देश-दुनिया में रोज कुछ ना कुछ वायरल होता है, ट्रेंड हो जाता है. आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बहुत वायरल है. AI से बने फोटो (Lensa App) खूब धमाल मचाए हुए हैं. इंस्टाग्राम पर बाकायदा फ़िल्टर और हैशटैग बन गए हैं. क्या आम और क्या खास, सब इसकी पोस्ट डाले जा रहे हैं. अब ऐसे में ये जानना तो बनता है कि आखिर माजरा क्या है? वैसे AI तो सालों से है, लेकिन OpenAI के ChatGPT ने इसका माहौल बना दिया है. क्या है ये ऐप और क्या कर रहा है, वो आप यहां क्लिककरके पढ़ सकते हैं. हम आगे बढ़ते हैं.
कॉमेडियन शुभम गौर की इंस्टा पोस्ट पर नजर डालिए. AI की मदद से बनी तस्वीरों और उसके ऐप के बारे में बता रहे हैं.
ऐक्टर गजराज राव भी इससे बच नहीं पाए. AI की मदद से बनी फोटो शेयर करते हुए उन्होंने तो PS1 (Ponniyin Selvan: I) फिल्म के डायलॉग राइटर दिव्य प्रकाश दुबे ( Divya Praksh Dubey) से रोल की डिमांड भी कर डाली.
साफ है, AI का बुखार सभी के सिर चढ़कर बोल रहा है. अब बात उस ऐप की, जो ये कमाल करता है. ऐप का नाम है Lensa, जिसको Prisma Labs ने डेवलप किया है. ऐप एंड्रॉयड और iOS के लिए उपलब्ध है. ऐप पर आपको अपनी 10-20 सेल्फी अपलोड करनी पड़ेंगी. ऐप इसके बाद AI की मदद से इनके avatar जेनरेट करेगा. avatar की कुल 10 कैटेगरी हैं, जैसे fairy princess, focus, pop, stylish.
सेल्फ़ी और आपकी मर्जी के अनुसार रिजल्ट आने में 20 मिनट तक का भी समय लग सकता है. वैसे ऐप सिर्फ इतना ही नहीं करता है बल्कि ये एक प्रॉपर एडिटिंग और कैमरा ऐप भी है. आप इसकी मदद से शॉर्ट वीडियो भी बना सकते हैं. एडिट कर सकते हैं, बैकग्राउंड हटा सकते हैं और इमेज में से बेकार की चीजों को हटा भी सकते हैं. वैसे इतना भी जान लीजिए कि Prisma Labs और AI कोई आज का नहीं है. साल 2016 में इन्होंने AI की मदद से आपकी इमेज को फेमस लोगों के अवतार में बनाकर सुर्खियां बटोरी थीं.
दो सवाल अभी भी जेहन में रह जाते हैं. क्या ऐप फ्री है और दूसरा, इसपर आपका डेटा कितना सेफ है? ऐप मुफ़्त नहीं है, इसके लिए आपको साल के 2,499 रुपये खर्च करने पड़ेंगे. वैसे आप सात दिन का फ्री ट्रायल भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
बात करें डेटा की, तो ऐप अपनी होम स्क्रीन पर ये दावा करता है कि एक बार avatar बनने के बाद वो फोटो डिलीट कर देता है.
ऐप को लेकर कुछ बातें भी सामने आई हैं. CNN की रिपोर्टके मुताबिक, कुछ फ़ीमेल यूजर्स ने इस बात की शिकायत की है कि ऐप ने उनकी फोटोज को आपत्तिजनक avatar में बदल दिया. अब आपको ऐप का इस्तेमाल करना है या नहीं, ये आपके विवेक पर है. हालांकि, मार्केट में ऐसे और कई ऐप मौजूद हैं लेकिन डेटा प्राइवेसी की कसौटी पर कितने खरे उतरते हैं, वो सबसे बड़ा मुद्दा है.
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