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स्मार्टफोन कैमरे के शानदार फीचर्स के पीछे जानी-मानी कंपनियां क्यों नहीं?

हर एक कैमरा फीचर्स के पीछे अलग-अलग डेवलपर्स का दिमाग और मेहनत लगी है.

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स्मार्टफोन कैमरे का सबसे जरूरी फीचर तो 15 साल पहले ही बन गया था. (image-pexels)

आज है World Photography Day और कैमरा आपके हाथो से होते हुए अब आपकी आंखों तक पहुंच गया है. जी हां गूगल ग्लास और फ़ेसबुक Ray-Ban Stories इसके सबसे अच्छे उदाहरण हैं. साफ है कैमरे की क्वालिटी और फीचर्स दोनों में चार चांद लगे हैं. लेकिन ये फीचर्स कोई एक दिन में नहीं आए. आज भले हम अच्छी फोटो के लिए Vivo, Samsung, Apple या दूसरे डेवलपर्स का नाम लेते हैं. पर इन फीचर्स को डेवलप करने में नोकिया से लेकर HTC और LG का खून पसीना लगा हुआ है. इसलिए आज से बढ़िया कोई दिन हो ही नहीं सकता कि हम और आप जाने कि आखिर सबसे पहले इन फीचर्स को बनाया किसने.

Portrait mode

सिर्फ फोटो में दिख रहे ऑब्जेक्ट पर फोकस और पीछे का पूरा बैकग्राउंड ब्लर. Bokeh mode, depth effect जैसे कई और नाम. कहने को तो इस फीचर को आईफोन 7 Plus से जाना गया लेकिन असल में सबसे पहले ये आया HTC One M8 में. अपने खूबसूरत हैन्ड्सेट के पहचाने जाने वाली HTC ने फोटो में बैकग्राउंड हटाने का कारनामा सबसे पहले किया.

HTC One M8 (image-Amazon)
RAW images

एक क्लिक किया और झमाझम फोटो हाजिर. ये हुई आम जिंदगी. लेकिन इससे आगे आती है प्रो लाइफ. और प्रो फोटोग्राफी के लिए चाहिए टोटल कंट्रोल. एकदम DSLR टाइप. इस फीचर को कहते हैं RAW images. आज जब हर स्मार्टफोन इस फीचर को लेकर डींग मारता है तो हम भूल जाते हैं कि नोकिया वो पहली कंपनी थी जिसने ये कमाल किया. फोन था Nokia Lumia 1520. इस फोन में फोटो एडिट करने के कहीं जाने और किसी ऐप की जरूरत ही नहीं थी.

Nokia Lumia 1520 (image-Amazon)
Night mode

आज भले गूगल अपने पिक्सल फोन में नाइट फोटोग्राफी को अलग लेवल पर ले गया है. Astrophotography जैसे नए आयाम गढ़े जा रहे हैं लेकिन रात में खूबसूरत तस्वीरें लेने का असली श्रेय तो किसी और को है. Night mode को ईजाद किया प्रतिबंधों की मार झेल रही Huawei ने. फोन का मॉडल था P30. उसके पहले तक तो रात के फोटो में सिर्फ मिचमिचाती आंखें होती थी.

Image stabilisation

आज अगर स्मार्टफोन में OIS, EIS नहीं हो तो फोन किसी काम का नहीं. OIS मतलब Optical Image Stabilization. आसान भाषा में कहें तो आपका हाथ हिले या शरीर. फोटो एकदम स्टेबल आएगी. iPhone यूजर्स तो इस फीचर के नाम पर इतराते हैं. मगर ये फीचर सबसे पहले लेकर आया LG. ये वो समय था जब LG की स्मार्टफोन मार्केट में पहचान थी. आज से 15 साल पहले 2007 में कंपनी का एक फोन आया था LG Viewty. आज भले हर कंपनी का अहम फीचर है.

LG Viewty (image-LG)
Hybrid zoom

इस फीचर के आने से साइंटिस्ट बड़े खुश हैं और पड़ोसी बड़े दुखी. साइंटिस्ट इसलिए खुश क्योंकि अब चांद की फोटो के लिए वहां जाने की जरूरत नहीं. यहीं से खीच लो. पड़ोसी क्यों दुखी वो आपको पता है. वैसे इस फीचर को लाते समय दो कंपनियों में खूब झगड़े भी हुए. हुआ यूं की Oppo ने दुनिया को बताया कि उनके अगले फोन में 10x hybrid zoom होगा. लेकिन सैमसंग ने भांजी मारी और Galaxy S20 के साथ इस फीचर को मार्केट में उतार दिया. अब जो पहले आया वो पहले पाया इसलिए Hybrid zoom का सेहरा बंधा सैमसंग के माथे.

Super-slow motion

असल में इस फीचर का श्रेय तो हमारी हिन्दी फिल्मों को मिलना चाहिए. कब से उसमें हीरो-हीरोइन को हौले-हौले दौड़ते हुए दिखाते रहे हैं. संभव है कि Sony वालों ने हमारी फिल्में बहुत देखी होंगी और फिर ले आए स्लो मोशन कैप्चर करने वाला कैमरा फोन. आज जो हम अपने पालतू कुत्ते के उड़ते हुए कान का सुपर स्लो वीडियो देखते हैं वो सोनी ने Xperia XZ में सबसे पहले दिया. इसके बाद ही 960fps फ्रेम पर सेकंड वाली वीडियो अस्तित्व में आए.

Dolby Vision

अब तक शायद आईफोन के दीवानों के इमोशन हर्ट हो गए होंगे. उनको लगेगा कि Apple ने कुछ नहीं किया क्या फोटोग्राफी के लिए. अब किया या नहीं वो आप पर छोड़ते हैं. हां  iPhone 12 से  Dolby Vision फीचर जरूर दुनिया को दिया. HDR के साथ मिलकर ये फीचर निश्चित करता है कि फोटो अपने वास्तविक कलर टोन मतलब true-to-life के साथ क्लिक हों.

Magic Eraser

pixel वालों आपको भी दुखी होने की जरूरत नहीं क्योंकि इमेज में AI तकनीक इम्प्लीमेंट करने के अलावा भी गूगल ने एक बढ़िया फीचर दिया है. नाम से पता चलता है कि आपकी फोटो में जो आपको नहीं चाहिए वो बस एक क्लिक में गायब. पिछले साल Pixel 6 के साथ ये फीचर पेश हुआ. वैसे एक अंदर की बात जान लीजिए. गूगल के खुद के फोटो एडिटिंग ऐप स्नैप सीड में ये पहले से मौजूद था.

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