पर्सनल लोन देने वाले ऐप्स (Personal Loan Apps) को लेकर Google ने अपनी पॉलिसी में बड़े बदलाव किए हैं. ऐसा लगता है कि इन ऐप्स के फर्जीवाड़े को लेकर यूज़र्स को हो रही परेशानी को दूर करने का ठेका गूगल ने ही उठाया है. अब लोन देने वाले ऐप्स को Google Play Store पर बने रहने के लिए कुछ जरूरी कागज दिखाने ही पड़ेंगे. पॉलिसी में किए गए ये बदलाव गूगल ने तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए हैं.
करीब एक-दो साल में हमारा और आपका सामना कई ऐसी खबरों से हुआ है जिनमें लोन देने वाले प्लेटफॉर्म द्वारा कर्जदार को मानसिक तौर पर परेशान करने की बात सामने आई है. इनमें से ज्यादातर ऐप्स का काम पर्सनल लोन से जुड़ा हुआ है. पर्सनल लोन वो लोन है जिसे हम घर खरीदने या पढ़ाई का खर्च उठाने या अन्य किसी काम के लिए लेते हैं. ये लोन देने वाले ऐप्स चंद मिनट में पैसे तो रिलीज कर देते हैं, लेकिन इनके फर्जीवाड़े और कर्ज देने के बाद टॉर्चर करने के किस्से आजकल बहुत आम हैं. कुछ रिपोर्टों के मानें तो कुछ लोग इनके चक्कर में अपनी जान से भी हाथ धो बैठे हैं. अब उम्मीद लगाई गई है कि गूगल की नई डेवलपर पॉलिसी के प्रभाव में आ जाने से इन पर रोक लगेगी.
गूगल के मुताबिक, अब डेवलपर्स को पर्सनल लोन ऐप डिक्लेरेशन को पूरा करना होगा. डिक्लेयरेशन से जुड़े सभी जरूरी प्रमाण पत्र गूगल के साथ साझा करने ही होंगे. बता दें कि इन प्लेटफॉर्म्स को ऐप चलाने के लिए सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स को भी सब्मिट करना होगा.
गूगल पर्सनल लोन ऐप का रिव्यू, बोले तो समीक्षा करेगा और इसके लिए ऐप को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का लाइसेंस भी साझा करना होगा. बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के लाइसेंस के पर्सनल लोन ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर में कोई जगह नहीं मिलने वाली.
आप वसूली भाई हो या नियम कायदे मानने वाले, पर्सनल लोन ऐप्स को अब अपने काम करने का पूरा तरीका गूगल को बताना होगा. वो खुद पैसा उधार देते हैं या बिचौलिये हैं, ये भी बताना होगा. लोन किसी अन्य रजिस्टर्ड गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) या बैंक के ज़रिए उपलब्ध कराया जाएगा, इस पर भी स्थिति साफ करनी होगी.
स्टार मार्क, बोले तो 'टर्म्स एंड कंडीशन अप्लाई' डालकर छोटे-छोटे शब्दों में कुछ भी लिखने के दिन गए. अब पर्सनल लोन देने वाले ऐप्स को साफ-साफ बताना होगा कि कर्ज की राशि कहां से मुहैया कराई जा रही है. यानी रजिस्टर्ड एनबीएफसी और बैंकों के नाम डिटेल के साथ बताने होंगे.
डेवलपर और बिजनेस का नाम मिलना चाहिए. ये नहीं चलने वाला कि ऐप चल रहा है राम के नाम से और कंपनी रजिस्टर्ड है श्याम के नाम से. कहने का मतलब है कि जिस नाम पर लोन देने के काम का लाइसेंस है, वही नाम डेवलपर अकाउंट में भी दिखना चाहिए.
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