेसर को टॉप पर रखता है. लेकिन हमारे एक विरले दोस्त हैं. उनको सिर्फ स्टोरेज कि चिंता थी. सारे फीचर एक तरफ और फोन का स्टोरेज एक तरफ. 128 जीबी या 256 कि तरफ देखा ही नहीं, सीधे 512 या 1TB वेरियंट पर अटक गए. उनकी चिंता थी कि डेटा का क्या होगा. हमने उनको समझाया कि 128 जीबी बहुत है. बस कुछ तरीके अपनाने होंगे. अगर उनसे भी काम नहीं बना तो सिर्फ कुछ पैसे से काम बन जाएगा. वो तो मान गए, लेकिन अगर आपके भी ऐसे कोई दोस्त हैं तो पहले जो हम बता रहे वो उनसे साझा कीजिए.

भारी-भरकम स्टोरेज कि जरूरत है क्या?

अगर आप नॉर्मल यूजर हैं तो शायद नहीं. आज से कुछ साल पहले जब इंटरनेट कि उपलब्धता कम थी, उसके दाम बहुत ज्यादा थे, तब फोन का स्टोरेज वाकई में काम आता था. फिल्म से लेकर गाने-शाने सब स्टोर करते थे. अब दौर बदला और सबकुछ ऑनलाइन है. नेटफ्लैक्स पर चिल मारना हो या फिर म्यूजिक ऐप पर गाने सुनना. सब On-The-Go होता है. डाउनलोड करना पहले कि तुलना में काफी कम हुआ है. हालांकि सिक्के का दूसरा पहलू भी है.

कैमरे पहले के मुकाबले बहुत अच्छे हो गए हैं. फोटो भी खूब क्लिक होते हैं और रील भी खूब बनती हैं. इनको स्टोरेज चाहिए होता है. इसके साथ जीमेल और  वॉट्सऐप भी दबाकर स्टोरेज खा जाते हैं. वैसे जीमेल भरने का सबसे बड़ा कारण स्पैम और प्रमोशन वाले मेल हैं तो वॉट्सऐप को भरने में जौनपुर वाली बुआ के गुड मॉर्निंग का सबसे बड़ा हाथ होता है. यकीनन इनसे स्टोरेज तो भरता है, लेकिन इसको मैनेज करने के कई तरीके हैं.

जीमेल और गूगल से मिले 15 जीबी स्टोरेज का सही इस्तेमाल कैसे करना है वो आप यहां क्लिक करके जान लीजिए. डिटेल में बताया है. वॉट्सऐप पर गुलाब के फूल को कैसे फूल बनाना है वो भी हमने बता दिया. अब इतने से काम नहीं बने तो भी 256 या 512 जीबी स्टोरेज पर पैसा लगाने कि जरूरत नहीं. एक्स्ट्रा स्टोरेज पर पैसा लगाने से अच्छा क्लाउड स्टोरेज का ऑप्शन चुनिये. बहुत कम पैसे में अच्छे खासे स्टोरेज का जुगाड़ हो जाएगा. गुना-गणित हम बता देते हैं.

फोन के एक्स्ट्रा स्टोरेज पर कितना पैसा लगता है?

किसी भी कंपनी के फ्लैग्शिप डिवाइस में अगर आप 128 कि जगह 256 जीबी ऑप्शन चुनते हैं तो 5 हजार से 10 हजार ज्यादा चुकाना होता है. मिडरेंज फोन है तो भी 3 हजार एक्स्ट्रा लगेंगे. दूसरा ये स्टोरेज स्थाई नहीं होता. कहने का मतलब जब फोन बदला तब स्टोरेज भी गया. इसके उलट, अगर आप गूगल वन स्टोरेज या iCloud स्टोरेज का ऑप्शन चुनते हैं तो कुछ पैसों में आपका काम बन जाता है. इतना ही नहीं, ये स्टोरेज तो आपका अपना है. डेटा बैकअप तो होता ही है, दुनिया जहान में किसी भी डिवाइस पर एक्सेस मिल जाता है. आपकी सुविधा के लिए हमने लिस्ट बनाई है.  


साफ दिखता है कि क्लाउड स्टोरेज में बचत ही बचत है. अकेले 100 जीबी प्लान लेते हैं तो भी साल के 1560 रुपये खर्च होंगे. माने कि तीन साल में जाकर एक्स्ट्रा पैसे वसूल होंगे. तब तक फोन बदलने का टाइम आ जाएगा. हर प्लान को पांच लोग शेयर कर सकते हैं. मतलब बहुत ही ज्यादा बचत. आईफोन यूजर्स को तो बोलने कि जरूरत नहीं. 100 कि जगह 200 जीबी वो भी 2628 रुपये में. पांच साल का पैसा एक साथ क्यों देना. वैसे क्लाउड स्टोरेज पर एडिटिंग टूल्स और कस्टमर सपोर्ट भी मिलता है. मुनाफा ही मुनाफा.

तो अगली बार एक्स्ट्रा स्टोरेज के लिए एक्स्ट्रा पैसे देने से पहले सोचें.

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