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नई पीढ़ी के लिए Instagram, Tik Tok का ये काम Google की बादशाहत खत्म ना कर दे!

युवाओं का एक बड़ा हिस्सा, खासकर जेनरेशन Z, अब इंटरनेट सर्च के लिए इन सोशल मीडिया ऐप्स इस्तेमाल कर रहा है.

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सर्च के लिए युवा अब गूगल की जगह दूसरे ऐप्स को तरजीह दे रहे(image-prashant)

टेक की दुनिया में अजर-अमर-अजेय टाइप की उपाधि देना हो तो किसका नाम सबसे पहले आएगा. बिला शक Google का. टेक दिग्गज, सर्च जायंट, स्मार्टफोन का बादशाह, मतलब तारीफ करना चालू करें तो जबान थक जाए. लेकिन अगर हम कहें कि गूगल का साम्राज्य (google loosing his crown) हिल रहा है, उसकी बादशाहत पर खतरा है तो आपको कोरी गप लगेगी.

मत मानिए हमारी लेकिन गूगल के सीनियर वायस प्रेसिडेंट की तो मानेंगे ना. 

कौन Google में सेंध लगा रहा?

आज की मिलेनियल जनरेशन से कुछ भी सर्च करने को बोलो तो वो सीधे गूगल पर कूदी मारेंगे. कई तो कहते मिल जाएंगे कि सर्च वर्ड को गूगल से रिप्लेस कर दो. लेकिन अब आप कुर्सी की पेटी बांध लीजिए. झटका लगेगा जोर का क्योंकि इन्हीं मिलेनियल ने गूगल को धोखा दे दिया है. ये अब सर्च के लिए गूगल नहीं बल्कि दूसरे प्लेटफॉर्म का रुख करते हैं.

अजीब बात ये है कि जिन प्लेटफॉर्म का युवा रुख कर रहे हैं कि उनका सर्च से सीधा कोई संबंध अभी तक तो नहीं था. पूरी बात समझने के लिए चलते हैं थोड़ा पीछे.

दरअसल कुछ हफ्ते पहले गूगल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट Prabhakar Raghavan ने एक चर्चित टेक सम्मेलन में ऐसा कुछ बताया जो बेहद चौंकाने वाला था. प्रभाकर ने कहा कि लगभग 40 पर्सेंट युवा, खासकर जनरेशन जेड, सर्च के लिए आजकल Instagram और Tik Tok जैसे सोशल मीडिया ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं.

राघवन ने आगे कहा, 

हम बार-बार सीखते रहते हैं कि नए इंटरनेट यूजर्स की अपेक्षाएं और मानसिकता वैसी नहीं हैं, जिनके हम आदी हैं. वे जो प्रश्न पूछते हैं वे पूरी तरह से अलग हैं. ये यूजर्स कीवर्ड टाइप नहीं करते हैं, बल्कि नए, अधिक इमर्सिव तरीकों से कंटेंट की खोज करते हैं.

अब कमाल बात ये कि जब ये बात बोली जा रही थी तब सोशल मीडिया पर वो नहीं हुआ था जो इस बात पर मुहर लगाता. हुआ यूं कि कुछ दिन पहले इंस्टाग्राम ने अपने प्लेटफॉर्म पर मैप्स फीचर लॉन्च किया था. अभी तक पोस्ट या रील्स पर कोई जगह टैग होती थी तो उसमें मैप जैसा कुछ नहीं होता था. कहने का मतलब अगर किसी जगह का जिक्र है तो उस पर जाने के लिए आपको गूगल या दूसरे किसी मैप्स पर जाकर टाइप करके सर्च करना होता था. लेकिन नई अपडेट के बाद इंस्टा ऐप से टैग की हुई जगह पर आप सीधे पहुंच सकते हैं. ये फीचर इतना जरूरी था कि खुद मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने आकर इसका ऐलान किया. इस फीचर के आने से एक बात तो कन्फर्म हुई कि गूगल के वॉइस प्रेसिडेंट की चिंता वाजिब थी.

हमने जब इसके बारे में और पता लगाया तो कुछ और दिलचस्प पता चला. दरअसल नई पीढ़ी का गूगल से मोहभंग होने में कोविड पैन्डेमिक का भी योगदान है. इस महामारी के दौरान लोग बड़ी-बड़ी स्टोरी या फिर बड़े-बड़े वीडियो देखने के बजाय कुछ मिनट वाली क्लिप में ज्यादा रुचि दिखाए. आप इसको आलसीपन कहो या फिर नूडल्स स्टाइल टाइम का जलवा. भाई आप गूगल पर कुछ खोजेंगे तो उसको पूरा पढ़ना पड़ेगा और इसकी एक टाइम लिमिट होती है. ऐसा ही गूगल के दूसरे प्लेटफॉर्म यूट्यूब के साथ भी है. मतलब YouTube का अंदाज-ए-बयान सिर्फ एक मिनट वाला फिलहाल तो है नहीं.

