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सेल लगाकर Flipkart ने करोड़ों रुपये ठग लिए!

सेल के नाम पर ग्राहकों को कैसे चूना लगाती हैं शॉपिंग वेबसाइट्स!

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सेल में खेल हो रहा (image/memes)

त्योहारों का ये सीज़न रहा फ्लिपकार्ट (Flipkart) और उसके बिग बिलियन डेज़ (Big Billion day) सेल के नाम. इससे पहले कि आप इसे बिका हुआ आर्टिकल समझें, हम क्लियर कर दें कि यहां फ्लिपकार्ट सेल में हुए घोटालों पर बात होने वाली है. स्पीकर की जगह तेल, फोन की जगह घड़ी साबुन, कोट की जगह घर में पहनने वाला लोअर. हर दिन फ्लिपकार्ट का कोई न कोई झोल निकलकर सामने आ रहा है.

सेल खत्म हो चुकी है और आठ दिन चली सेल में फ्लिपकार्ट ने 5.5 बिलियन डॉलर माने 44 हज़ार करोड़ रुपये का सामान बेचा है. बिग बिलियन डे सेल खत्म हुई तो फ्लिपकार्ट ने दशहरा सेल का ऐलान भी कर दिया है. पर इन सबके बीच ग्राहक हलाकान परेशान हैं. ट्विटर भरा पड़ा है सताए हुए ग्राहकों के ट्वीट से. चलिए देखते हैं, फ्लिपकार्ट ने क्या दुख दिए सेलर्स को.

अमन गुप्ता ने ट्वीट किया,

“मैं बिग बिलियन सेल के फ्रॉड का शिकार हुआ. मेरे दोस्त खुराफ़ाती रवि ने मेरे लिए 9799 रुपये का फोकसराइट ऑडियो इंटरफेस ऑर्डर किया था. पर फ्लिपकार्ट ने मुझे तेल के ये पैकेट भेज दिए. शुरुआत में उन्होंने रिफंड की रिक्वेस्ट स्वीकार की, पर बाद में खुद ही उन लोगों ने इसे खारिज कर दिया.”

सौरभ शर्मा नाम के कस्टमर ने जब फ्लिपकार्ट से ऑर्डर किए हुए एयर पॉड्स प्रो को अपने आईफोन से जोड़ किया तो पता चला की वो असली प्रोडक्ट नहीं है.

सैयद दानिश नाम के कस्टमर को एक्सपायर हो चुका परफ्यूम मिला है. उन्होंने लिखा,

“कल मैंने फ्लिपकार्ट से डेनवर परफ्यूम ऑर्डर किया. बिग बिलियन डे सेल में. और जब मैंने एक्सपायरी डेट देखी तो पता लगा कि ये तीन महीने पहले एक्सपायर हो चुका है. ये सेल बस एक स्कैम है.”

मैं खुद इस किस्म के फ्रॉड का भुक्त भोगी हूं. मैंने एक ब्लेजर ऑर्डर किया था और कंपनी से मुझे उसकी जगह एक लोअर मिला है. मेरी रिफ़ंड रिक्वेस्ट पेंडिंग है अभी तक. 

यशस्वी शर्मा नाम के कस्टमर को लैपटॉप की जगह साबुन की पैकेट वाला केस भी आपको पता होगा जिसमें भी कंपनी ने ओपन बॉक्स डिलेवरी का हवाला देकर रिफ़ंड देने से मना कर दिया था.


फर्जीवाड़े के किस्से इतने ज्यादा हैं कि सोशल मीडिया पर #FlipkartBigBillionDaysScam ट्रेंड कर रहा है.

कुछ केस में रिफ़ंड मिल रहा और कुछ में नहीं. लेकिन क्या इतने भर से बात खत्म हो जाती है. क्या कंपनी सिर्फ ये बोलकर अपना पीछा छुड़ा सकती है कि हमने पैसा वापस कर दिया.

