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मां की मौत के बाद छुट्टी से लौटा, Google ने ऐसा गंदा काम किया कि आंसू निकल आए!

'मैंने सोचा था मां के आख़िरी दिनों के बारे में लिखूंगा, लेकिन अब..'

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गूगल ने एलान किया था कि वो 12,000 लोगों को निकालने वाले हैं. (सांकेतिक तस्वीर)

IT सेक्टर में बेहिसाब छंटनी (layoff) हो रही है. रोज़ बड़ी-बड़ी कंपनियों से ऐसी ख़बरें आ रही हैं. एक झटके में कंपनियां हज़ारों इम्प्लॉइज़ को बेरोज़गार कर दे रही हैं. और, इस झटके का जो असर हो रहा है, उसकी ख़बरें भी आ रही हैं. गूगल (Google) के एक सॉफ़्टवेयर इंजीनियर ने बताया कि वो अपनी मां के श्राद्ध से लौटा ही था और चार दिन बाद कंपनी ने अचानक उसे निकाल दिया.

व्यक्ति का नाम टॉमी योर्क है. टॉमी की नौकरी गूगल ने कथित तौर पर छीन ली. टॉमी ने अपनी आपबीती प्रोफ़ेशन नेटवर्किंग साइट लिंक्डइन पर लिखी. कैंसर की वजह से टॉमी की मां बीते दिसंबर में गुज़र गई थीं. उसने सोचा था कि मां के गुज़रने के बारे में लिखेगा. उनकी पीड़ा में बीते दिनों के बारे में लिखेगा. महीनों के अवसाद और दुख से निपटा, इस बारे में लिखेगा. और, लिखा कि ये कमज़ोर क्षण में हमला करने जैसा है. लिखा,

"किसी और दुनिया में शायद मैं अभी अपनी कैंसर-पीड़ित मां के साथ रहने के बारे में लिखता. लिखता कि कैसे स्पेस लेना ज़रूरी है. मानसिक स्वास्थ्य के बारे में लिखता, जिसकी खुलकर और ईमानदारी से बात करना गूगल जैसी कंपनियों की संस्कृति का हिस्सा था. या ये लिखता कि महीनों की चिंता, तनाव और दुःख को कम करने के लिए मैंने समय कैसे बिताया. बजाय इसके, मैं थक गया हूं और निराश हूं.

हालांकि, मैंने अपने से भी ख़राब स्थिति वाले लोगों की कहानयां सुनी हैं. लेकिन ये अभी भी चेहरे पर एक थप्पड़ की तरह लग रहा है. जो आपको तब मारा गया हो, जब आप गिरे हुए हों.. टूटे हुए हों."

टॉमी ने बताया कि उन्होंने दिसंबर, 2021 में गूगल जॉइन किया था और उनकी मां को फरवरी, 2022 में स्टेज-IV पैंक्रियाटिक कैंसर डायग्नोस हुआ था. ये वो समय था जब उनके ओरिएंटेशन प्रोग्राम ख़त्म ही हुए थे और उन्हें प्रोजेक्ट्स मिलने शुरू. दफ़्तर में सब कुछ ख़ुद ही करना था और इसी में मां को डॉक्टरों के पास ले जाते रहना भी था.

"और कंपनियां हैं. हमेशा ही काम करने के अवसर होंगे. लेकिन मां-बाप एक ही बार मरते हैं. मैं आभारी हूं कि मैंने वो समय और एनर्जी अपनी मां के साथ ख़र्च की. न कि एक ऐसी कंपनी के लिए, जो किसी शुक्रवार की ठंडी सुबह ये तय कर देती है कि मैं उनके काम का नहीं."

गूगल ने पिछले हफ़्ते घोषणा की थी कि वो 12 हज़ार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहे हैं. दुनिया की सबसे दिग्गज टेक कंपनी में छंटनी की इस ख़बर से सब चौंके भी थे और नहीं भी. आर्थिक अनिश्चितता के इस दौर में ये ख़बरें बहुत समय से आ रही हैं.

"गूगल का सबसे बड़ी ताक़त क्या है? वहां काम कर रहे सॉफ़्टवेयर इंजीनियर्स. वो वहां इसलिए रहते हैं कि गूगल उन्हें बढ़ने की आज़ादी देता है. एक हेल्दी संस्कृति बनने में सालों लेती है और टूटने में क्षण भर" - ये भी टॉमी ने अपनी पोस्ट में लिखा था.

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