ऐसे में सब कुछ जल्दी-जल्दी जानने के लिए नई पीढ़ी के लिए इंस्टा और TikTok सबसे मुफीद जगह बनकर उभरे हैं. जितनी देर में मतलब एक मिनट में आप सोचोगे की क्या खाना है, उतनी देर में तो इन ऐप्स पर खाने की पूरी रेसिपी तैयार मिल जाएगी. इंस्टा का मैप्स फीचर इसमें तड़के का काम करेगा वो अलग.

अब तक आपको समझ आ गया होगा कि क्यों हमने कहा कि गूगल की जमीन खिसक रही है.

गूगल के साथ ऐसा क्यों हो रहा?

इसको ऐसे मत देखिए कि हम कोई सलाह दे रहे. हमें कोई भ्रम भी नहीं कि बस इतने भर से दुनिया के सबसे सर्च इंजन को आउटशाइन किया जा सकता है. बात सर्च के तरीके और व्यवहार की है. गूगल पर रेटिंग चेक करने में या यूट्यूब पर एक वीडियो देखने पर लगने वाले वक्त में बहुत सारी रील्स देखी जा सकती हैं. डिमांड और सप्लाई वाली बात. ये गूगल को समझना होगा कि मिलेनियल की डिमांड की सप्लाई का बड़ा सोर्स अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं.

गूगल का क्या नुकसान हो सकता है?

इसमें कोई शक नहीं कि पहले गूगल सर्च, फिर यूट्यूब ने हमारे सर्च के अनुभव को बदला. लेकिन ये तब तक ठीक था जब तक TikTok पैदा नहीं हुआ था. आपको लगेगा TikTok क्यों. तो जनाब शॉर्ट वीडियो तो इनकी ही देन है, भले आज रील्स और यूट्यूब शॉर्ट्स क्यों ना आ गए हों. TikTok इसलिए भी, क्योंकि यही वो प्लेटफॉर्म है जिसने पिछले साल वेबसाइट रैंकिंग में सालों बाद गूगल को दूसरे नंबर पर धकेल दिया.

बात नुकसान की करें तो फिलहाल ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा. Q4 2021 की Earnings Report के मुताबिक कंपनी ने 75 बिलियन डॉलर (करीब 5967 अरब रुपये) का रेवेन्यू जनरेट किया. कोई अचरज नहीं कि सबसे बड़ा हिस्सा गूगल सर्च का था. 3420 करोड़ रुपये से भी ज्यादा. 

ऊपर से भले ये शानदार लगे, लेकिन जानकार कुछ और संकेत देते हैं. जाने माने सोशल मीडिया कंसल्टेंट Matt Navarra ने अपने एक ट्वीट में कहा, 

इस साल के अंत तक अमेरिका में मार्केटिंग पर विज्ञापनदाताओं द्वारा खर्च की जाने वाली राशि की बात करें तो TikTok फेसबुक से आगे निकल जाएगा. और यह 2024 तक YouTube को हरा देगा. 

कहने का मतलब जमीन खिसकने की शुरुआत यूट्यूब से होगी. दूसरी तरफ TikTok तकरीबन 200 पर्सेंट से बढ़ेगा, ऐसा Barclays का अनुमान है. अब ये सारे आंकड़े गूगल के नुकसान की तरफ ही इशारा करते हैं.

गूगल क्या कर रही?

इस साल Google मैप्स में कुछ बड़ी अपडेट लाई, जो यूजर्स को न केवल यह देखने की अनुमति देती हैं कि मैप्स पर एक रेस्तरां या दर्शनीय स्थल कहां है, बल्कि कुछ बेहतरीन एंड्रॉइड फोन पर उस जगह को 3D में देखने की सुविधा भी मुहैया कराती हैं. कंपनी Google Maps Live View भी जोड़ रही है, जिससे स्टेडियम में सीटों की तलाश करना या स्टोर में रेस्तरां ढूंढना थोड़ा आसान हो जाएगा. यहां एक जरूरी बात. ये फीचर किसी भी जनरेशन Z को बोरिंग ही लगेंगे. 

गूगल को क्या करना चाहिए?

Google को या तो एक स्टैंडअलोन YouTube शॉर्ट्स ऐप बनाना चाहिए, या शॉर्ट्स से वीडियो को मैप्स में शामिल करना चाहिए. इस तरह जब कोई मैप्स में कुछ खोजना चाहे तो अपनेआप ही छोटे रिव्यू बनाने वाले लोगों के वीडियो दिखाई देने लगेंगे. कंपनी हमारी नहीं तो मूर इनसाइट्स एंड स्ट्रैटेजी के एक वरिष्ठ विश्लेषक अंशेल साग की मान ले जो कहते हैं,

“Google को मुख्य रूप से YouTube और YouTube शॉर्ट्स पर खोज को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, क्योंकि अंततः, टिकटॉक और इंस्टाग्राम पर लोगों के प्रश्न कॉन्टेन्ट पर आधारित होते हैं जो उनके अंदर और उत्सुकता बनाता है.”

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