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ये ट्रिक्स आपको लो-लाइट स्मार्टफोन फोटोग्राफी का मास्टर बना देंगी

नाइट कैमरा हर स्मार्टफोन में अलग-अलग होता है. उसको बस अच्छे से यूज करना आना चाहिए.

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लो-लाइट इमेज. (credit-pexels)

दिवाली के साथ आती है दिये की रोशनी और झिलमिलाती झालरों की चमक. सितारों जैसी टिमटिमाती लाइटिंग और रोशनी में नहाई हुई रातें त्योहार का मजा दोगुना कर देती हैं. इसी चमक के साथ आती है नाइट फोटोग्राफी. गए वो जमाने, जब एक अदद लो लाइट फोटो के लिए कितने ही जतन करने पड़ते थे. अब तो हर स्मार्टफोन कैमरे का जरूरी फीचर है नाइट कैमरा. लेकिन हकीकत का एक पहलू ये भी है कि अभी भी लो-लाइट वाले फोटो उतने अच्छे नहीं आते, जितने वाकई में आने चाहिए. तो क्या स्मार्टफोन कैमरे में गड़बड़ी है? नहीं, हमारा फोटो क्लिक करने का तरीका थोड़ा सही नहीं है. लेकिन अगर आपने हमारी कुछ बातें मानीं तो नाइट फोटोग्राफी में आपको मास्टर होने में देर नहीं लगेगी.

नाइट मोड है क्या?

ये जानना बेहद जरूरी है, क्योंकि स्मार्टफोन कितना ही स्मार्ट क्यों ना हो जाए वो रहेगा तो फोन ही. DSLR तो बन नहीं जाएगा. कहने का मतलब नाइट मोड एक सॉफ्टवेयर फीचर है, हार्डवेयर नहीं. लेंस की साइज से लेकर अपरचर तक सब नॉर्मल ही होता है, लेकिन सॉफ्टवेयर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बढ़िया फोटो निकल कर सामने आता है.

नाइट फोटोग्राफी की असली दुश्मन है लो-लाइट. अब लाइट कम होगी, तो फोटो में नॉइस पैदा होगा. यहां नॉइस से मतलब आवाज नहीं बल्कि फोटो के कलर-कॉन्फिग्युरेशन से है. जब हम नॉर्मल कैमरे से फोटो कैप्चर करते हैं, तो रंगों की वाइब्रेन्सी कम हो जाती है. नतीजा, फाइनल इमेज बुझी-बुझी सी लगती है. अब जिस सॉफ्टवेयर की बात हम कर रहे हैं, वो मशीन लर्निंग से रंगों के खेल का ध्यान रखता है. आपने नोटिस किया होगा, जब भी नाइट फोटो क्लिक करते हैं तो उसको प्रोसेस होने में मिली सेकंड लगता है. ऐसा इसलिए क्योंकि एक तो कैमरा एक साथ कई फोटो क्लिक करता है और उसी समय सॉफ्टवेयर अपना काम कर रहा होता है. तब जाकर मिलती है एक बढ़िया लो लाइट इमेज.

इमेज-गूगल AI
एक जैसा नहीं होता नाइट मोड

सारे स्मार्टफोन में एक जैसा नाइट मोड नहीं होता है. ये बात समझना आपके लिए बहुत जरूरी है. आजकल ज्यादातर स्मार्टफोन ये कहकर बेचे जाते हैं कि उनमें नाइट मोड है. लेकिन सच बात ये है कि कहानी जितना गुड़ डालो उतना मीठा वाली है. कहने का मतलब एक बजट स्मार्टफोन, मिडरेंज और फ्लैग्शिप में नाइट मोड अलग-अलग काम करेगा. गूगल पिक्सल की नाइट फोटोग्राफी को आप एक बजट सेगमेंट स्मार्टफोन से नहीं जोड़ सकते. इसके पीछे सेंसर, प्रोसेसर से लेकर सॉफ्टवेयर तक का अहम रोल होता है.

इमेज-गूगल AI
नाइट फोटो लेना कैसे है 

# सबसे बड़ा बेसिक है कि जितनी लाइट मिल सके उसको छोड़िए नहीं. मतलब अगर आपको रात में पर्याप्त लाइट सोर्स मिल रहे हैं तो गहरे अंधरे (pitch black) में क्लिक करने की क्या ही जरूरत है. 

# दूसरी बात, थोड़ा ठंड रखिए मतलब फोटो क्लिक होते समय स्थिर खड़े रहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि आमतौर पर सारे स्मार्टफोन में OIS (Optical Image Stabilization) होता नहीं है और अगर होता है तो नाइट मोड के साथ काम नहीं करता. इसलिए आप जितने स्टेबल रहेंगे, उतनी ही अच्छी इमेज के चांस बढ़ जाएंगे. 

# अगर आपके स्मार्टफोन में नाइट मोड में टाइमर का ऑप्शन है तो उसको इस्तेमाल कीजिए. ऐसा करने से कैमरे को थोड़ा और वक्त मिलेगा इमेज कैप्चर करने के लिए. 

# फोटो के एंगल का ध्यान रखिए. जैसे सीधे सूरज की रोशनी की तरफ कैमरा करने से फोटो अच्छे नहीं आते, वैसे ही आस-पास की लाइट का एंगल आपकी फोटो खराब कर सकता है. बल्ब की रोशनी सीधी लाइन जैसे आपकी फोटो में धमक सकती है. इसलिए ध्यान रखिए की आपके ऑब्जेक्ट पर लाइट ढेर सारी और एक ही दिशा से नहीं आए. 

# अब इतना करने के बाद भी मन नहीं भरे और अच्छा फोटो नहीं आए, तो सॉफ्टवेयर का सहारा लेने में कोई बुराई नहीं है. आजकल के स्मार्टफोन में बढ़िया एडिटिंग टूल्स होते हैं. आप गूगल एक स्नैपशीड और अडोब फोटोशॉप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. दोनों ही फ्री हैं. 

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