पैसा वापस करने के खेल में झोल है  

आपने एक पूरे पैसे देकर एक प्रोडक्ट ऑर्डर किया. ऐसा ही होता है क्योंकि माल मिलने के बाद पैसे लेने का कोई ऑप्शन है कहां. आपको 3-4 दिन में प्रोडक्ट मिलता है. मतलब कई बार 10 दिन भी लगते हैं. अब गलत प्रोडक्ट आया तो फिर रिफ़ंड प्रोसेस होगी, फिर प्रोडक्ट आपके घर से पिक होगा तब कहीं जाकर कुछ दिनों के बाद आपका पैसा वापस आएगा. अब इतने दिनों तक तो पैसा कंपनी के पास रहा न. आपने भले कुछ सौ रूपए दिए लेकिन अगर इसको लाखों ग्राहकों के हिसाब से देखें तो सोचिए कंपनी के पास कितने रुपये जमा हुए होंगे. आपके पैसे देने और आपको रिफंड मिलने के बीच हफ्ता-दस दिन तक आपके और आप जैसे लाखों लोगों के रुपये कंपनी के पास रहे, जिसका कंपनी ने अपने दूसरे कामों में इस्तेमाल किया होगा.

थोड़ा और आसान करें तो कुछ दिन पहले गुजरात के एक व्यक्ति के अकाउंट में बैंक की गलती से करोड़ों रुपए आ गए थे. सामने वाले को पता था कि ये वापस करने होंगे. लेकिन उसको जो थोड़ा सा टाइम मिला, उतने में उसने कुछ रुपए शेयर बाजार में लगा दिए और लाखों छाप भी लिए. अब देखिए हुआ न, हींग लगे न फिटकरी रंग भी चोखा होय वाली बात. मतलब दूसरे के पैसे पर मौज. 

अब ऐसा भी नहीं है की कंपनी अपने सेलर्स को तुरंत पैसे दे देती है. हमने मैचलैस इंसेप्शन नाम के फ्लिपकार्ट सेलर से बात की. उन्होंने बताया की कम से कम दो हफ्ते लगते हैं उनको पैसा मिलने में. बोले तो पैसा तो कंपनी के पास ही खेल रहा. कहने का मतलब आपका पैसा वापस देने से पहले कंपनी उससे ठीक-ठाक पैसा कमा लेती है. 

ओपन बॉक्स डिलिवरी

देखने में तो बहुत अच्छी सर्विस है. प्रोडक्ट को कंपनी के आदमी के सामने खोलो, अच्छी तरह से तसदीक करो फिर ओटीपी दो. लेकिन असल जिंदगी में ऐसा संभव है क्या? मतलब प्रोडक्ट ऑर्डर किया तो जिस दिन आने वाला है उस दिन ऑफिस से छुट्टी लेकर घर पर इंतजार करें. ऐसा नहीं होता है और कई बार हमारे परिवार के लोग, बिल्डिंग का चौकीदार हमारे कहने पर प्रोडक्ट लेकर बिना बॉक्स खोले ओटीपी दे देता है. फिर कंपनी पल्ला झाड़ लेती है. लैपटॉप वाले केस में तो कस्टमर के पास सीसीटीवी फुटेज भी था, लेकिन कंपनी ने हाथ खड़े कर दिए. अब आप देख लीजिए ऑर्डर करना है या छुट्टी लेना है.

हमने इस मसले पर कंपनी को अप्रोच किया है और कुछ सवाल भी किए हैं. जैसे क्या कंपनी गलत प्रोडक्ट बेचने वाले सेलर्स को ब्लैकलिस्ट करती है? डूप्लिकेट सामान के बदले असली सामान ग्राहक को देती है. कीमत पुरानी मिलेगी क्या? कोई हर्जाना भी मिलेगा क्या? कांड कर कौन रहा जैसे कंपनी खुद, उसके सप्लाई चेन वाले या फिर डिलिवरी करने वाले? हमने पूछा है कि अगर कोई पकड़ा जाता है तो फिर क्या एक्शन लिया जाता है. खबर लिखे जाने तक जवाब आया नहीं है. अगर आता है तो हम आपसे साझा जरूर करेंगे.

वीडियो: आईफोन 13 की सेल में क्या कांड हुआ जो फ्लिपकार्ट को मेल कर सफाई देनी पड़ी